सुप्रसिध्द मसीही भजन Just As I Am (जैसा मैं हूँ) सन 1834 में शारलेट ईलिय्ट के द्वारा लिखा गया था। शारलेट कई वर्षों से विकलांग थीं, और यद्यपि वे लड़कियों के एक स्कूल के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने में योगदान करना चाहती थीं, परन्तु उनकी बीमारी ने उन्हें अन्य लोगों के साथ जाकर स्वयं सेवा करने नहीं दी। इससे वे अपने आप को व्यर्थ अनुभव करने लगीं और उनके इसी भीतरी द्वंद ने उन के मन में मसीह पर उनके विश्वास के प्रति शंकाएं उत्पन्न कीं। अपने मन में उठ रही उन शंकाओं के प्रत्युत्तर में उन्होंने यह भजन लिखा। उनकी वेदना संभवतः इस भजन की इन पंकतियों सबसे अच्छी तरह दिखाई देती है:
जैसी मैं हूँ मन शंकामय, और बाहर भीतर हर समय,
है दुविधा, झगड़ा, जलन, भय, मसीह मैं आती हूँ।
अपने क्रूस पर दिए गए बलिदान और दफनाए जाने के तीन दिन पश्चात, प्रभु यीशु मृतकों में से जी उठे और जा कर अपने चेलों से मिले। जब प्रभु यीशु पहली बार चेलों से मिलने आए, तब एक चेला थोमा, जिसे इतिहास ने "शंका करने वाला थोमा" का उपनाम दिया है शेष चेलों के साथ नहीं था। जब अन्य चेलों ने थोमा को प्रभु यीशु के जी उठने और मिलने आने के बारे में बताया तो उसने उनकी बात पर विश्वास नहीं किया और कहा कि जब तक वह प्रभु के हाथों में कीलों के, तथा पंजर में भाले के छेद मे अपनी ऊँगली नहीं डाल लेता, तब तक वह विश्वास नहीं करेगा। बाद में प्रभु यीशु फिर से चेलों से मिलने आए और उन्होंने थोमा को उन्हें क्रूस पर चढ़ाए जाने के चिन्हों द्वारा पुष्टि करने को कहा (यूहन्ना 20:27)। थोमा प्रभु के सामने नतमस्तक हो गया और उसने प्रभु के मृतकों में से पुनरुत्थान पर विश्वास किया। तब, "यीशु ने उस से कहा, तू ने तो मुझे देखकर विश्वास किया है, धन्य वे हैं जिन्हों ने बिना देखे विश्वास किया" (पद 29)।
आज के हम मसीही विश्वासी वे हैं जिन्होंने प्रभु यीशु को, उन चेलों के समान सदेह, प्रत्यक्ष नहीं देखा है परन्तु फिर भी प्रभु पर विश्वास किया है। साथ ही, समय-समय पर आने वाली सांसारिक परिस्थितियों के कारण, हम भी कभी-कभी अपने मसीही विश्वास या फिर प्रभु यीशु पर ही सन्देह करने लग जाते हैं। इस कमज़ोर विश्वास की स्थिति में भी यदि हम प्रभु को पुकार कर कहें, "...हे प्रभु, मैं विश्वास करता हूं, मेरे अविश्वास का उपाय कर" (मरकुस 9:24) तो थोमा और शारलेट के समान ही प्रभु हमें भी अपनी शान्ति से परिपूर्ण करेगा, अपने निकट ले लेगा। प्रभु यीशु हमें, जैसे भी हम हैं, उसी अवस्था में अपने पास आने का निमंत्रण देता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
पुनर्जीवित हो उठा मसीह यीशु आपको
जीवन की भरपूरी प्राप्त करने के लिए आमंत्रित करता है।
उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। - 1 पतरस 1:8
बाइबल पाठ: यूहन्ना 20:19-31
John 20:19 उसी दिन जो सप्ताह का पहिला दिन था, सन्ध्या के समय जब वहां के द्वार जहां चेले थे, यहूदियों के डर के मारे बन्द थे, तब यीशु आया और बीच में खड़ा हो कर उन से कहा, तुम्हें शान्ति मिले।
John 20:20 और यह कहकर उसने अपना हाथ और अपना पंजर उन को दिखाए: तब चेले प्रभु को देखकर आनन्दित हुए।
John 20:21 यीशु ने फिर उन से कहा, तुम्हें शान्ति मिले; जैसे पिता ने मुझे भेजा है, वैसे ही मैं भी तुम्हें भेजता हूं।
John 20:22 यह कहकर उसने उन पर फूंका और उन से कहा, पवित्र आत्मा लो।
John 20:23 जिन के पाप तुम क्षमा करो वे उन के लिये क्षमा किए गए हैं जिन के तुम रखो, वे रखे गए हैं।
John 20:24 परन्तु बारहों में से एक व्यक्ति अर्थात थोमा जो दिदुमुस कहलाता है, जब यीशु आया तो उन के साथ न था।
John 20:25 जब और चेले उस से कहने लगे कि हम ने प्रभु को देखा है: तब उसने उन से कहा, जब तक मैं उस के हाथों में कीलों के छेद न देख लूं, और कीलों के छेदों में अपनी उंगली न डाल लूं, और उसके पंजर में अपना हाथ न डाल लूं, तब तक मैं प्रतीति नहीं करूंगा।
John 20:26 आठ दिन के बाद उस के चेले फिर घर के भीतर थे, और थोमा उन के साथ था, और द्वार बन्द थे, तब यीशु ने आकर और बीच में खड़ा हो कर कहा, तुम्हें शान्ति मिले।
John 20:27 तब उसने थोमा से कहा, अपनी उंगली यहां लाकर मेरे हाथों को देख और अपना हाथ लाकर मेरे पंजर में डाल और अविश्वासी नहीं परन्तु विश्वासी हो।
John 20:28 यह सुन थोमा ने उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर!
John 20:29 यीशु ने उस से कहा, तू ने तो मुझे देखकर विश्वास किया है, धन्य वे हैं जिन्हों ने बिना देखे विश्वास किया।
John 20:30 यीशु ने और भी बहुत चिन्ह चेलों के साम्हने दिखाए, जो इस पुस्तक में लिखे नहीं गए।
John 20:31 परन्तु ये इसलिये लिखे गए हैं, कि तुम विश्वास करो, कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है: और विश्वास कर के उसके नाम से जीवन पाओ।
एक साल में बाइबल:
- 1 शमूएल 30-31
- लूका 13:23-35