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शनिवार, 5 अक्टूबर 2013

सही ठिकाना

   आज कल अमेरिका में मकान और ज़मीन खरीदना या बेचना एक जोखिम भरा व्यवसाय बन गया है क्योंकि दाम बहुत गिर गए हैं। यदि आप व्यावासायिक भूमि बेचना चाह रहे हैं तो यह और भी कठिन हो गया है। ऐसे समय में, भूमि और मकान बेचते समय एक पुरानी कहावत स्मरण रखना आवश्यक है: "ज़मीन और मकान बेचते या खरीदते समय, तीन सबसे अधिक महत्वपूर्ण बातें जिनका ध्यान रखना अति आवश्यक है हैं स्थान, स्थान और स्थान!"

   यही बात हम मसीही विश्वासियों द्वारा प्रभु यीशु के लिए जीवन जीने के संबंध में भी लागू होती है - आत्मिक रीति से हम कहाँ हैं हमें यह समझना और स्मरण रखना बहुत आवश्यक है। इस संसार की गिरी हुई दशा में से होकर निकलते समय यदि हमें किसी हानि में पड़ने से बचना है तो हमें अपने आत्मिक ठिकाने के स्मरण को सजीव बनाए रखना होगा। प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से के विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में उन्हें स्मरण दिलाया कि मसीह यीशु में विश्वास लाने के द्वारा उनका ठिकाना अब बदल गया है, क्योंकि परमेश्वर "ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया" (कुलुस्सियों 1:13)। यह स्मरण रखना कि परमेश्वर के महान अनुग्रह के द्वारा अब हमें मसीह यीशु के राज्य में ठिकाना दे दिया गया है बहुत अन्तर लाता है। अब मसीह यीशु हमारे मन-मस्तिषक का स्वामी है, हमारा राजा है और हम उससे मिलने वाले प्रेम, अनुग्रह, द्या और देखभाल के कारण उसके कृतज्ञ सेवक हैं। अब उसकी इच्छा हमारी इच्छा है, उसका आचरण हमारे आचरण के लिए नमूना है और उसके मार्ग हमारे जीवन मार्ग हैं। इस संसार में जब कभी हमारे सामने कोई चुनाव आता है तो हमारी निष्ठा मसीह यीशु ही की ओर है।

   प्रभु यीशु ने हमें पाप के जिस अन्धकार से निकाल कर अपनी ज्योति में स्थान दिया है, जब कभी उस अन्धकार की लालसाएं और प्रलोभन हमारी परीक्षा करें, और हमारे मन-मस्तिषक से उसके राज्य को दूर करने का प्रयास करें तो अपने आप को पुनः स्मरण दिला लें कि अब हमारा ठिकाना संसार और संसार की बातें नहीं वरन स्वर्गीय आशीषों का वह सही ठिकाना है जो प्रभु ने हमारे लिए तैयार किया है और हमें प्रदान किया है। - जो स्टोवैल


मसीही राज्य के निवासियों को मसीही आचरण प्रदर्शित करते रहना चाहिए।

उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। - कुलुस्सियों 1:13

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:3-14
Colossians 1:3 हम तुम्हारे लिये नित प्रार्थना कर के अपने प्रभु यीशु मसीह के पिता अर्थात परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं। 
Colossians 1:4 क्योंकि हम ने सुना है, कि मसीह यीशु पर तुम्हारा विश्वास है, और सब पवित्र लोगों से प्रेम रखते हो। 
Colossians 1:5 उस आशा की हुई वस्तु के कारण जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी हुई है, जिस का वर्णन तुम उस सुसमाचार के सत्य वचन में सुन चुके हो। 
Colossians 1:6 जो तुम्हारे पास पहुंचा है और जैसा जगत में भी फल लाता, और बढ़ता जाता है; अर्थात जिस दिन से तुम ने उसको सुना, और सच्चाई से परमेश्वर का अनुग्रह पहिचाना है, तुम में भी ऐसा ही करता है। 
Colossians 1:7 उसी की शिक्षा तुम ने हमारे प्रिय सहकर्मी इपफ्रास से पाई, जो हमारे लिये मसीह का विश्वास योग्य सेवक है। 
Colossians 1:8 उसी ने तुम्हारे प्रेम को जो आत्मा में है हम पर प्रगट किया। 
Colossians 1:9 इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना करने और बिनती करने से नहीं चूकते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्छा की पहिचान में परिपूर्ण हो जाओ। 
Colossians 1:10 ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ। 
Colossians 1:11 और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ से बलवन्‍त होते जाओ, यहां तक कि आनन्द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको। 
Colossians 1:12 और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों। 
Colossians 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। 
Colossians 1:14 जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 23-25 
  • फिलिप्पियों 1