मुझे जहाँ तक भी याद आता है, मेरा हमेशा से
ही माँ बनने का सपना रहा है। मैं विवाह करने, गर्भवती होने, और अपने बच्चे को पहली
बार अपने हाथों में उठाने के बारे में सोचा करती थी। जब मेरा विवाह हुआ तो मैंने
और मेरे पति ने कभी बच्चों के होने को टालने के बारे में नहीं सोचा। परन्तु मैं
कभी गर्भवती नहीं हो सकी, और हमें यह एहसास हो गया की हम बाँझपन के साथ संघर्ष कर
रहे हैं। महीनों तक डॉक्टरों के पास जांच और इलाज के लिए जाना, कई प्रकार के
परीक्षण करवाना, आँसू बहाना, यही सिलसिला चलता रहा; हम चिंताओं के तूफ़ान से जूझते
रहे। बाँझ होना स्वीकार करना बहुत कडुवा घूँट था, और मेरे मन में परमेश्वर की भलाई
और विश्वासयोग्यता को लेकर प्रश्न उठने लगे।
अब जब मैं अपनी जीवन यात्रा के उस भाग को मुड़
कर देखती हूँ और उसके बारे में विचार करती हूँ, तो मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में
यूहन्ना 6 अध्याय में दिए गए प्रभु यीशु के शिष्यों के तूफ़ान में फंसे होने की
घटना स्मरण हो आती है। जब वे शिष्य नाव से होकर, झील पार कर रहे थे, और अचानक उठे तूफ़ान
ने उन्हें आ घेरा, तो उनकी यात्रा लहरों और तूफानी हवाओं के साथ होने वाला संघर्ष
बन गई। ऐसे में प्रभु यीशु उन तूफानी लहरों पर चलते हुए उनके पास आए, और अपनी
उपस्थिति से उन्हें शांत किया, उन्हें आश्वस्त किया, “परन्तु उसने उन से कहा,
कि मैं हूं; डरो मत”
(पद 20)।
उन शिष्यों के समान, मुझे और मेरे पति को भी
हमारे जीवन में आने वाले इस तूफ़ान का कोई अंदेशा नहीं था, और न ही उन बातों का जो
इस तूफ़ान के साथ हमारे जीवनों में आएंगी। परन्तु हमें भी शांति और आश्वासन मिला जब
हम ने उन परिस्थितियों में भी परमेश्वर को और अधिक गहराई से जाना, और समझा कि वह
सदा ही विश्वासयोग्य और सच्चा बना रहता है। हमने जिस बच्चे का सपना देखा था,
यद्यपि वह तो हमें नहीं मिला, परन्तु हमने सीखा कि अपने सभी संघर्षों में हम उसकी
शान्ति देने वाली उपस्थिति को अनुभव कर सकते हैं। और क्योंकि वह हमारे जीवनों में सदैव
उपस्थित तथा कार्यरत है, इसलिए हमें चिंतित रहने की आवश्यकता नहीं है। - कैरेन
वुल्फ
हम जीवन के
तूफानों में ही परमेश्वर की शांतिदायक उपस्थिति का अनुभव करते हैं।
मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़
करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से
मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10
बाइबल पाठ:
यूहन्ना 6:16-21
यूहन्ना 6:16
फिर जब संध्या हुई, तो उसके चेले झील के किनारे गए।
यूहन्ना 6:17 और
नाव पर चढ़कर झील के पार कफरनहूम को जाने लगे: उस समय अन्धेरा हो गया था, और यीशु अभी तक उन के पास नहीं आया था।
यूहन्ना 6:18 और
आन्धी के कारण झील में लहरे उठने लगीं।
यूहन्ना 6:19 सो
जब वे खेते खेते तीन चार मील के लगभग निकल गए, तो उन्होंने
यीशु को झील पर चलते, और नाव के निकट आते देखा, और डर गए।
यूहन्ना 6:20
परन्तु उसने उन से कहा, कि मैं हूं; डरो
मत।
यूहन्ना 6:21 सो
वे उसे नाव पर चढ़ा लेने के लिये तैयार हुए और तुरन्त वह नाव उस स्थान पर जा
पहुंची जहां वह जाते थे।
एक साल में
बाइबल:
- 2 शमुएल 1-2
- लूका 14:1-24