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सोमवार, 23 जुलाई 2018

भय



      भय मेरे हृदय में बिना कोई अनुमति लिए, चुपके से आ जाता है। वह मेरे अन्दर निःसहाय, बेबस, और आशा विहीन होने के भाव जगाता है। वह मेरी शान्ति और एकाग्रता को चुरा लेता है। मैं क्यों, और किस बात को लेकर भयभीत हो जाती हूँ? मैं अपने परिवार की सुरक्षा तथा अपने प्रिय जनों के स्वास्थ्य के लिए चिन्तित होती हूँ। मैं नौकरी के चले जाने या किसी संबंध के टूट जाने को लेकर घबराती हूँ। भय मुझे अपने ही अन्दर देखने, अपनी ही सामर्थ्य, अपने ही मन पर केंद्रित करता है; और मुझ में एक ऐसा मन प्रकट करता है जिसे किसी पर भरोसा करना कठिन लगता है।

      जब ये भय और चिंताएं हमला करती हैं तब परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद का प्रार्थना का भजन, भजन 34, को पढ़कर उसपर मनन करना बहुत अच्छा होता है: “मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया” (पद 4)। परमेश्वर हमें हमारे भय से कैसे छुड़ाता है? जब हम “उसकी ओर दृष्टि” करते हैं (पद 5), उसपर ध्यान लगाते हैं, जब हम भरोसा रखते हैं कि प्रत्येक परिस्थिति परमेश्वर के नितंत्रण में है, तब हमारे भय मिटने लग जाते हैं ।

      इसके बाद दाऊद एक भिन्न प्रकार के भय की बात करता है – ऐसा भय नहीं जो पंगु कर दे, वरन ऐसा भय जो उसके प्रति है जो हमें चारों ओर से घेर कर सुरक्षित रखता है; यह भय उस परमेश्वर पिता के प्रति गहरी श्रद्धा, और महान आदर जगाता है (पद 7)। हम उसमें शरण लेते हैं क्योंकि वह भला है (पद 8)।

      उसकी भलाई का यह श्रद्धापूर्ण भय हमारे अपने भय को सही परिप्रेक्ष्य में लाता है। जब हम स्मरण करते हैं कि परमेश्वर कौन है और वह हमसे कितना प्रेम करता है, तब हम उसकी शान्ति में निश्चिन्त होकर विश्राम कर सकते हैं, क्योंकि दाऊद का निष्कर्ष था, “हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती” (पद 9)।

      कितना अद्भुत है यह जानना कि परमेश्वर के भय में रहने से हम अपने सभी भय से मुक्ति पा सकते हैं। - कीला ओकोआ


परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह आपको आपके भय से मुक्ति दे।

यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? – भजन 27:1

बाइबल पाठ: भजन 34:1-10
Psalms 34:1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
Psalms 34:2 मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे।
Psalms 34:3 मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें।
Psalms 34:4 मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
Psalms 34:5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया।
Psalms 34:6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।
Psalms 34:7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है।
Psalms 34:8 परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है।
Psalms 34:9 हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती!
Psalms 34:10 जवान सिंहों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी।


एक साल में बाइबल: 
  • भजन 33-34
  • प्रेरितों 24