हम में से अधिकांशतः अपने जीवनों में कभी ना कभी इस अनुभव से होकर निकले हैं जब हम किसी चीज़ की ऐसी लालसा करते हैं कि उसे पाने के लिए कुछ भी कर गुज़रते हैं, यह जानते हुए भी वह लालसा या हमारा मार्ग अनुचित अथवा गलत है और बाद में अपनी इस ढिठाई और मूर्खता के लिए पछताते हैं। परमेश्वर की जानबूझ कर करी गई अनाज्ञाकारिता के परिणामों के कारण हम अपने आप से क्षुब्ध हो सकते हैं, हो रहे दुषपरिणामों से स्तब्ध हो सकते हैं और मन मसोस कर उन्हें सहने के लिए बाध्य हो सकते हैं। लेकिन फिर भी आगे के लिए एक मार्ग हमें सदा उपलब्ध है - क्षमा याचना और पश्चाताप।
जब इस्त्राएल के लोगों ने मांग करी कि अन्य जाति के लोगों के समान उन्हें भी अपने ऊपर एक राजा चाहिए तो परमेश्वर के भविष्यद्वकता शमूएल ने उन्हें समझाया कि परमेश्वर ही उनका राजा है और परमेश्वर के स्थान पर किसी मनुष्य के राजा बनाने के दुषपरिणामों के बारे में चिताया (1 शमूएल 8:4-9)। लेकिन इस्त्राएली नहीं माने और परमेश्वर ने उन्हें उनकी इच्छानुसार एक राजा दे दिया। जब थोड़े समय में अपनी इस मूर्खता का उन्हें एहसास हुआ तो उन्होंने फिर से शमूएल से इसके लिए सहायता और प्रार्थना मांगी (1 शमूएल 12:19)। शमूएल ने उन्हें सांत्वना दी और आगे के लिए मार्ग बताया: "शमूएल ने लोगों से कहा, डरो मत; तुम ने यह सब बुराई तो की है, परन्तु अब यहोवा के पीछे चलने से फिर मत मुड़ना; परन्तु अपने सम्पूर्ण मन से उस की उपासना करना" (1 शमूएल 12:20)।
हम बीते हुए कल को लौटा के नहीं ला सकते और ना ही उस की बातों को पलट सकते हैं, लेकिन हम आज ऐसे कार्य अवश्य कर सकते हैं जो आने वाले कल के लिए लाभकारी हों। शमूएल ने इस्त्राएलियों के लिए प्रार्थना करने और उन्हें सही मार्ग की शिक्षा देने का आश्वासन दिया और इसके कारगर होने के लिए उसने केवल एक शर्त उनके सामने रखी: "केवल इतना हो कि तुम लोग यहोवा का भय मानो, और सच्चाई से अपने सम्पूर्ण मन के साथ उसकी उपासना करो; क्योंकि यह तो सोचो कि उसने तुम्हारे लिये कैसे बड़े बड़े काम किए हैं" (1 शमूएल 12:24)।
परमेश्वर आज भी हमें बुलाता है। हम चाहे कितने ही परमेश्वर से विमुख, ढीठ, अनाज्ञाकारी और स्वार्थी रहे हों, किंतु प्रभु यीशु में हमारे लिए परमेश्वर से क्षमा के द्वार सदा खुले हैं और सृष्टिकर्ता परमेश्वर अपनी हर एक सृष्टि से मिले रहना चाहता है, उन्हें नष्ट होते देखना नहीं चाहता। बस नम्रता के साथ अपनी गलती को मान लें और विश्वास के साथ प्रभु यीशु से क्षमा को ग्रहण कर लें। अनन्त आशीषें और शांति का जीवन आपकी राह तक रहा है। - डेविड मैक्कैसलैंड
बीते हुए कल की बातों से आने वाले कल की आशीषों को दबा ना दें।
हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। - फिलिप्पियों 3:13-14
बाइबल पाठ: 1 शमूएल 12:19-25
1 Samuel 12:19 और सब लोगों ने शमूएल से कहा, अपने दासों के निमित्त अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर, कि हम मर न जाएं; क्योंकि हम ने अपने सारे पापों से बढ़कर यह बुराई की है कि राजा मांगा है।
1 Samuel 12:20 शमूएल ने लोगों से कहा, डरो मत; तुम ने यह सब बुराई तो की है, परन्तु अब यहोवा के पीछे चलने से फिर मत मुड़ना; परन्तु अपने सम्पूर्ण मन से उस की उपासना करना;
1 Samuel 12:21 और मत मुड़ना; नहीं तो ऐसी व्यर्थ वस्तुओं के पीछे चलने लगोगे जिन से न कुछ लाभ पहुंचेगा, और न कुछ छुटकारा हो सकता है, क्योंकि वे सब व्यर्थ ही हैं।
1 Samuel 12:22 यहोवा तो अपने बड़े नाम के कारण अपनी प्रजा को न तजेगा, क्योंकि यहोवा ने तुम्हें अपनी ही इच्छा से अपनी प्रजा बनाया है।
1 Samuel 12:23 फिर यह मुझ से दूर हो कि मैं तुम्हारे लिये प्रार्थना करना छोड़कर यहोवा के विरुद्ध पापी ठहरूं; मैं तो तुम्हें अच्छा और सीधा मार्ग दिखाता रहूंगा।
1 Samuel 12:24 केवल इतना हो कि तुम लोग यहोवा का भय मानो, और सच्चाई से अपने सम्पूर्ण मान के साथ उसकी उपासना करो; क्योंकि यह तो सोचो कि उसने तुम्हारे लिये कैसे बड़े बड़े काम किए हैं।
1 Samuel 12:25 परन्तु यदि तुम बुराई करते ही रहोगे, तो तुम और तुम्हारा राजा दोनों के दोनों मिट जाओगे।
एक साल में बाइबल:
- न्यायीयों 9-10
- लूका 5:17-39