मेरी पत्नी ने हाल ही में मुझे एक पिल्ला
भेंट में दिया, जिसका नाम हम ने मैक्स रखा। एक दिन मैक्स मेरे साथ था जब मैं अपने
कमरे में बैठा अपना काम कर रहा था; काम पर ध्यान लगाने के बीच में मुझे कागज़ फटने
की आवाज़ आई। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो एक पुस्तक खुली हुई थी, जिस का एक फटा हुआ
पृष्ठ मैक्स के मुँह में था। हमारे पशु चिकित्सक के अनुसार इस समय मैक्स अपने “चबाने वाले समय” से हो कर
निकल रहा है, जब उस के दूध के दांत गिर रहे हैं और उन के स्थान पर पक्के दांत निकल
रहे हैं। इसलिए अपने मसूड़ों की खुजली मिटाने के लिए, मैक्स को जो भी चबाने योग्य
मिलता है, वह उसे चबाने लगता था। हमें मैक्स पर बहुत ध्यान देना पड़ता है कि कहीं
वह कुछ ऐसा न चबाने लग जाए जिस से उसे कुछ हानि हो, और उस के चबाने के लिए उसे कुछ
स्वस्थ वस्तुएं देनी होती हैं, जब तक कि वह और परिपक्व हो कर इस आयु से बाहर नहीं
आ जाता है।
मैक्स की चबाने की प्रवृत्ति, और मेरी उस पर
इस के लिए ध्यान देते रहने की ज़िम्मेदारी ने मुझे इस बात पर ध्यान करने को विवश
किया कि हम अपने मन और मस्तिष्क को “चबाने” या जुगाली करने के लिए क्या सामग्री देते
हैं? जब हम पढ़ रहे होते हैं, इंटरनेट पर खोज और देख रहे होते हैं, टीवी पर कोई
कार्यक्रम देख रहे होते हैं, तो क्या हम ध्यान करते हैं कि हम अपनी अनंत आत्मा को क्या
पोषण दे रहे हैं; उसे आत्मिक परिपक्वता के लिए क्या सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं?
परमेश्वर का वचन बाइबल हमें प्रोत्साहित करती
है, “नये जन्मे हुए बच्चों के समान निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो,
ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ” (1 पतरस 2:2)। यदि मसीही
विश्वासी होने के नाते हमें आत्मिकता में बढ़ना और परिपक्व होना है तो हमें
प्रतिदिन अपने आप को परमेश्वर के वचन और उस के सत्य से भरते रहना है। परमेश्वर के
वचन की जुगाली करने से ही हम उस में उन्नति कर के परिपक्व हो सकते हैं। - जेम्स
बैंक्स
जब मसीह लौट कर
आएगा,
तो वह हमें किन बातों की लालसा करते हुए पाएगा?
धन्य हैं वे जो
धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे। -
मत्ती 5:6
बाइबल पाठ: 1
पतरस 2:1-11
1 पतरस 2:1 इसलिये
सब प्रकार का बैर भाव और छल और कपट और डाह और बदनामी को दूर करके।
1 पतरस 2:2 नये
जन्मे हुए बच्चों के समान निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि
उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ।
1 पतरस 2:3 यदि
तुम ने प्रभु की कृपा का स्वाद चख लिया है।
1 पतरस 2:4 उसके
पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य
जीवता पत्थर है।
1 पतरस 2:5 तुम
भी आप जीवते पत्थरों के समान आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से
याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ,
जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।
1 पतरस 2:6 इस
कारण पवित्र शास्त्र में भी आया है, कि देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूं: और
जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्ज़ित नहीं
होगा।
1 पतरस 2:7 सो
तुम्हारे लिये जो विश्वास करते हो, वह तो बहुमूल्य है,
पर जो विश्वास नहीं करते उन के लिये जिस पत्थर को राजमिस्त्रीयों ने
निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया।
1 पतरस 2:8 और
ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है: क्योंकि वे तो वचन को न मान
कर ठोकर खाते हैं और इसी के लिये वे ठहराए भी गए थे।
1 पतरस 2:9 पर
तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की ) निज प्रजा हो,
इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में
बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
1 पतरस 2:10 तुम
पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम
पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।।
1 पतरस 2:11 हे
प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को
परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं,
बचे रहो।
एक साल में
बाइबल:
- 2 इतिहास 17-18
- यूहन्ना 13:1-20