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मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015

खतरे और चुनौतियाँ


   टेलिविज़न पर लाखों लोग देख रहे थे, निक वॉलेन्डा ने न्याग्रा जल-प्रपात के एक से दूसरे छोर तक तने 2 इंच मोटे और 1800 फीट लंबे तार पर चलकर उसे पार किया। यह करने के लिए निक ने यथासंभव सुरक्षा रखी थी। उतनी ऊँचाई पर नीचे तेज़ बहाव वाले पानी को तार पर चलकर पार करने के इस जोखिम भरे कार्य के रोमांच तथा खतरों को कुछ और बातें बढ़ा रही थीं - घना कोहरा जो निक कीदृष्टि को धूँधला कर रहा था, तेज़ हवा जो निक के सन्तुलन को बिगाड़ रही थी और जल-प्रपात से उठती पानी की बौछार जो तार को गीला करके निक के पाँव की पकड़ को चुनौती दे रही थी। निक ने बाद में बताया, इन खतरों और चुनौतियों में, या इनके कारण, वह अपने इस प्रयास में बहुत प्रार्थना और परमेश्वर की आराधना करता रहा था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी अनेक स्थानों पर खतरों और चुनौतियों में परमेश्वर के लोगों द्वारा परमेश्वर की आराधना का उल्लेख है। जब राजा यहोशापात के विरुद्ध एक बड़ी सेना उठ कर आई तो राजा ने अपनी प्रजा समेत अपने आप तथा सारी परिस्थिति को परमेश्वर के हाथ में सौंप दिया और उससे मार्गदर्शन माँगा (2 इतिहास 20:1-3)। परमेश्वर के निर्देशानुसार यहोशापात अपनी सेना को लेकर युद्ध की भूमि पर गया, और वहां उसकी सेना के आगे आगे एक दल परमेश्वर की स्तुति करते हुए चला। उनकी इस आराधना का प्रभाव था कि यहोशापात के विरुद्ध आने वाली सेना के सैनिक एक दूसरे पर ही हमला करने लगे और एक दूसरे को ही मार डाला। उस दिन एक बार फिर इस्त्राएलियों ने परमेश्वर पर विश्वास को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण पाठ सीखा।

   खतरे और चुनौती की परिस्थिति में परमेश्वर की स्तुति एवं आराधना करना हमारी स्वाभाविक प्रवृत्ति के विपरीत हो सकता है क्योंकि हमारी स्वाभाविक प्रवृत्ति है ऐसे में चिंता करना, बचाव की योजना बनाना और आत्म-सुरक्षा के इंतिज़ाम करना। लेकिन ऐसी परिस्थित्यों में आराधना और स्तुति हमारे मनों को शान्त रखती है और हमें अपने आप पर भरोसा रखने की बजाए परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखने में सहायक होती है। खतरों और चुनौतियों में आराधना और स्तुति करना हमें वही पाठ सिखाता है जो उस दिन इस्त्राएलियों ने सीखा - "...तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युद्ध तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है" (2 इतिहास 20:15)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हमारे सामने चाहे जो भी हो, परमेश्वर सदा हमारे साथ और सहायता में रहता है।

क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे शत्रुओं से युद्ध करने और तुम्हें बचाने के लिये तुम्हारे संग चलता है। - व्यवस्थाविवरण 20:4 

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 20:1-3, 14-23
2 Chronicles 20:1 इसके बाद मोआबियों और अम्मोनियों ने और उनके साथ कई मूनियों ने युद्ध करने के लिये यहोशापात पर चढ़ाई की। 
2 Chronicles 20:2 तब लोगों ने आकर यहोशापात को बता दिया, कि ताल के पार से एदोम देश की ओर से एक बड़ी भीड़ तुझ पर चढ़ाई कर रही है; और देख, वह हसासोन्तामार तक जो एनगदी भी कहलाता है, पहुंच गई है। 
2 Chronicles 20:3 तब यहोशपात डर गया और यहोवा की खोज में लग गया, और पूरे यहूदा में उपवास का प्रचार करवाया। 
2 Chronicles 20:14 तब आसाप के वंश में से यहजीएल नाम एक लेवीय जो जकर्याह का पुत्र और बनायाह का पोता और मत्तन्याह के पुत्र यीएल का परपोता था, उस में मण्डली के बीच यहोवा का आत्मा समाया। 
2 Chronicles 20:15 और वह कहने लगा, हे सब यहूदियो, हे यरूशलेम के रहने वालों, हे राजा यहोशापात, तुम सब ध्यान दो; यहोवा तुम से यों कहता है, तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युद्ध तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है। 
2 Chronicles 20:16 कल उनका साम्हना करने को जाना। देखो वे सीस की चढ़ाई पर चढ़े आते हैं और यरूएल नाम जंगल के साम्हने नाले के सिरे पर तुम्हें मिलेंगे। 
2 Chronicles 20:17 इस लड़ाई में तुम्हें लड़ना न होगा; हे यहूदा, और हे यरूशलेम, ठहरे रहना, और खड़े रह कर यहोवा की ओर से अपना बचाव देखना। मत डरो, और तुम्हारा मन कच्चा न हो; कल उनका साम्हना करने को चलना और यहोवा तुम्हारे साथ रहेगा। 
2 Chronicles 20:18 तब यहोशापात भूमि की ओर मुंह कर के झुका और सब यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों ने यहोवा के साम्हने गिर के यहोवा को दण्डवत किया। 
2 Chronicles 20:19 और कहातियों और कोरहियों में से कुछ लेवीय खड़े हो कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की स्तुति अत्यन्त ऊंचे स्वर से करने लगे। 
2 Chronicles 20:20 बिहान को वे सबेरे उठ कर तकोआ के जंगल की ओर निकल गए; और चलते समय यहोशापात ने खड़े हो कर कहा, हे यहूदियो, हे यरूशलेम के निवासियो, मेरी सुनो, अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर रहोगे; उसके नबियों की प्रतीत करो, तब तुम कृतार्थ हो जाओगे। 
2 Chronicles 20:21 तब उसने प्रजा के साथ सम्मति कर के कितनों को ठहराया, जो कि पवित्रता से शोभायमान हो कर हथियारबन्दों के आगे आगे चलते हुए यहोवा के गीत गाएं, और यह कहते हुए उसकी स्तुति करें, कि यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है। 
2 Chronicles 20:22 जिस समय वे गाकर स्तुति करने लगे, उसी समय यहोवा ने अम्मोनियों, मोआबियों और सेईर के पहाड़ी देश के लोगों पर जो यहूदा के विरुद्ध आ रहे थे, घातकों को बैठा दिया और वे मारे गए। 
2 Chronicles 20:23 क्योंकि अम्मोनियों और मोआबियों ने सेईर के पहाड़ी देश के निवासियों डराने और सत्यानाश करने के लिये उन पर चढ़ाई की, और जब वे सेईर के पहाड़ी देश के निवासियों का अन्त कर चुके, तब उन सभों ने एक दूसरे के नाश करने में हाथ लगाया। 

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 26-27
  • फिलिप्पियों 2