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मंगलवार, 27 जून 2017

संपूर्ण कहानी


   हाल ही में जब मेरे 5 वर्षीय पोते डैलस ने मुझ से पूछा, "यीशु क्रूस पर क्यों मारे गए?" तब हम ने बैठकर कुछ बातचीत की और मैंने उसे पाप के बारे में और प्रभु यीशु द्वारा संसार के सभी लोगों के समस्त पापों का दण्ड उठा लेने और उनके लिए अपना बलिदान देने की बात समझाई। इसके बाद वह खेलने के लिए चला गया। कुछ ही देर में मैंने देखा कि डैलस अपनी 5 वर्षीय चचेरी बहन केटी को समझा रहा था कि प्रभु यीशु क्रूस पर क्यों मारे गए। केटी ने उससे कहा, "लेकिन यीशु तो जीवित हैं।" डैलस ने उत्तर दिया, "नहीं, वो मर गए हैं, दादा ने मुझे बताया है; वे क्रूस पर लटका कर मारे गए।" मुझे एहसास हुआ कि मैंने डैलस को संपूर्ण कहानी नहीं बताई थी। इसलिए हमने बैठकर फिर से बातचीत की, और उसे समझाया कि क्रूस पर मारे जाने के तीन दिन पश्चात प्रभु यीशु मृतकों में से पुनः जी उठे थे। मैंने सारी कहानी फिर से उसे अच्छे से समझाई जिस से कि वह समझ सका कि यद्यपि प्रभु यीशु हमारे लिए मारे गए थे, परन्तु फिर मृतकों में से जी उठे और आज हम सब के जीवित प्रभु हैं।

   मेरे लिए यह अच्छा सबक था कि लोगों को हमें संपूर्ण सुसमाचार सुनाना है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरितों के काम नामक पुस्तक में हम पाते हैं कि जब फिलेप्पुस से इथयोपियाई अधिकारी ने परमेश्वर के वचन के एक खंड के बारे में, जिसे वह समझ नहीं पा रहा था, पूछा "तब फिलेप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ कर के उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया" (प्रेरितों 8:35)।

   प्रभु यीशु के सुसमाचार को औरों को बताएं; लोगों को समझाएं कि हम सब पापी हैं, और हमें पापों की क्षमा और उद्धार की आवश्यकता है; परमेश्वर के सिध्द पुत्र, प्रभु यीशु ने हमें पापों के दण्ड से बचाने और हमारा उद्धार करने के लिए अपने प्राण बलिदान किए। लेकिन साथ ही यह भी बताएं कि वह केवल बलिदान ही नहीं हुआ, वरन तीसरे दिन मृतकों में से उसका पुनरुत्थान भी हुआ, और इस प्रकार उसने संसार पर प्रमाणित कर दिया कि वह मृत्यु पर जयवंत है। हमारा और जगत का उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह आज जीवित है; वह हमें पापों से क्षमा और उद्धार तथा अपना अलौकिक जीवन एवं उसकी आशीषें देना चाहता है, हमें परमेश्वर कि सन्तान बनाकर रखना चाहता है।

   जब भी कोई प्रभु यीशु मसीह के बारे में जानना चाहे, तो हम उसे प्रभु यीशु की संपूर्ण कहानी अवश्य सुनाएं। - डेव ब्रैनन


यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, 
जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा। - यूहन्ना 11:25

क्योंकि क्रूस की कथा नाश होने वालों के निकट मूर्खता है, परन्तु हम उद्धार पाने वालों के निकट परमेश्वर की सामर्थ है। - 1 कुरिन्थियों 1:18

बाइबल पाठ: प्रेरितों 8:26-37
Acts 8:26 फिर प्रभु के एक स्वर्गदूत ने फिलेप्पुस से कहा; उठ कर दक्‍खिन की ओर उस मार्ग पर जा, जो यरूशलेम से अज्ज़ाह को जाता है, और जंगल में है। 
Acts 8:27 वह उठ कर चल दिया, और देखो, कूश देश का एक मनुष्य आ रहा था जो खोजा और कूशियों की रानी कन्‍दाके का मन्‍त्री और खजांची था, और भजन करने को यरूशलेम आया था। 
Acts 8:28 और वह अपने रथ पर बैठा हुआ था, और यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक पढ़ता हुआ लौटा जा रहा था। 
Acts 8:29 तब आत्मा ने फिलेप्पुस से कहा, निकट जा कर इस रथ के साथ हो ले। 
Acts 8:30 फिलेप्पुस ने उस ओर दौड़ कर उसे यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक पढ़ते हुए सुना, और पूछा, कि तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है? 
Acts 8:31 उसने कहा, जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं क्योंकर समझूं और उसने फिलेप्पुस से बिनती की, कि चढ़कर मेरे पास बैठ। 
Acts 8:32 पवित्र शास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा था, वह यह था: "वह भेड़ के समान वध होने को पहुंचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरने वालों के साम्हने चुपचाप रहता है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला। 
Acts 8:33 उस की दीनता में उसका न्याय होने नहीं पाया, और उसके समय के लोगों का वर्णन कौन करेगा, क्योंकि पृथ्वी से उसका प्राण उठाया जाता है।" 
Acts 8:34 इस पर खोजे ने फिलेप्पुस से पूछा; मैं तुझ से बिनती करता हूं, यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह किस विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में। 
Acts 8:35 तब फिलेप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ कर के उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया। 
Acts 8:36 मार्ग में चलते चलते वे किसी जल की जगह पहुंचे, तब खोजे ने कहा, देख यहां जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक है। 
Acts 8:37 फिलेप्पुस ने कहा, यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो हो सकता है: उसने उत्तर दिया मैं विश्वास करता हूं कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 8-10
  • प्रेरितों 8:26-40