ग्रैंड रैपिड कला संग्रहालय में ५००० से अधिक कलाकृतियां हैं, जिन्में ३५०० चित्र और फोटो, १००० रूपरेखाएं और ७०० तस्वीरें और मूर्तियां हैं। जब मैं किसी नये संग्रहालय के बारे में पढ़ता हूँ और उसे देखने जाने का विचार करता हूँ तो परमेश्वर के ’संग्रहालय’ के विष्य में सोचने से नहीं रह पाता।
परमेश्वर महान कलाकार है और उसकी सृष्टि की भवयता वर्णन से बाहर है, किंतु यह सृष्टि उसकी महानतम कलाकृति नहीं है! परमेश्वर की सबसे महान कृति है हमारे उद्धार का कार्य। जब हम अपने पाप में मरे हुए थे, उस दशा में ही उसने हमें अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह में जीवित किया (इफिसियों २:१, ५)। पौलुस ने इफिसियों के विश्वासियों को स्मरण कराया कि वे परमेश्वर की ’रचना’ हैं (पद १०) - मूल युनानी भाषा में जो शब्द ’पोयमा’ प्रयोग हुआ है उसका अर्थ होता है ’कविता’ अथवा ’क्लाकृति’। परमेश्वर का संग्रहालय कोई भौतिक भवन नहीं, वरन उसका चर्च अर्थात उसकी मण्डली है जिसका निर्माण उसे समर्पित और उद्धार पाए हुए लोगों अर्थात उसकी महानतम क्लाकृतियों से हुआ है।
पौलुस ने कहा कि परमेश्वर की रचना होने के कारण, वह हमसे कुछ उम्मीद रखता है। हमें उसके संग्रहालय में मौन सहभागिता के साथ नहीं बैठना है, वरन व्यावहरिक जीवन में संसार के समक्ष परमेश्वर के प्रेम को अपने भले कार्यों के द्वारा प्रदर्शित करना है। प्रभु यीशु ने कहा ऐसे भले काम हमारे स्वर्गीय पिता की महिमा करते हैं (मत्ती ५:१६)।
परमेश्वर ने अपने पुत्र में हमारी पुनः रचना किसी संग्रहालय में मूक कृतियां होने के लिये नहीं करी। उसने हमारा उद्धार किया ताकि हमारे भले कार्य उसके अनुग्रह और उद्धार के तेजोमय रंगों को लोगों के सामने ला सकें और पाप के अंधकार में पड़े इस संसार को उसके उद्धार तथा प्रेम की ज्योति से रौशन कर सकें। - मार्विन विलियम्स
क्योंकि हम उसकी रचना हुए हैं, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए हैं जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों २:१०
एक साल में बाइबल:
परमेश्वर महान कलाकार है और उसकी सृष्टि की भवयता वर्णन से बाहर है, किंतु यह सृष्टि उसकी महानतम कलाकृति नहीं है! परमेश्वर की सबसे महान कृति है हमारे उद्धार का कार्य। जब हम अपने पाप में मरे हुए थे, उस दशा में ही उसने हमें अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह में जीवित किया (इफिसियों २:१, ५)। पौलुस ने इफिसियों के विश्वासियों को स्मरण कराया कि वे परमेश्वर की ’रचना’ हैं (पद १०) - मूल युनानी भाषा में जो शब्द ’पोयमा’ प्रयोग हुआ है उसका अर्थ होता है ’कविता’ अथवा ’क्लाकृति’। परमेश्वर का संग्रहालय कोई भौतिक भवन नहीं, वरन उसका चर्च अर्थात उसकी मण्डली है जिसका निर्माण उसे समर्पित और उद्धार पाए हुए लोगों अर्थात उसकी महानतम क्लाकृतियों से हुआ है।
पौलुस ने कहा कि परमेश्वर की रचना होने के कारण, वह हमसे कुछ उम्मीद रखता है। हमें उसके संग्रहालय में मौन सहभागिता के साथ नहीं बैठना है, वरन व्यावहरिक जीवन में संसार के समक्ष परमेश्वर के प्रेम को अपने भले कार्यों के द्वारा प्रदर्शित करना है। प्रभु यीशु ने कहा ऐसे भले काम हमारे स्वर्गीय पिता की महिमा करते हैं (मत्ती ५:१६)।
परमेश्वर ने अपने पुत्र में हमारी पुनः रचना किसी संग्रहालय में मूक कृतियां होने के लिये नहीं करी। उसने हमारा उद्धार किया ताकि हमारे भले कार्य उसके अनुग्रह और उद्धार के तेजोमय रंगों को लोगों के सामने ला सकें और पाप के अंधकार में पड़े इस संसार को उसके उद्धार तथा प्रेम की ज्योति से रौशन कर सकें। - मार्विन विलियम्स
परमेश्वर के सबसे उत्तम गवाह वे हैं जो अपने जीवन से गवाही देते हैं।
बाइबल पाठ: इफिसियों २:१-१०क्योंकि हम उसकी रचना हुए हैं, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए हैं जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों २:१०
एक साल में बाइबल:
- अय्युब ४१, ४२
- प्रेरितों के काम १६:२२-४०