मैं चिल्लाया, नहीं!, नहीं!, नहीं!, परन्तु
उसका कोई प्रभाव नहीं हुआ। मैंने अपनी बुद्धि लगाकर अपने शौचालय के फ्लश को ठीक
करने का प्रयास किया था, जिससे उसका पानी बाहर न बहे, किन्तु असफल रहा, और पानी
फिर से बाहर बहने लगा, और मैं बस बेबस खड़ा पानी को बाहर उमड़ते हुए देखता रह गया।
कितनी ही बार ऐसा हुआ है कि हमारे बच्चों ने
स्वयं अपने लिए दूध ग्लास में डालने का प्रयास किया, किन्तु सही अंदाजा नहीं लगा
सके और दूध उमड़ कर बाहर फ़ैल गया। या हमारी कार की डिक्की में रखी ठन्डे पेय की बड़ी
बोतल, हिलते-हिलते लीक करने लग जाती है और उसके अन्दर का पेय उमड़ कर बाहर आ जाता
है, सभी ओर फ़ैल जाता है।
साधारण और सामान्य बात है कि उमड़ना अच्छा
नहीं होता है; परन्तु इसका एक अपवाद है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस
द्वारा परमेश्वर की आत्मा से उमड़ता हुआ, अर्थात परिपूर्ण जीवन (रोमियों 15:13)।
पौलुस उमड़ने या परिपूर्ण होने के चित्रण के द्वारा पवित्र आत्मा की भरपूरी के
प्रभाव से जीवन से प्रकट होने वाली आशा के लिए कहता है। मुझे यह चित्रण बहुत पसंद
है। हमारे अन्दर परमेश्वर की भरपूर उपस्थिति के कारण हमारे जीवनों से उमड़ती हुई
आशा, शान्ति, आनन्द, और विश्वास – यह हमारे जीवन के शांत समयों में भी हो सकता है,
और तब भी जब किसी परिस्थति के कारण हमारे जीवन को हिलाया जाए, और हमारे अन्दर से
परमेश्वर के ये वरदान छलक कर बाहर आ जाएँ, और हमारे आस-पास के लोगों पर प्रमाणित
करें की हमारे अन्दर क्या और कौन है।
कारण चाहे जो भी हो, हमारे अन्दर से जो भी
निकलेगा, वही हमारे आस-पास वालों पर भी पड़ेगा, और उन्हें बताएगा कि हमारे अन्दर
क्या और कौन है। इसलिए अपने अन्दर से पवित्र आत्मा के वरदानों को, फलों को उमड़ने
दें, और लोगों को देख लेने दें कि हम किसके जन हैं। - एडम होल्ज़
परमेश्वर पिता
ने हमें अपना आत्मा दिया है जिससे हम उसके पुत्र की समानता में आ सकें।
परन्तु जब हम सब
के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा
है, हम उसी तेजस्वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं।
- 2 कुरिन्थियों 3:18
बाइबल पाठ:
रोमियों 15:4-13
रोमियों 15:4
जितनी बातें पहिले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये
लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्र शास्त्र की शान्ति के द्वारा आशा रखें।
रोमियों 15:5 और
धीरज, और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह वरदान दे,
कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो।
रोमियों 15:6
ताकि तुम एक मन और एक मुंह हो कर हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्वर की बड़ाई
करो।
रोमियों 15:7
इसलिये, जैसा मसीह ने भी परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें
ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो।
रोमियों 15:8
मैं कहता हूं, कि जो प्रतिज्ञाएं बाप दादों को दी गई थीं,
उन्हें दृढ़ करने के लिये मसीह, परमेश्वर की
सच्चाई का प्रमाण देने के लिये खतना किए हुए लोगों का सेवक बना।
रोमियों 15:9 और
अन्यजाति भी दया के कारण परमेश्वर की बड़ाई करें, जैसा लिखा
है, कि इसलिये मैं जाति जाति में तेरा धन्यवाद करूंगा,
और तेरे नाम के भजन गाऊंगा।
रोमियों 15:10
फिर कहा है, हे जाति जाति के सब लोगों, उस की प्रजा के साथ आनन्द करो।
रोमियों 15:11
और फिर हे जाति जाति के सब लागो, प्रभु की स्तुति करो;
और हे राज्य राज्य के सब लोगो; उसे सराहो।
रोमियों 15:12
और फिर यशायाह कहता है, कि यिशै की एक जड़ प्रगट होगी,
और अन्यजातियों का हाकिम होने के लिये एक उठेगा, उस पर अन्यजातियां आशा रखेंगी।
रोमियों 15:13
सो परमेश्वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्वास करने में सब प्रकार के आनन्द और
शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्र आत्मा की सामर्थ से
तुम्हारी आशा बढ़ती जाए।
एक साल में
बाइबल:
- 1 इतिहास 4-6
- यूहन्ना 6:1-21