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शनिवार, 21 दिसंबर 2013

अस्वीकृत ज्योति


  दिसंबर 21, 2010 के आरंभिक घंटों में मैंने वह दृश्य देखा जो इससे पहले सन 1638 में घटा था - शरद ऋतु के उच्चतम समय में होने वाला पूर्ण चन्द्रग्रहण। मेरे देखते देखते, धीरे से पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर छा गई और चमकता हुआ चांद गहरे लाल रंग का हो गया। यह एक अद्भुत और अविस्मर्णीय दृश्य था। ज्योति और अन्धकार के इस दृश्य को देखते हुए मेरा ध्यान इस बात पर गया कि यद्यपि भौतिक अन्धकार परमेश्वर की योजना का एक भाग हो सकता है लेकिन आत्मिक अन्धकार उस की योजना का भाग कतई नहीं है।
   इस संदर्भ में स्कॉटलैण्ड के एक पास्टर, एलैक्ज़ैन्डर मैक्लैरन ने कहा था, "सबसे गहन अन्धकार का कारण ज्योति की अस्वीकृति है, और जो व्यक्ति ज्योति के पास होने पर भी उस पर विश्वास नहीं करता वह अपने चारों ओर निराशा और अन्धकार के घने बादल बटोर लेता है"। प्रभु यीशु ने मनुष्यों द्वारा स्वयं ही अपने आत्मा और मन पर थोपे गए इस अन्धकार के विष्य में कहा, "परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा; इस कारण वह उजियाला जो तुझ में है यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा" (मत्ती 6:23)।
   क्रिसमस का यह अवसर संसार के सभी लोगों को निमंत्रण है कि वे पाप के अन्धकार को दूर करने वाले उद्धारकर्ता तथा जगत की ज्योति प्रभु यीशु को अपने अन्दर आने के निमंत्रण देकर अपने अन्दर के अन्धकार से बाहर निकल कर सच्ची ज्योति में रहने लगें: प्रभु यीशु ने कहा: "जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो कि तुम ज्योति के सन्तान होओ।" "मैं जगत में ज्योति हो कर आया हूं ताकि जो कोई मुझ पर विश्वास करे, वह अन्धकार में न रहे" (यूहन्ना 12:36, 46)।
   परमेश्वर ने पाप के अन्धकार को दूर करने वाली ज्योति संसार में भेजी है, आपने उसे स्वीकृत किया है या अस्वीकृत? - डेविड मैक्कैसलैंड


जब हम ज्योति में चलेंगे तो अन्धकार में ठोकर नहीं खाएंगे।

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: यूहन्ना 12:35-46
John 12:35 यह मनुष्य का पुत्र कौन है? यीशु ने उन से कहा, ज्योति अब थोड़ी देर तक तुम्हारे बीच में है, जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है तब तक चले चलो; ऐसा न हो कि अन्धकार तुम्हें आ घेरे; जो अन्धकार में चलता है वह नहीं जानता कि किधर जाता है। 
John 12:36 जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो कि तुम ज्योति के सन्तान होओ। ये बातें कहकर यीशु चला गया और उन से छिपा रहा। 
John 12:37 और उसने उन के साम्हने इतने चिन्ह दिखाए, तौभी उन्होंने उस पर विश्वास न किया। 
John 12:38 ताकि यशायाह भविष्यद्वक्ता का वचन पूरा हो जो उसने कहा कि हे प्रभु हमारे समाचार की किस ने प्रतीति की है? और प्रभु का भुजबल किस पर प्रगट हुआ? 
John 12:39 इस कारण वे विश्वास न कर सके, क्योंकि यशायाह ने फिर भी कहा। 
John 12:40 कि उसने उन की आंखें अन्‍धी, और उन का मन कठोर किया है; कहीं ऐसा न हो, कि आंखों से देखें, और मन से समझें, और फिरें, और मैं उन्हें चंगा करूं। 
John 12:41 यशायाह ने ये बातें इसलिये कहीं, कि उसने उस की महिमा देखी; और उसने उसके विषय में बातें कीं। 
John 12:42 तौभी सरदारों में से भी बहुतों ने उस पर विश्वास किया, परन्तु फरीसियों के कारण प्रगट में नहीं मानते थे, ऐसा न हो कि आराधनालय में से निकाले जाएं। 
John 12:43 क्योंकि मनुष्यों की प्रशंसा उन को परमेश्वर की प्रशंसा से अधिक प्रिय लगती थी। 
John 12:44 यीशु ने पुकारकर कहा, जो मुझ पर विश्वास करता है, वह मुझ पर नहीं, वरन मेरे भेजने वाले पर विश्वास करता है। 
John 12:45 और जो मुझे देखता है, वह मेरे भेजने वाले को देखता है। 
John 12:46 मैं जगत में ज्योति हो कर आया हूं ताकि जो कोई मुझ पर विश्वास करे, वह अन्धकार में न रहे।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 4-5 
  • प्रकाशितवाक्य 12