जब हम सृष्टि के आश्चर्य के बारे में सोचते हैं - कैसे परमेश्वर ने कहा और यह सारी सृष्टि उत्पन्न हो गई, यह पृथ्वी और इसमें विद्यमान सब कुछ भी, तो हमारा ध्यान परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खंड में लिखित विवरण की ओर जाता है। किंतु नए नियम में भी सृष्टि के बारे में लिखा गया है, और वह भी कुछ कम अद्भुत नहीं है। इस संदर्भ में कुछ प्रमुख पदों को देखिए:
- "...मैं दृष्टान्त कहने को अपना मुंह खोलूंगा: मैं उन बातों को जो जगत की उत्पत्ति से गुप्त रही हैं प्रगट करूंगा" (मत्ती १३:३५) - परमेश्वर हमें इस समय में वे बातें प्रगट करता है जो सृष्टि के पूर्व से गुप्त रखी गईं थीं।
- "...हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है" (मत्ती २५:३४) - इस पृथ्वी की रचना से पहले से ही परमेश्वर हमें और हमारे भविष्य के बारे में जानता है।
- "...उस ने हमें जगत की उत्पत्ति से पहिले उस में चुन लिया..." (इफिसियों १:४) - सृष्टि के सृजन का कार्य आरंभ होने से पहले ही वह अपनी आने वाली संतान के बारे में जानता है।
सृष्टि से संबंधित ये पद दिखाते हैं कि जैसे उत्पत्ति की पुस्तक में वर्णित है, मनुष्य परमेश्वर की विशेष रचना है और परमेश्वर की मानव जाति के लिए योजना है। परमेश्वर के विष्य में यह ज्ञान हमारे मनों को सांत्वना देता है कि वह हमारा ध्यान सृष्टि के आरंभ से भी पहले से रखता आया है। ऐसे अद्भुत ज्ञान और सृष्टि-सामर्थ रखने वाले परमेश्वर के सामने हम केवल आदर, श्रद्धा और भय के साथ अपने सिरों को झुका कर उसकी आराधना ही कर सकते हैं - वह जिसका ज्ञान और सृष्टि करने की सामर्थ अनन्त और असीम है किंतु जिसका ध्यान उसकी सृष्टि के एक एक जन पर लगा रहता है। - डेव ब्रैनन
प्रत्येक जन परमेश्वर की प्रेम भरी योजना की अनुपम अभिव्यक्ति है।
जैसा उस ने हमें जगत की उत्पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों। - इफिसियों १:४
बाइबल पाठ: इफिसियों १:३-११
Eph 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उस ने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीष दी है।
Eph 1:4 जैसा उस ने हमें जगत की उत्पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों।
Eph 1:5 और अपनी इच्छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिये पहिले से ठहराया, कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों,
Eph 1:6 कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उस ने हमें उस प्यारे में सेंत मेंत दिया।
Eph 1:7 हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है।
Eph 1:8 जिसे उस ने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया।
Eph 1:9 कि उस ने अपनी इच्छा का भेद उस सुमति के अनुसार हमें बताया जिसे उस ने अपने आप में ठान लिया था।
Eph 1:10 कि समयों के पूरे होने का ऐसा प्रबन्ध हो कि जो कुछ स्वर्ग में है, और जो कुछ पृथ्वी पर है, सब कुछ वह मसीह में एकत्र करे।
Eph 1:11 उसी में जिस में हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहिले से ठहराए जाकर मीरास बने।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह ५-६
- इफिसियों १