ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

कृपा



     जब मैंने कॉलेज समाप्त करके कार्य करना आरंभ किया, तो मेरे पास बहुत सीमित पैसा होता था, और मुझे प्रतिदिन की आवश्यकताओं के लिए भी बहुत सोच-समझ कर खर्च करना होता था – सप्ताह में अधिक-से-अधिक बीस डॉलर! एक दिन स्टोर से सामान जमा कर के, उस सामान की कीमत चुकाने की लाइन में खड़े होते समय मुझे लगा कि मैंने अपनी क्षमता से कुछ अधिक सामान एकत्रित कर लिया है, इसलिए जब पैसे चुकाने की मेरी बारी आई तो मैंने बिल बनाकर पैसे लेने वाले कैशियर से कहा, “जैसे ही बीस डॉलर हो जाएं, तो रुक जाना।” मैंने देखा कि मिर्ची के एक पैकट को छोड़, मैं बाकी सभी कुछ खरीद सकी थी।

     मैं स्टोर से बाहर निकल कर घर जाने को तैयार ही हो रही थी, कि एक आदमी मेरे पास आकर रुका, मुझे एक पैकेट पकड़ाते हुए बोला, “आपकी मिर्ची”, और मुझे पैकेट पकड़ा कर आगे बढ़ गया। इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती या उसे धन्यवाद भी कह पाती, वह अनजान व्यक्ति आगे निकल चुका था।

     आज भी जब मैं भलाई के उसके उस कार्य को स्मरण करती हूँ तो मेरा मन भाव-विभोर हो जाता है, और मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती 6 में दिए प्रभु यीशु के शब्द स्मरण हो आते हैं। जो लोग दिखावे के लिए निर्धनों को दान देते थे (पद 2), उन कपटियों की आलोचना करते हुए प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को एक भिन्न मार्ग बताया। दान देने को अपना तथा अपनी दानवीरता की महिमा करवाने का अवसर बनाने के स्थान पर, प्रभु ने सिखाया कि उनका देना इतना गुप्त हो कि एक हाथ को दूसरे के कार्य के बारे में भी पता न चलने पाए (पद 3)।

     जैसा कि एक अनजान व्यक्ति की कृपा ने मुझे स्मरण दिलाया, देना कभी भी हमारी अपनी महिमा के लिए नहीं होना चाहिए। हमें केवल इसलिए देना है क्योंकि हमारे उदार परमेश्वर ने हमें बहुतायत से दिया है (2 कुरिन्थियों 9:6-11)। जब हम गुप्त में और उदारता से देते हैं, तो हम अपने प्रभु परमेश्वर के चरित्र को, उसकी कृपा को, प्रतिबिंबित करते हैं, और हमारे द्वारा महिमा परमेश्वर की होती है, जिसके योग्य केवल वही है (पद 11)। - मोनिका ब्रैंड्स

गुप्त में तथा उदारता से देना परमेश्वर की कृपा और उदारता को दर्शाता है।

हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है। - 2 कुरिन्थियों 9:7

बाइबल पाठ: मत्ती 6:1-4
मत्ती 6:1 सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्‍वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे।
मत्ती 6:2 इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके।
मत्ती 6:3 परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए।
मत्ती 6:4 ताकि तेरा दान गुप्‍त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 16-18
  • लूका 7:1-30