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गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

गीत गाता चल

एक पुराना परिहास है - भौंवरे इसलिये सिर्फ गुन्गुनाते हैं, क्योंकि उन्हें गाने के बोल याद नहीं होते!

यह पुराना विनोद मुझे एक गंभीर घटना की स्मरण कराता है। मैंने पढ़ा एक आदमी के बारे में जो अपने दिल के ऑपरेशन होने का इन्तज़ार कर रहा था। उसे मालूम था कि वह ऑपरेशन खतरनाक है, लोग मर भी सकते हैं। अपनी बिमारी और ऑपरेशन के कहतरों के बरे में सोचकर सोचकर वह अपने आप को बहुत अकेला महसुस करने लगा।

तभी एक अर्दली उसे ऑपरेशन के कमरे में ले जाने के लिये आया। वह उस बीमार आदमी को पहिये वाले स्ट्रेचर पा लेटा कर ले जा रहा था, और आयरलैंड का एक पुराना भजन - तू मेरा दर्शन हो (Be thou my vision) गुनगुना रहा था। इस गीत को सुनकर रोगी के मन में अपनी जन्म भूमि आयरलैंड के हरे खेत, प्राचीन खंडहर आदि की यादें ताज़ा हो उठीं और उसका हृदय शांति से भर गया। उस गीत के बाद फिर अर्दली एक दूसरा भजन - मेरी आत्मा ठीक है (It is well with my soul) गुनगुनाने लगा।

जब वह ऑपरेशन के कमरे के सामने रुका तो उस आदमी ने उस अर्दली का धन्यवाद किया। उसने कहा, "परमेश्वर ने मेरा भय दूर करने और मेरी आत्मा को शांति देने के लिये आज तुम्हारा उपयोग किया।" अर्दली ने विसिमित होकर पूछा, "कैसे" रोगी ने कहा "तुम्हारा गीत गुनगुनाना परमेश्वर को मेरे पास ले आया।"

"यहोवा ने हमारे साथ बड़े बड़े काम किये हैं"(भजन १२६:३)। उसने हमारे हृदय अपने भजनों से भरे हैं। वह हमारी गुनगुनुहट को भी किसी की आत्मा को बहाल करने के लिये प्रयोग कर सकता है। - David Roper


उद्धार पाये लोगों के समूह से स्तुति मुक्त बहती है।


आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो। - इफिसियों ५:१९


बाइबल पाठ: भजन १२६:१-३


एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था २३,२४
  • मरकुस १:१-२२