एक
समय था जब The Experience Project, इक्कीसवीं सदी का सबसे बड़ा इंटरनेट का समुदाय
था, और इस पर करोड़ों लोग अपने व्यक्तिगत पीड़ादायक अनुभव साझा किया करते थे। उनकी
हृदय-विदारक कहानियों और अनुभवों को पढ़कर मुझे समझ में आता था कि कैसे हमें किसी
ऐसे का साथ चाहिए होता है जो हमारी पीड़ा को समझे; कोई ऐसा जिसके साथ हम अपनी
भावनाएँ बाँट सकें।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में, उत्पत्ति की पुस्तक में, एक युवा दासी की कहानी है, जो बताती है कि
किसी का साथ कितना शान्तिदायक हो सकता है; जीवन को असहनीय से सहनीय
बना सकता है। हाजिरा एक दासी थी, जिसे संभवतः अब्राहम को मिस्र के एक फिरौन ने दिया
था (देखिए उत्पत्ति 12:16; 16:1)। जब अब्राहम की पत्नी सारा गर्भवती नहीं हो सकी, तो उसने अब्राहम
पर जोर दिया कि वह हाजिरा के द्वारा उसके लिए संतान उत्पन्न करे – जो आज हमें
विचलित करने वाला, किन्तु उस समय की प्रथाओं में एक सामान्य बात थी। लेकिन जब
हाजिरा गर्भवती हो गई, तो घर में तनाव आ गया, और सारा के द्वारा किए जा
रहे उत्पीड़न से बचने के लिए हाजिरा जंगल में भाग गई (16:1-6)।
लेकिन
हाजिरा की कठिन और दयनीय स्थिति परमेश्वर की दृष्टि से छुपी हुई नहीं थी। परमेश्वर
के एक दूत ने हाजिर से बात की, उसे दिलासा और प्रोत्साहन दिया (पद 7-12), और हाजिरा
ने परमेश्वर के लिए कहा, “अत्ताएलरोई – तू सब कुछ देखने वाला परमेश्वर है” (पद 13)।
इन शब्दों के द्वारा हाजिरा उस की स्तुति और आराधना कर रही थी जो केवल बाहरी
स्थितियों और तथ्यों को ही नहीं देखता है,वरन सभी के मनों के अन्दर
के हाल को भी अच्छे से जानता है और परखता है (1 इतिहास 28:9)।
यही
परमेश्वर देहधारी होकर पृथ्वी पर प्रभु यीशु मसीह के नाम से रहा, और “जब उसने भीड़
को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे” (मत्ती 9:36)।
हाजिरा की मुलाक़ात उस परमेश्वर से हुई थी जो ना केवल देखता है, वरन समझता भी है, और सहानुभूति भी
रखता है, और समस्या के निवारण के लिए प्रावधान भी करता है। जिसने हाजिरा की स्थिति को
देखा, समझा, और उसकी पीड़ा को जाना, उसे समाधान दिया, वही हमारी भी समस्त स्थिति को उसी प्रकार
से जानता और समझता है और उचित कार्यवाही भी करता है (इब्रानियों 4:15-16)। हमारे
इस प्रभु परमेश्वर की सहानुभूति और प्रावधान, यदि हम उन्हें विश्वास के
साथ स्वीकार करें और मानें, तो हमारे असहनीय अनुभवों को न केवल सहनीय बना देते हैं, वरन “और हम जानते
हैं, कि जो लोग परमेश्वर
से प्रेम रखते हैं,
उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस
की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं” (रोमियों 8:28)। - जेफ़ ओल्सन
परमेश्वर हमारी सारी पीड़ा को ऐसे अनुभव करता है, जैसे वह उस ही की
हो।
और हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के परमेश्वर का
ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जांचता
और विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझ को मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको
त्याग दे तो वह सदा के लिये तुझ को छोड़ देगा। - 1 इतिहास 28:9
बाइबल पाठ: उत्पत्ति 16:7-16
उत्पत्ति 16:7 तब यहोवा के दूत ने उसको जंगल में शूर के मार्ग पर जल के एक सोते के पास पाकर कहा,
उत्पत्ति 16:8 हे सारै की दासी हाजिरा, तू कहां से आती और कहां को जाती है? उसने कहा, मैं अपनी स्वामिनी सारै
के सामने से भाग आई हूं।
उत्पत्ति 16:9 यहोवा के दूत ने उस से कहा, अपनी स्वामिनी के पास लौट जा और उसके वश में रह।
उत्पत्ति 16:10 और यहोवा के दूत ने उस से कहा, मैं तेरे वंश को बहुत बढ़ाऊंगा, यहां तक कि बहुतायत के कारण उसकी गणना न हो सकेगी।
उत्पत्ति 16:11 और यहोवा के दूत ने उस से कहा, देख तू गर्भवती है, और पुत्र जनेगी, सो उसका नाम इश्माएल रखना; क्योंकि यहोवा ने तेरे दु:ख
का हाल सुन लिया है।
उत्पत्ति 16:12 और वह मनुष्य बनैले गदहे के समान होगा उसका हाथ सबके विरुद्ध उठेगा, और सब के हाथ उसके विरुद्ध उठेंगे; और वह अपने सब भाई बन्धुओं के
मध्य में बसा रहेगा।
उत्पत्ति 16:13 तब उसने यहोवा का नाम जिसने उस से बातें की थीं, अत्ताएलरोई रखकर कहा कि, क्या मैं यहां भी उसको जाते हुए देखने पाई जो मेरा देखने
वाला है?
उत्पत्ति 16:14 इस कारण उस कुएं का नाम लहैरोई कुआं पड़ा; वह तो कादेश और बेरेद के बीच में है।
उत्पत्ति 16:15 सो हाजिरा अब्राम के द्वारा एक पुत्र जनी: और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम, जिसे हाजिरा जनी, इश्माएल रखा।
उत्पत्ति 16:16 जब हाजिरा ने अब्राम के द्वारा इश्माएल को जन्म दिया उस समय अब्राम छियासी वर्ष
का था।
एक साल में बाइबल:
- 1 शमूएल 4-6
- लूका 9:1-17