सेवा निवृत भौतिक शास्त्री, अरे वेन्ट रीट, बहुत ही असामान्य विधि से कलाकृतियाँ बनाते हैं। वे पौधों और मरे हुए पशुओं को अलग-अलग प्रकार से रखकर उनका एक्स-रे उतारते हैं। फिर उन एक्स-रे फिल्मों को स्कैन करके उन्हें अपने कंप्यूटर में ले लेते हैं, और कंप्यूटर से उन चित्रों के कुछ भागों में रंग भरते हैं। उनकी ये कलाकृतियाँ फूलों, मछलियों, पक्षियों, रेंगने वाले जन्तुओं, बन्दरों आदि की रचना की भीतरी जटलिताओं को दिखाता है।
किसी वस्तु के अन्दर का दृश्य बहुधा उसके बाहरी रूप से अधिक रोचक, सार्थक और महत्वपूर्ण होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भी परमेश्वर ने इस बात को बताया है कि परमेश्वर हमारे बाहरी स्वरूप का नहीं वरन हमारे मन का आँकलन करता है। जब परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वक्ता शमूएल को यिशै के घर भेजा कि अपनी प्रजा इसत्राएल के नए राजा का अभिषेक करे, तो वहाँ पहुँच कर जब शमूएल ने एलियाब को देखा तो उसे लगा कि इस्त्राएल का नया राजा वह ही होगा (1 शमूएल 16:6)। परन्तु परमेश्वर ने शमूएल को चिताया कि वह एलियाब के शारीरिक गुणों को ना देखे; परमेश्वर ने कहा, "...क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है" (1 शमूएल 16:7)। फिर परमेश्वर ने एलियाब को नहीं वरन दाउद को इस्त्राएल का नया राजा होने के लिए नियुक्त किया।
जब परमेश्वर हमें देखता है तो वह हमारे डील-डौल की अपेक्षा हमारे हृदय की दशा में, हमारे चेहरे की बनावट की अपेक्षा हमारी आत्मा की दशा में अधिक रुचि रखता है। अपने कार्यों के लिए वह हमें आयु में बहुत वृद्ध या बहुत कम, आकार में बहुत बड़ा या बहुत छोटा करके नहीं देखता है। वह केवल उस मुख्य बात पर अपना ध्यान केंद्रित करता है जो सबसे महत्वपूर्ण है - उसके प्रेम के प्रति हमारा प्रत्युत्तर और उसके लोगों के प्रति हमारी चिन्ता (मत्ती 22:37-39)। बाइबल में 2 इतिहास 6:30 में लिखा है कि मनुष्य के हृदय की दशा को केवल परमेश्वर ही जानता है।
जब प्रभु परमेश्वर, जिसने हमारे लिए इतना कुछ किया है, हमारे हृदय के अन्दर देखता है तो उसे क्या दृश्य दिखाई देता है? - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
व्यक्ति के सही आँकलन का माप उसके हृदय की दशा है।
तो तू अपने स्वगींय निवासस्थान से सुन कर क्षमा करना, और एक एक के मन की जानकर, उसकी चाल के अनुसार उसे फल देना; (तू ही तो आदमियों के मन का जानने वाला है); - 2 इतिहास 6:30
बाइबल पाठ: 1 शमूएल 16:1-7
1 Samuel 16:1 और यहोवा ने शमूएल से कहा, मैं ने शाऊल को इस्राएल पर राज्य करने के लिये तुच्छ जाना है, तू कब तक उसके विषय विलाप करता रहेगा? अपने सींग में तेल भर के चल; मैं तुझ को बेतलेहेमी यिशै के पास भेजता हूं, क्योंकि मैं ने उसके पुत्रों में से एक को राजा होने के लिये चुना है।
1 Samuel 16:2 शमूएल बोला, मैं क्योंकर जा सकता हूं? यदि शाऊल सुन लेगा, तो मुझे घात करेगा। यहोवा ने कहा, एक बछिया साथ ले जा कर कहना, कि मैं यहोवा के लिये यज्ञ करने को आया हूं।
1 Samuel 16:3 और यज्ञ पर यिशै को न्योता देना, तब मैं तुझे जता दूंगा कि तुझ को क्या करना है; और जिस को मैं तुझे बताऊं उसी को मेरी ओर से अभिषेक करना।
1 Samuel 16:4 तब शमूएल ने यहोवा के कहने के अनुसार किया, और बेतलहेम को गया। उस नगर के पुरनिये थरथराते हुए उस से मिलने को गए, और कहने लगे, क्या तू मित्रभाव से आया है कि नहीं?
1 Samuel 16:5 उसने कहा, हां, मित्रभाव से आया हूं; मैं यहोवा के लिये यज्ञ करने को आया हूं; तुम अपने अपने को पवित्र कर के मेरे साथ यज्ञ में आओ। तब उसने यिशै और उसके पुत्रों को पवित्र कर के यज्ञ में आने का न्योता दिया।
1 Samuel 16:6 जब वे आए, तब उसने एलीआब पर दृष्टि कर के सोचा, कि निश्चय जो यहोवा के साम्हने है वही उसका अभिषिक्त होगा।
1 Samuel 16:7 परन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, न तो उसके रूप पर दृष्टि कर, और न उसके डील की ऊंचाई पर, क्योंकि मैं ने उसे अयोग्य जाना है; क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 59-61
- 2 थिस्सलुनीकियों 3