ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 15 जनवरी 2010

यह परमेश्वर के वचन में है

बाइबल पाठ: भजन संहिता ११९:२५-३२
जब तू मेरा हियाव बढ़ाएगा तब मैं तेरी आज्ञाओं के मार्ग में दौड़ूंगा। - भजन संहिता ११९:३२


मैं आशावादी हूँ, हर बात में एक अच्छा पहलू देख लेता हूँ, परन्तु मैं यह भी जानता हूँ कि जीवन में अन्धेरा और अकेलापन भी होता है।

मैंने कई किशोरों से बातें की हैं जिनके माँ या बाप का क्रोध , उनके लिये स्कूल से घर वापस आने जैसी साधारण बात को एक डरावाना अनुभव बनाता है।

मैंने ऐसे लोगों से बातें की हैं जो निराशा से घिरे रहते हैं।

मैंने ऐसे लोगों के साथ काफी समय बिताया है जो मेरे और मेरी पत्नी के समान, अपने बच्चे की अचानक मृत्यु के दुखः के साथ जीवन जी रहे हैं। मैंने देखा है कि संसार भर में गरीबी लोगों को दबोचकर क्या कर सकती है।

ये सब जानते हुए भी, मैं निराश नहीं होता। मैं जानता हूँ कि यीशु में हमेशा आशा है, पवित्र आत्मा के द्वारा मार्ग दर्शन और परमेश्वर के वचन में ज्ञान और सामर्थ मिलती है।

भजन ११९ के शब्द हमें प्रोत्साहन देते हैं। हमारी आत्मा "धूल में पड़ी है" तो भी परमेश्वर का वचन हमें जिला सकता है (पद २५)। जब मन दुखः से भरा हो तो भी उसका वचन हमें संभालता है (पद २८)। जब धोखा हमें डराता है, तब हम परमेश्वर के वचन की सच्चाई का अनुसरण कर सकते हैं (पद २९,३०)। परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करने से हमारा मन स्वतंत्र रहता है (पद ३२)।

क्या जीवन की सम्स्याएं आपको दबा रहीं हैं?" अगर हाँ तो परमेश्वर के वचन से आशा, मार्गदर्शन और ज्ञान पा सकते हैं, यह परमेश्वर के वचन में है। - डेव ब्रैनन


खूब पढ़ने से बाइबल आत्मा का अच्छा पोषण करती है।
एक साल में बाइबल:
  • उतपत्ति ३६ - ३८
  • मत्ती १०:२१-४२