मैं
एक सुपरमार्किट में अपनी खरीदी हुई वस्तुओं के भुगतान के लिए पंक्ति में खड़ा हुआ
अपने चारों ओर के लोगों को देख रहा हूँ। वहाँ कुछ किशोर थे जिनके सर मुंडे हुए थे
और कानों में बालियाँ थीं, वे विभिन्न प्रकार के अल्पाहार के पैकिट देखने और चुनने
में लगे थे; एक जवान व्यवसाय-कर्मी अपने लिए कुछ अन्य प्रकार की भोजन वस्तु देख
रहा था; एक अधेड़ महिला फलों में से चुन रही थी। मेरे मन में प्रश्न उठा है, क्या
परमेश्वर इन सब को व्यक्तिगत रीति से जानता है? क्या सँसार के सभी लोग उसके लिए
महत्वपूर्ण हैं?
परमेश्वर
का वचन बाइबल हमें सिखाती है कि सँसार की सभी वस्तुओं का सृजनहार, हम मनुष्यों का
सृजनहार भी है, और हम में से प्रत्येक जन उसके व्यक्तिगत ध्यान का पात्र है।
परमेश्वर ने हम सबके प्रति अपने इस ध्यान, चिंता और प्रेम को अपने सदेह अवतार,
प्रभु यीशु के रूप में दिखाया है, उसके जीवन, कार्यों और क्रूस पर दिए गए
बलिदान तथा पुनरुत्थान के द्वारा।
जब
प्रभु यीशु इस सँसार में थे तब उन्होंने दास का स्वरूप रखा, सबकी भलाई और सेवा में
अपने आप को लगाया, और अपने जीवन के उदाहरण से प्रत्यक्ष दिखाया कि परमेश्वर का हाथ
सँसार के छोटे से छोटे व्यक्ति की सहायत एवं भलाई के लिए भी उपलब्ध है (प्रेरितों
10:38)। प्रभु परमेश्वर के हाथों पर उन घावों के निशान हैं जो उसने हमारे प्रति अपने
प्रेम के कारण सहे, और उन घावों के साथ हम सबके व्यक्तिगत चित्र भी हैं (यशायाह 49:16)।
इसलिए
अब जब मैं कभी आत्म-ग्लानि में परेशान होता हूँ, या बाइबल में अय्यूब और सभोपदेशक
नामक पुस्तकों में दी गई अकेलेपन की अभिव्यक्ति से अभिभूत होता हूँ, तब मैं
सुसमाचारों में दी गई प्रभु यीशु की जीवनी तथा कार्यों की ओर मुड़ता हूँ, और
सान्तवना पाता हूँ के मेरा ध्यान रखने, मेरी चिंता करने वाला कोई है जो सदा मेरे
साथ बना रहता है (यूहन्ना 14:18)। ऐसे में यदि फिर भी मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचूं
कि मेरे अस्तित्व का परमेश्वर की दृष्टि में कोई महत्व नहीं है, तो मैं परमेश्वर
के इस पृथ्वी पर प्रभु यीशु मसीह के रूप में आने के प्रमुख कारण को झुठलाता हूँ।
इसलिए
यदि किसी के भी मन में प्रश्न है कि वह परमेश्वर के लिए महत्वपूर्ण है कि नहीं, तो
उसे उत्तर के लिए प्रभु यीशु की ओर देखना चाहिए। - फिलिप यैन्सी
अच्छा चरवाहा अपनी भेड़ों के लिए अपने प्राण
देता है। - प्रभु यीशु मसीह
देख, मैं ने तेरा
चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी
दृष्टि के साम्हने बनी रहती है। - यशायाह 49:16
बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:1-15
John 10:1 मैं तुम से सच सच कहता हूं,
कि जो कोई द्वार से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, परन्तु और किसी ओर से चढ़ जाता है, वह चोर और डाकू
है।
John 10:2 परन्तु जो द्वार से भीतर प्रवेश
करता है वह भेड़ों का चरवाहा है।
John 10:3 उसके लिये द्वारपाल द्वार खोल
देता है, और भेंड़ें उसका शब्द सुनती हैं, और वह अपनी भेड़ों को नाम ले ले कर बुलाता है और बाहर ले जाता है।
John 10:4 और जब वह अपनी सब भेड़ों को बाहर
निकाल चुकता है, तो उन के आगे आगे चलता है, और भेड़ें उसके पीछे पीछे हो लेती हैं; क्योंकि वे
उसका शब्द पहचानती हैं।
John 10:5 परन्तु वे पराये के पीछे नहीं जाएंगी,
परन्तु उस से भागेंगी, क्योंकि वे परायों का
शब्द नहीं पहचानती।
John 10:6 यीशु ने उन से यह दृष्टान्त
कहा, परन्तु वे न समझे कि ये क्या बातें हैं जो वह हम से
कहता है।
John 10:7 तब यीशु ने उन से फिर कहा,
मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का
द्वार मैं हूं।
John 10:8 जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी।
John 10:9 द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे
द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा
पाएगा।
John 10:10 चोर किसी और काम के लिये नहीं
परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे
जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं।
John 10:11 अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है।
John 10:12 मजदूर जो न चरवाहा है, और न भेड़ों का मालिक है, भेड़िए को आते हुए देख,
भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है, और भेड़िय़ा
उन्हें पकड़ता और तित्तर बित्तर कर देता है।
John 10:13 वह इसलिये भाग जाता है कि वह
मजदूर है, और उसको भेड़ों की चिन्ता नहीं।
John 10:14 अच्छा चरवाहा मैं हूं; जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता
हूं।
John 10:15 इसी तरह मैं अपनी भेड़ों को
जानता हूं, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूं।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 1-2
- इब्रानियों 11:1-19