अपने लेख Leading By Name में लेखक मार्क लैबर्टन ने नाम की पहचान और सामर्थ के बारे में लिखा है। उन्होंने कहा: "मेरे एक संगीतप्रेमी मित्र द्वारा कही गई बात का प्रभाव मुझे अभी तक याद है; उस मित्र ने मुझे भी संगीतप्रेमी कहा। आज तक कभी किसी ने मुझे इस संबोधन से नहीं बुलाया था। मैं कोई वाद्य नहीं बजाता और ना ही एकल गीत गाता हूँ, लेकिन उस मित्र द्वारा मुझे यह कहे जाते ही मुझे लगा कि मेरी भी एक पहचान है, लोग मेरे अन्दर विद्यमान किसी गुण के लिए मुझे भी चाहते हैं, पहचानते हैं, मुझे मान्यता देते हैं, मेरा आदर करते हैं।"
संभवतः कुछ ऐसा ही शमौन को लगा होगा जब प्रभु यीशु ने उसे एक नया नाम दिया - कैफा। जब अन्द्रियास ने जान लिया कि यीशु ही वह प्रतीक्षित जगत का उद्धारकर्ता मसीहा है तो वह तुरंत अपने भाई शमौन के पास गया और उसे प्रभु यीशु के पास लेकर आया। (यूहन्ना 1:41-42)। जब शमौन प्रभु यीशु से मिला तब अवश्य ही प्रभु ने उसके अन्तःकरण में झाँक कर देखा होगा, और उसके अन्दर पाए जानी वाली किसी विशेष बात को पहचानकर उसे मान्यता दी, आदर दिया। हाँ, प्रभु यीशु ने उसके अन्दर छिपी और बातें भी देखी होंगी - वह आवेश में आकर कार्य करने वाला व्यक्ति है जिससे उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वह बार बार हार जाता है। लेकिन इन सब खामियों से बढ़कर प्रभु यीशु ने यह भी देखा होगा कि शमौन में आगे चलकर मण्डली का अगुवा बनने की संभावना है। प्रभु यीशु ने उसे कैफा कहा, जिसका अर्थ है चट्टान (यूहन्ना 1:42; मत्ती 16:18)।
यही हमारे लिए भी होता है। परमेश्वर हमारे अन्दर की हर बात को देखता और जानता है। उसे हमारे अहंकार, क्रोध, दूसरों के प्रति प्रेम की कमी इत्यादि सब पता है; लेकिन वह यह भी जानता है कि प्रभु यीशु मसीह में विश्वास ले आने के कारण हम क्या हो गए हैं। इसीलिए वह हमारी प्रभु यीशु में आने से बनी नई पहचान के सूचक संबोधन देता है; परमेश्वर हमें धर्मी ठहराए हुए तथा परमेश्वर से मेल-मिलाप पाए हुए (रोमियों 5:9-10), क्षमा प्राप्त किए हुए, पवित्र और प्रीय (कुलुस्सियों 2:13; 3:12); चुने हुए तथा विश्वासयोग्य (प्रकाशितवाक्य 17:14) कहता है। ये सभी संबोधन, जिस दृष्टिकोण से अब परमेश्वर हमें देखता है उसके अनुरूप उसके द्वारा दी गई हमारी पहचान हैं।
परमेश्वर की नज़रों में आप क्या हैं इसे कभी नहीं भूलें; अपनी पहचान के अनुसार अपना चाल-चलन बनाए रखें, वही आपकी परिभाषा होगी। - मार्विन विलियम्स
मसीह यीशु में होकर आपको मिलने वाली पहचान को कोई कभी चुरा नहीं सकता।
जब अन्यजातियां तेरा धर्म और सब राजा तेरी महिमा देखेंगे; और तेरा एक नया नाम रखा जाएगा जो यहोवा के मुख से निकलेगा। - यशायाह 62:2
बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:35-42
John 1:35 दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे।
John 1:36 और उसने यीशु पर जो जा रहा था दृष्टि कर के कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है।
John 1:37 तब वे दोनों चेले उस की यह सुनकर यीशु के पीछे हो लिए।
John 1:38 यीशु ने फिरकर और उन को पीछे आते देखकर उन से कहा, तुम किस की खोज में हो? उन्होंने उस से कहा, हे रब्बी, अर्थात (हे गुरू) तू कहां रहता है? उसने उन से कहा, चलो, तो देख लोगे।
John 1:39 तब उन्होंने आकर उसके रहने का स्थान देखा, और उस दिन उसी के साथ रहे; और यह दसवें घंटे के लगभग था।
John 1:40 उन दोनों में से जो यूहन्ना की बात सुनकर यीशु के पीछे हो लिये थे, एक तो शमौन पतरस का भाई अन्द्रियास था।
John 1:41 उसने पहिले अपने सगे भाई शमौन से मिलकर उस से कहा, कि हम को ख्रिस्तुस अर्थात मसीह मिल गया।
John 1:42 वह उसे यीशु के पास लाया: यीशु ने उस पर दृष्टि कर के कहा, कि तू यूहन्ना का पुत्र शमौन है, तू केफा, अर्थात पतरस कहलाएगा।
एक साल में बाइबल:
- 2 राजा 7-10