परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पात्र है राजा योआश। उसके शिशु काल में ही उसकी दादी अथालिया ने उसके अन्य भईयों को मरवा कर यहूदा की राज-गद्दी हथिया ली थी। लेकिन योआश को उसकी फूफी और फूफा ने अपने पास छः वर्ष तक सुरक्षित छुपाए रखा (2 इतिहास 22:10-12)। योआश उनके प्रेम और संरक्षण में बड़ा हुआ और जब वह सात वर्ष का हुआ तब अथालिया का तख्ता पलट करके और उसका राज्याभिषेक करके उसे राजा बना दिया गया। राजा योआश के साथ उसके फूफा, यहोयादा के रूप में एक बुद्धिमान सलाहकार था जो परमेश्वर के भय में चलता था और उसे भी वैसे ही चलना सिखाता था। योआश यहूदा के गिने-चुने "अच्छे राजाओं" में से एक था, और जब तक उसके फूफा जीवित थे वह परमेश्वर के भय में चलता रहा और सही कार्य करता रहा (2 इतिहास 24:2)। लेकिन अपने फूफा के मृत्योपरांत, जब उसके साथ परमेश्वर के भय में चलने और सिखाने वाला कोई नहीं रहा तो योआश भी परमेश्वर से दूर हो गया, मूर्तिपूजा में पड़ गया और उसके जीवन का अन्त बहुत दुःखदायी हुआ (2 इतिहास 24:15-25)। ऐसा लगता है कि योआश के परमेश्वर में विश्वास की जड़ें कुछ खास गहरी नहीं थीं; संभवतः परमेश्वर में विश्वास योआश का नहीं वरन उसके फूफा का था जिनका बस वह ऊपरी रीति से अनुसरण कर रहा था, और उनके जाने के बाद योआश अपने विश्वास में स्थिर बना नहीं रह सका।
हो सकता है कि लोग हमें अपने मसीही विश्वास के आधार के बारे में सिखा सकें, परन्तु हम में से प्रत्येक को स्वयं स्वेच्छा और सच्चे समर्पण के साथ मसीह यीशु के साथ संबंध स्थापित करना है, विश्वास में आना है, तब ही परमेश्वर के साथ हमारा संबंध सही होगा। यह वास्तविक मसीही विश्वास किसी परिवार-विशेष में जन्म ले लेने या कुछ विधि-विधानों को पूरा करने या फिर कोई रीति-रिवाज़ों-त्यौहारों को मानने से नहीं मिलता। जब हम सच्चे समर्पण तथा पापों के अंगीकार तथा उन की क्षमा के लिए प्रभु यीशु मसीह के पास आते हैं, तब ही हम मसीह यीशु के सच्चे अनुयायी और परमेश्वर की सन्तान, तथा उसकी स्वर्गीय आशीषों के संभागी बनते हैं (यूहन्ना 1:12-13)। - सिंडी हैस कैस्पर
जो विश्वास अन्त तक स्थिर बना रहता
वही प्रमाणित करता है कि वह आरंभ से ही वास्तविक रहा है।
परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13
बाइबल पाठ: 2 इतिहास 24:15-25
2 Chronicles 24:15 परन्तु यहोयादा बूढ़ा हो गया और दीर्घायु हो कर मर गया। जब वह मर गया तब एक सौ तीस वर्ष का था।
2 Chronicles 24:16 और दाऊदपुर में राजाओं के बीच उसको मिट्टी दी गई, क्योंकि उसने इस्राएल में और परमेश्वर के और उसके भवन के विषय में भला किया था।
2 Chronicles 24:17 यहोयादा के मरने के बाद यहूदा के हाकिमों ने राजा के पास जा कर उसे दण्डवत की, और राजा ने उनकी मानी।
2 Chronicles 24:18 तब वे अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा का भवन छोड़कर अशेरों और मूरतों की उपासना करने लगे। सो उनके ऐसे दोषी होने के कारण परमेश्वर का क्रोध यहूदा और यरूशलेम पर भड़का।
2 Chronicles 24:19 तौभी उसने उनके पास नबी भेजे कि उन को यहोवा के पास फेर लाएं; और इन्होंने उन्हें चिता दिया, परन्तु उन्होंने कान न लगाया।
2 Chronicles 24:20 और परमेश्वर का आत्मा यहोयादा याजक के पुत्र जकर्याह में समा गया, और वह ऊंचे स्थान पर खड़ा हो कर लोगों से कहने लगा, परमेश्वर यों कहता है, कि तुम यहोवा की आज्ञाओं को क्यों टालते हो? ऐसा कर के तुम भाग्यवान नहीं हो सकते, देखो, तुम ने तो यहोवा को त्याग दिया है, इस कारण उसने भी तुम को त्याग दिया।
2 Chronicles 24:21 तब लोगों ने उस से द्रोह की गोष्ठी कर के, राजा की आज्ञा से यहोवा के भवन के आंगन में उसको पत्थरवाह किया।
2 Chronicles 24:22 यों राजा योआश ने वह प्रीति भूल कर जो यहोयादा ने उस से की थी, उसके पुत्र को घात किया। और मरते समय उसने कहा यहोवा इस पर दृष्टि कर के इसका लेखा ले।
2 Chronicles 24:23 नए वर्ष के लगते अरामियों की सेना ने उस पर चढ़ाई की, और यहूदा ओर यरूशलेम आकर प्रजा में से सब हाकिमों को नाश किया और उनका सब धन लूट कर दमिश्क के राजा के पास भेजा।
2 Chronicles 24:24 अरामियों की सेना थोड़े ही पुरुषों की तो आई, पन्तु यहोवा ने एक बहुत बड़ी सेना उनके हाथ कर दी, क्योंकि उन्होंने अपने पितरों के परमेश्वर को त्याग दिया था। और योआश को भी उन्होंने दण्ड दिया।
2 Chronicles 24:25 और जब वे उसे बहुत ही रोगी छोड़ गए, तब उसके कर्मचारियों ने यहोयादा याजक के पुत्रों के खून के कारण उस से द्रोह की गोष्ठी कर के, उसे उसके बिछौने पर ही ऐसा मारा, कि वह मर गया; और उन्होंने उसको दाऊद पुर में मिट्टी दी, परन्तु राजाओं के कब्रिस्तान में नहीं।
एक साल में बाइबल:
- सभोपदेशक 4-6
- 2 कुरिन्थियों 12