सन 1963 के नवम्बर माह में जिस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति जौन एफ़. कैनेडी की हत्या हुई, एक और प्रमुख अगुवे - क्लाईव स्टेप्ल्स ल्युईस की भी मृत्यु हुई। ऑक्सफॉर्ड के इस विद्वान ने, जिसे सामान्यतः सी. एस. ल्युईस के नाम से जाना जाता है, नास्तिकवाद को छोड़कर मसीही विश्वास को अपनाया था, और वह बहुतायत से लिखने वाला एक सफल लेखक था। उनकी कलम से बुद्धिमता से परिपूर्ण पुस्तकें, विज्ञान पर आधारित कहानियाँ, बच्चों के लिए काल्पनिक कहानियाँ बहुतायत से निकलती रहती थीं और प्रत्येक में एक बलवन्त मसीही सन्देश होता था। उनकी लेखनी को परमेश्वर ने बहुत से लोगों को मसीही विश्वास में लाने के लिए प्रयोग किया, जिनमें एक राजनितिक नेता और एक नोबल पुरुस्कार विजेता वैज्ञानिक भी हैं।
परमेश्वर कुछ को अपनी लेखनी के द्वारा अन्य लोगों को मसीह यीशु के बारे में बताने के लिए प्रयोग करता है, लेकिन प्रत्येक मसीही विश्वासी अपने जीवन के द्वारा मसीह यीशु के लिए एक जीवित पत्री है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थ के मसीही विश्वासियों को लिखा: "यह प्रगट है, कि तुम मसीह की पत्री हो, जिस को हम ने सेवकों की नाईं लिखा; और जो सियाही से नहीं, परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से पत्थर की पटियों पर नहीं, परन्तु हृदय की मांस रूपी पटियों पर लिखी है" (2 कुरिन्थियों 3:3)। ऐसा लिखने में निश्चय ही पौलुस का यह तात्पर्य नहीं था कि मसीही विश्वासी कागज़ के समान उपयोग होने के लिए हैं जिन पर स्याही से मसीह का सन्देश लिखा जाए। वरन उसका तात्पर्य था कि जैसे पत्रियों को पढ़कर सन्देश का अर्थ जाना जाता है वैसे ही हम मसीही विश्वासियों के जीवन भी हमारे प्रभु यीशु के सन्देश को संसार लोगों के सामने रखते हैं, और अपने व्यवहार तथा ईमानदारी के द्वारा हम ’जीवित पत्रियाँ’ होने का कार्य करते हैं।
समाज पर जो प्रभाव सी. एस. ल्युईस ने डाला, वैसा प्रभाव बहुत कम लोग ही डाल सकते हैं, लेकिन प्रत्येक मसीही विश्वासी का जीवन और व्यवहार अपने तथा समस्त संसार के उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता प्रभु यीशु के नाम गौरव और महिमा देने का कार्य कर सकता है। - डेनिस फिशर
जितने हमारे जीवनों को पढ़ते हैं उनके लिए हम मसीह यीशु के प्रेम की पत्री हैं।
उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16
बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 3:1-11
2 Corinthians 3:1 क्या हम फिर अपनी बड़ाई करने लगे? या हमें कितनों कि नाईं सिफारिश की पत्रियां तुम्हारे पास लानी या तुम से लेनी हैं?
2 Corinthians 3:2 हमारी पत्री तुम ही हो, जो हमारे हृदयों पर लिखी हुई है, और उसे सब मनुष्य पहिचानते और पढ़ते है।
2 Corinthians 3:3 यह प्रगट है, कि तुम मसीह की पत्री हो, जिस को हम ने सेवकों की नाईं लिखा; और जो सियाही से नहीं, परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से पत्थर की पटियों पर नहीं, परन्तु हृदय की मांस रूपी पटियों पर लिखी है।
2 Corinthians 3:4 हम मसीह के द्वारा परमेश्वर पर ऐसा ही भरोसा रखते हैं।
2 Corinthians 3:5 यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है।
2 Corinthians 3:6 जिसने हमें नई वाचा के सेवक होने के योग्य भी किया, शब्द के सेवक नहीं वरन आत्मा के; क्योंकि शब्द मारता है, पर आत्मा जिलाता है।
2 Corinthians 3:7 और यदि मृत्यु की यह वाचा जिस के अक्षर पत्थरों पर खोदे गए थे, यहां तक तेजोमय हुई, कि मूसा के मुंह पर के तेज के कराण जो घटता भी जाता था, इस्त्राएल उसके मुंह पर दृष्टि नहीं कर सकते थे।
2 Corinthians 3:8 तो आत्मा की वाचा और भी तेजोमय क्यों न होगी?
2 Corinthians 3:9 क्योंकि जब दोषी ठहराने वाली वाचा तेजोमय थी, तो धर्मी ठहराने वाली वाचा और भी तेजोमय क्यों न होगी?
2 Corinthians 3:10 और जो तेजोमय था, वह भी उस तेज के कारण जो उस से बढ़कर तेजामय था, कुछ तेजोमय न ठहरा।
2 Corinthians 3:11 क्योंकि जब वह जो घटता जाता था तेजोमय था, तो वह जो स्थिर रहेगा, और भी तेजोमय क्यों न होगा?
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 20-21
- याकूब 5