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शनिवार, 30 नवंबर 2019

अपूर्ण



      जापान में भोजन वस्तुएं बड़े ध्यान और शुद्धता से बनाई जाती हैं, और बेचने के लिए आकर्षक रीति से पैक भी की जाती हैं। न केवल उनका स्वाद अच्छा होना चाहिए, परन्तु उनका स्वरूप भी अच्छा होना चाहिए। उन्हें खरीदते समय मैं अकसर सोचता हूँ कि मैं भोजन वस्तु खरीद रहा हूँ या वह पैकिंग! अच्छी गुणवत्ता पर जापान में दिए जाने वाले बल के कारण, ज़रा से भी त्रुटि वाले उत्पादों को अकसर हटा दिया जाता है। परन्तु हाल ही के वर्षों में ‘वेकियारी’ उत्पाद लोकप्रीय होने लगे हैं। जापानी भाषा में ‘वेकियारी’ शब्द का अर्थ है “कारण है”। इन उत्पादों को फेंका नहीं जाता है, वरन उन्हें सस्ते दामों पर बेच दिया जाता है – उदाहरण के लिए वे बिस्किट जो टूट गए हैं।

      मेरा एक मित्र ने, जो जापान में रहता है, मुझे बताया कि ‘वेकियारी’ शब्द प्रत्यक्ष रूप में अपूर्ण दिखने वाले लोगों के लिए भी प्रयोग किया जाता है।

      परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि प्रभु यीशु सभी से प्रेम करते हैं; उन से भी जिन्हें समाज ने वेकियारी कहकर तिरिस्कृत कर दिया है। जब एक पापिनी स्त्री को मालूम हुआ कि प्रभु यीशु एक फरीसी के घर में भोजन कर रहे हैं, तो वह वहाँ गयी, और प्रभु यीशु के पांवों पर झुककर रोने लगी (लूका 7:37-38)। फरीसी ने तो उसे “पापिनी” कहा (पद 39), परन्तु प्रभु यीशु ने उसे स्वीकार किया। प्रभु ने उससे कोमलता से बात की, और उसे आश्वस्त किया कि उसके पाप क्षमा किए गए हैं (पद 48)।

      प्रभु यीशु अपूर्ण, वेक्यारी लोगों से भी प्रेम करते हैं – जिनमें मैं और आप भी सम्मिलित हैं। और प्रभु के प्रेम का सबसे महान प्रगटीकरण है: “परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा” (रोमियों 5:8)। उसके प्रेम को प्राप्त करने वाले पात्र होने के कारण, हम मसीही विश्वासियों को प्रभु के इस प्रेम को औरों तक पहुंचाने का माध्यम भी बन जाना है, जिससे इस संसार के अपूर्ण और वेक्यरी लोग भी जान सकें कि उनकी अपूर्णता और त्रुटियों के बावजूद, प्रभु यीशु पर लाए गए विश्वास और उससे माँगी गई पापों की क्षमा के द्वारा वे भी परमेश्वर के प्रेम को प्राप्त करने वाले हो सकते हैं।
 - एल्बर्ट ली

परमेश्वर के प्रेम के द्वारा पाप के कारण टूटे हुए लोग भी पूर्ण बनाए जा सकते हैं।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए। - यूहन्ना 3:16-17

बाइबल पाठ: लूका 7:36-50
Luke 7:36 फिर किसी फरीसी ने उस से बिनती की, कि मेरे साथ भोजन कर; सो वह उस फरीसी के घर में जा कर भोजन करने बैठा।
Luke 7:37 और देखो, उस नगर की एक पापिनी स्त्री यह जानकर कि वह फरीसी के घर में भोजन करने बैठा है, संगमरमर के पात्र में इत्र लाई।
Luke 7:38 और उसके पांवों के पास, पीछे खड़ी हो कर, रोती हुई, उसके पांवों को आंसुओं से भिगाने और अपने सिर के बालों से पोंछने लगी और उसके पांव बारबार चूमकर उन पर इत्र मला।
Luke 7:39 यह देखकर, वह फरीसी जिसने उसे बुलाया था, अपने मन में सोचने लगा, यदि यह भविष्यद्वक्ता होता तो जान लेता, कि यह जो उसे छू रही है, वह कौन और कैसी स्त्री है? क्योंकि वह तो पापिनी है।
Luke 7:40 यह सुन यीशु ने उसके उत्तर में कहा; कि हे शमौन मुझे तुझ से कुछ कहना है वह बोला, हे गुरू कह।
Luke 7:41 किसी महाजन के दो देनदार थे, एक पांच सौ, और दूसरा पचास दीनार धारता था।
Luke 7:42 जब कि उन के पास पटाने को कुछ न रहा, तो उसने दोनों को क्षमा कर दिया: सो उन में से कौन उस से अधिक प्रेम रखेगा।
Luke 7:43 शमौन ने उत्तर दिया, मेरी समझ में वह, जिस का उसने अधिक छोड़ दिया: उसने उस से कहा, तू ने ठीक विचार किया है।
Luke 7:44 और उस स्त्री की ओर फिरकर उसने शमौन से कहा; क्या तू इस स्त्री को देखता है मैं तेरे घर में आया परन्तु तू ने मेरे पांव धोने के लिये पानी न दिया, पर इस ने मेरे पांव आंसुओं से भिगाए, और अपने बालों से पोंछा!
Luke 7:45 तू ने मुझे चूमा न दिया, पर जब से मैं आया हूं तब से इस ने मेरे पांवों का चूमना न छोड़ा।
Luke 7:46 तू ने मेरे सिर पर तेल नहीं मला; पर इस ने मेरे पांवों पर इत्र मला है।
Luke 7:47 इसलिये मैं तुझ से कहता हूं; कि इस के पाप जो बहुत थे, क्षमा हुए, क्योंकि इस ने बहुत प्रेम किया; पर जिस का थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ा प्रेम करता है।
Luke 7:48 और उसने स्त्री से कहा, तेरे पाप क्षमा हुए।
Luke 7:49 तब जो लोग उसके साथ भोजन करने बैठे थे, वे अपने अपने मन में सोचने लगे, यह कौन है जो पापों को भी क्षमा करता है?
Luke 7:50 पर उसने स्त्री से कहा, तेरे विश्वास ने तुझे बचा लिया है, कुशल से चली जा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 37-39
  • 2 पतरस 2



शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

हमदर्द



      यदि आप एक विशेष पोशाक – R70i को पहिनेंगे, तो तुरंत अपने आप को चालीस वर्ष अधिक आयु का अनुभव करेंगे – आप की दृष्टि धुंधली हो जाएगी, सुनाई काम देगा, और चलने फिरने में कठिनाई होगी। यह विशेष पोशाक वृद्धों की देखभाल करने वालों को प्रशिक्षित करने के लिए बनाई गई है जिससे वे अपने मरीज़ों और उनकी आवश्यकताओं को बेहतर समझ सकें और उनकी देखभाल करने में सक्षम हो सकें। Wall Street Journal के पत्रकार, ज्योफ्री फाउलर ने उस पोशाक को पहिनने के बाद अपने अनुभव के विषय लिखा, “उस अविस्मरणीय और तकलीफदेह अनुभव ने न केवल बुढ़ापे की समस्याओं पर प्रकाश डाला, वरन यह भी दिखाया कि तकनीकी के द्वारा बनाई गई कृत्रिम वास्तविकता किस प्रकार से हमें हमदर्दी रखना सिखा सकती है और अपने आस-पास के संसार के प्रति हमारे दृष्टिकोण को किस प्रकार से प्रभावित कर सकती है।”

      हमदर्दी, किसी दूसरे की भावनाओं को समझने और उन्हें साझा करने की सामर्थ्य है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु मसीह के अनुयायियों पर आए कठोर सताव के समय में, इब्रानियों के लेखक ने अपने पाठकों से आग्रह किया कि वे, “कैदियों की ऐसी सुधि लो, कि मानो उन के साथ तुम भी कैद हो; और जिन के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है, उन की भी यह समझकर सुधि लिया करो, कि हमारी भी देह है” (13:3)।

      हमारे प्रभु और समस्त जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह ने हमारे लिए यही किया है। प्रभु यीशु हमारे समान मनुष्य बनकर इस धरती पर आए, “इस कारण उसको चाहिए था, कि सब बातों में अपने भाइयों के समान बने; जिस से वह उन बातों में जो परमेश्वर से सम्बन्‍ध रखती हैं, एक दयालु और विश्वास योग्य महायाजक बने ताकि लोगों के पापों के लिये प्रायश्‍चित्त करे। क्योंकि जब उसने परीक्षा की दशा में दुख उठाया, तो वह उन की भी सहायता कर सकता है, जिन की परीक्षा होती है” (2:17-18)।

      मसीह जो प्रभु है, हमारे समान बन गए, और हमें आह्वान करते हैं कि हम औरों के साथ उनकी आवश्यकता के समयों में ऐसे खड़े हों, जैसे हम उस परिस्थिति में उनके साथ ही हों। - डेविड मैक्कैस्लैंड

प्रभु यीशु चाहते हैं कि हम औरों के साथ ऐसे खड़े रहें, 
मानो उनके स्थान पर उस परिस्थित में हम ही हैं।

जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:5

बाइबल पाठ: इब्रानियों 2:14-18; 13:1-3
Hebrews 2:14 इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे।
Hebrews 2:15 और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले।
Hebrews 2:16 क्योंकि वह तो स्‍वर्गदूतों को नहीं वरन इब्राहीम के वंश को संभालता है।
Hebrews 2:17 इस कारण उसको चाहिए था, कि सब बातों में अपने भाइयों के समान बने; जिस से वह उन बातों में जो परमेश्वर से सम्बन्‍ध रखती हैं, एक दयालु और विश्वास योग्य महायाजक बने ताकि लोगों के पापों के लिये प्रायश्‍चित्त करे।
Hebrews 2:18 क्योंकि जब उसने परीक्षा की दशा में दुख उठाया, तो वह उन की भी सहायता कर सकता है, जिन की परीक्षा होती है।
Hebrews 13:1 भाईचारे की प्रीति बनी रहे।
Hebrews 13:2 पहुनाई करना न भूलना, क्योंकि इस के द्वारा कितनों ने अनजाने स्‍वर्गदूतों की पहुनाई की है।
Hebrews 13:3 कैदियों की ऐसी सुधि लो, कि मानो उन के साथ तुम भी कैद हो; और जिन के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है, उन की भी यह समझकर सुधि लिया करो, कि हमारी भी देह है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 35-36
  • 2 पतरस 1



गुरुवार, 28 नवंबर 2019

धन्यवाद



      परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि कई हज़ार वर्ष पहले परमेश्वर ने मूसा के माध्यम से अपने लोगों, इस्राएल को अपनी विधियां, नियम और पर्व दिए। उनमें से फसल से संबंधित पर्व भी थे – कटनी का पर्व और बटोरने का पर्व, जिनके विषय परमेश्वर ने कहा, “और जब तेरी बोई हुई खेती की पहिली उपज तैयार हो, तब कटनी का पर्ब्ब मानना। और वर्ष के अन्त में जब तू परिश्रम के फल बटोर के ढेर लगाए, तब बटोरन का पर्ब्ब मानना” (निर्गमन 23:16)।

      आज सारे संसार में इस प्रकार का पर्व कभी-न-कभी मनाया जाता है, धरती से होने वाली उपज के उपलक्ष्य में। अफ्रीका के घाना देश में लोग फसल की कटनी के समय यैम का पर्व मनाते हैं; ब्राजील में Dia de Acao de Gracas फसल के लिए धन्यवादी होने का समय है; चीन में पतझड़ के समय मून पर्व मनाया जाता है; और अमेरिका तथा कैनाडा में थैंक्सगिविंग (Thanksgiving) का पर्व मनाया जाता है।

      फसल की कटनी के पर्व के उद्देश्य को समझने के लिए हम जल प्रलय के तुरंत बाद परमेश्वर द्वारा नूह से कही गई बात पर चलते हैं। परमेश्वर ने नूह और उसके परिवार को – और उसमें होकर आज हमें – हमारे फलते-फूलते अस्तित्व के लिए उसके प्रावधानों का स्मरण करवाया। परमेश्वर ने कहा कि पृथ्वी पर ऋतुएँ, दिन और रात, तथा बोने और काटने के समय सदा होते रहेंगे (उत्पत्ति 8:22)। उस फसल के लिए जिससे हम भरण-पोषण पाते हैं, हमारा धन्यवाद और कृतज्ञता का एकमात्र पात्र केवल परमेश्वर ही है।

      आप चाहे जहां भी रहते हों, या अपने स्थान पर धरती से होने वाली उपज को चाहे जैसे भी मनाते हों, आज कुछ समय निकाल कर परमेश्वर का धन्यवाद करें – यदि उसकी कृपा न हो तो हमारे पास कोई उपज नहीं होगी, और न ही उसके प्रावधानों के लिए आनंदित होने के अवसर। परमेश्वर के धन्यवादी रहें। - डेव ब्रैनन

कृतज्ञता एक धन्यवादी हृदय द्वारा किया गया स्मरण है।

परन्तु सचमुच मसीह मुर्दों में से जी उठा है, और जो सो गए हैं, उन में पहिला फल हुआ। - 1 कुरिन्थियों 15:20

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 8:15-9:3
Genesis 8:15 तब परमेश्वर ने, नूह से कहा,
Genesis 8:16 तू अपने पुत्रों, पत्नी, और बहुओं समेत जहाज में से निकल आ।
Genesis 8:17 क्या पक्षी, क्या पशु, क्या सब भांति के रेंगने वाले जन्तु जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, जितने शरीरधारी जीवजन्तु तेरे संग हैं, उस सब को अपने साथ निकाल ले आ, कि पृथ्वी पर उन से बहुत बच्चे उत्पन्न हों; और वे फूलें-फलें, और पृथ्वी पर फैल जाएं।
Genesis 8:18 तब नूह, और उसके पुत्र, और पत्नी, और बहुएं, निकल आईं:
Genesis 8:19 और सब चौपाए, रेंगने वाले जन्तु, और पक्षी, और जितने जीवजन्तु पृथ्वी पर चलते फिरते हैं, सो सब जाति जाति कर के जहाज में से निकल आए।
Genesis 8:20 तब नूह ने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई; और सब शुद्ध पशुओं, और सब शुद्ध पक्षियों में से, कुछ कुछ ले कर वेदी पर होमबलि चढ़ाया।
Genesis 8:21 इस पर यहोवा ने सुखदायक सुगन्ध पाकर सोचा, कि मनुष्य के कारण मैं फिर कभी भूमि को शाप न दूंगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है; तौभी जैसा मैं ने सब जीवों को अब मारा है, वैसा उन को फिर कभी न मारूंगा।
Genesis 8:22 अब से जब तक पृथ्वी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने के समय, ठण्ड और तपन, धूपकाल और शीतकाल, दिन और रात, निरन्तर होते चले जाएंगे।
Genesis 9:1 फिर परमेश्वर ने नूह और उसके पुत्रों को आशीष दी और उन से कहा कि फूलो-फलो, और बढ़ो, और पृथ्वी में भर जाओ।
Genesis 9:2 और तुम्हारा डर और भय पृथ्वी के सब पशुओं, और आकाश के सब पक्षियों, और भूमि पर के सब रेंगने वाले जन्तुओं, और समुद्र की सब मछलियों पर बना रहेगा: वे सब तुम्हारे वश में कर दिए जाते हैं।
Genesis 9:3 सब चलने वाले जन्तु तुम्हारा आहार होंगे; जैसा तुम को हरे हरे छोटे पेड़ दिए थे, वैसा ही अब सब कुछ देता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 33-34
  • 1 पतरस 5



बुधवार, 27 नवंबर 2019

समझ



      जब हम विदेश से अपने दत्तक पुत्र को घर लेकर आए तो मैं उस पर अपना प्रेम न्योछावर करने और उसे वह सब देने के लिए लालायित थी जो उसने अभी तक नहीं पाया था, विशेषकर अच्छा भोजन, क्योंकि उसमें पोषण का अभाव था। परन्तु हमारे यथासंभव प्रयासों और विशेषज्ञों की सलाह लेने के बावजूद वह बहुत कम बढ़ रहा था। हमें लगभग तीन वर्ष के बाद पता चला कि उसे कुछ प्रकार की भोजन सामग्री नहीं पचा पाने की समस्या है। जैसे ही हमने उसके भोजन में से वह सामग्री निकाल दी, वह कुछ ही महीनों में पाँच इंच बढ़ गया। यद्यपि मुझे इस बात का दुःख था कि अनजाने में मैं उसे वह भोजन सामग्री खिलाती रही जिससे उसकी बढ़ोतरी बाधित हो रही थी, परन्तु मुझे इस बात की प्रसन्नता भी थी कि अब उसका स्वास्थ्य अच्छा हो रहा है, वह बढ़ रहा है।

      मुझे लगता है कि परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा योशिय्याह को भी कुछ ऐसा ही लगा होगा जब परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक कई वर्षों तक मंदिर में खोई रहने के बाद पाई गई। जिस प्रकार मुझे दुःख हुआ कि अनजाने में मैं अपने बेटे की बढ़ोतरी में बाधा बनी रही, उसी प्रकार योशिय्याह भी परमेश्वर की अपने लोगों के लिए भली और सम्पूर्ण इच्छा की जानकारी न होने के लिए दुखी हुआ (2 राजाओं 22:11)। यद्यपि राजा योशिय्याह की सराहना की गयी है कि उसने वह किया जो प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में भला था (पद 2), परन्तु व्यवस्था की पुस्तक को पा लेने के पश्चात उसने और भी अच्छे से परमेश्वर का आदर किया। जो ज्ञान और समझ उसे उस पुस्तक से मिले, उनके द्वारा उसने अपनी प्रजा को परमेश्वर की वैसी आराधना करना सिखाया, जैसी परमेश्वर चाहता है (23:22-23)।

      हम बाइबल में होकर सीखते, समझते हैं कि हम परमेश्वर को वह उचित आदर जिसके वह योग्य है, कैसे दें। परन्तु संभव है कि हम इस बात के लिए भी दुखी होते हैं कि परमेश्वर की हमारे लिए जो इच्छा है, हम उस पर पूरे नहीं उतरे हैं। परन्तु हम इस बात से सांत्वना प्राप्त कर सकते हैं कि वह हमें सही करके पुनःस्थापित करता है, और धैर्य तथा कोमलता के साथ अपनी समझ की गहराईयों में लिए चलता है। - कर्स्टिन होल्मबर्ग

परमेश्वर हमें पुनःआरंभ करने के अवसर देता है।

अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है। - योएल 2:13

बाइबल पाठ: 2 राजाओं 22:1-4, 8-13
2 Kings 22:1 जब योशिय्याह राज्य करने लगा, तब वह आठ वर्ष का था, और यरूशलेम में एकतीस वर्ष तक राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम यदीदा था जो बोस्कतवासी अदाया की बेटी थी।
2 Kings 22:2 उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है और जिस मार्ग पर उसका मूलपुरुष दाऊद चला ठीक उसी पर वह भी चला, और उस से न तो दाहिनी ओर और न बाईं ओर मुड़ा।
2 Kings 22:3 अपने राज्य के अठारहवें वर्ष में राजा योशिय्याह ने असल्याह के पुत्र शापान मंत्री को जो मशुल्लाम का पोता था, यहोवा के भवन में यह कह कर भेजा, कि हिलकिय्याह महायाजक के पास जा कर कह,
2 Kings 22:4 कि जो चान्दी यहोवा के भवन में लाई गई है, और द्वारपालों ने प्रजा से इकट्ठी की है,
2 Kings 22:8 और हिलकिय्याह महायाजक ने शापान मंत्री से कहा, मुझे यहोवा के भवन में व्यवस्था की पुस्तक मिली है; तब हिलकिय्याह ने शापान को वह पुस्तक दी, और वह उसे पढ़ने लगा।
2 Kings 22:9 तब शापान मंत्री ने राजा के पास लौट कर यह सन्देश दिया, कि जो चांदी भवन में मिली, उसे तेरे कर्मचारियो ने थैलियों में डाल कर, उन को सौंप दिया जो यहोवा के भवन में काम कराने वाले हैं।
2 Kings 22:10 फिर शपान मंत्री ने राजा को यह भी बता दिया, कि हिलकिय्याह याजक ने उसे एक पुस्तक दी है। तब शपान उसे राजा को पढ़कर सुनाने लगा।
2 Kings 22:11 व्यवस्था की उस पुस्तक की बातें सुन कर राजा ने अपने वस्त्र फाड़े।
2 Kings 22:12 फिर उसने हिलकिय्याह याजक, शापान के पुत्र अहीकाम, मीकायाह के पुत्र अकबोर, शापान मंत्री और असाया नाम अपने एक कर्मचारी को आज्ञा दी,
2 Kings 22:13 कि यह पुस्तक जो मिली है, उसकी बातों के विष्य तुम जा कर मेरी और प्रजा की और सब यहूदियों की ओर से यहोवा से पूछो, क्योंकि यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर इस कारण भड़की है, कि हमारे पुरखाओं ने इस पुस्तक की बातें न मानी कि कुछ हमारे लिये लिखा है, उसके अनुसार करते।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 30-32
  • 1 पतरस 4



मंगलवार, 26 नवंबर 2019

जानता



      जब अपने चर्च में डेनीस की मुलाक़ात एक दुखी युवती से हुई तो उसके हृदय में उसके लिए भावनाएं उठीं, और डेनीस ने सोचा कि मैं उसकी सहायता करने का प्रयास करूंगी। प्रति सप्ताह वह उसके साथ प्रार्थना करने और उसे परामर्श देने के लिए समय लगाती; डेनीस उसकी सलाहकार, मार्गदर्शिका बन गई। परन्तु चर्च के कुछ अगुवों का ध्यान डेनीस के इस कार्य की और नहीं गया, और उन्होंने उस युवती को परामर्श देने और सहायता करने के लिए एक चर्च कर्मचारी को नियुक्त कर दिया; इस टिप्पणी के साथ कि कोई उस युवती पर ध्यान नहीं दे रहा था।

      यद्यपि डेनीस अपने कार्य के लिए किसी ख्याति की चाह में तो नहीं थी, परन्तु उसे कुछ निराशा अवश्य हुई। उसने मुझे बताया कि उसे लगा कि “यह ऐसा था, मानो मैं कुछ कर ही नहीं रही थी।” परन्तु एक दिन उस युवती ने डेनीस को बताया कि वह डेनीस से उसे मिली सांत्वना एवं सहायता के लिए बहुत धन्यवादी है। यह सुनकर डेनीस को प्रोत्साहन मिला। उसे ऐसा लगा जैसे परमेश्वर उस से कह रहा है, “मैं जानता हूँ कि तुम उसकी सहायता और सांत्वना के लिए उसके साथ हो।” डेनीस अभी भी उस युवती के साथ नियमित मिलती है।

      कभी-कभी, जब हमारे प्रयासों की कोई पहचान या सराहना नहीं होती है, तो हमें निराशा होती है। परन्तु पवित्र शास्त्र हमें स्मरण करवाता है कि हम जो भी करते हैं, परमेश्वर वह सब कुछ जानता है; उसे वह भी पता होता है जो अन्य किसी को पता नहीं होता है। जब हम उसके नाम में होकर औरों की सेवा करते हैं, किसी मनुष्य से प्रशंसा पाने के लिए नहीं, वरन बस उसके लिए, तो यह परमेश्वर को प्रसन्न करता है।

      इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने हमें यह कहा है कि हम अपने दान गुप्त में दें, ताकि हमें प्रतिफल परमेश्वर पिता से मिले (मत्ती 6:4)। हमें किसी की भी ओर ख्याति अथवा प्रशंसा पाने के लिए देखने की आवश्यकता नहीं है। हम इस बात से संतुष्ट रह सकते हैं कि जब हम उसकी तथा उसके नाम में औरों की सेवा करते हैं, तब हमारा परमेश्वर पिता उसे जानता है। - लेस्ली कोह

परमेश्वर सब कुछ देखता और जानता है।

हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है। तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है। - भजन 139:1-2

बाइबल पाठ: मत्ती 6: 1-4
Matthew 6:1 सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्‍वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे।
Matthew 6:2 इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके।
Matthew 6:3 परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए।
Matthew 6:4 ताकि तेरा दान गुप्‍त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 27-29
  • 1 पतरस 3



सोमवार, 25 नवंबर 2019

मनुष्य



      जब एक न्यायाधिकारी से कहा गया कि वह समाज में अपनी भूमिका के बारे में कुछ कहे, तो उसने न तो अपने पद का हवाला दिया, और न ही अपने अधिकारों का वर्णन किया। वरन उसने नम्रता से कहा, “हम मनुष्य हैं, जो संकट में पड़े अन्य मनुष्यों के साथ काम करते हैं।”

      उसकी यह नम्रता – उसके द्वारा यह स्वीकार करना कि वह अन्य मनुष्यों के समान ही है – मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में पतरस के शब्दों को स्मरण करवाता है, जो उसने रोमी शासन के आधीन सताव झेल रहे प्रथम शताब्दी के मसीही विश्वासियों को लिखे थे। पतरस ने कहा: “निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो” (1 पतरस 3:8)। प्रतीत होता है कि पतरस कह रहा था कि संकट में पड़े मनुष्यों के प्रति सबसे उत्तम प्रतिक्रिया है मनुष्य ही के समान होना, इस बात का बोध रखना कि हम सभी समान ही हैं। क्या परमेश्वर ने भी यही नहीं किया जब उसने अपने पुत्र को भेजा – वह मनुष्य बन कर आया ताकि हम मनुष्यों की सहायता कर सके (फिलिप्पियों 2: 5-7)।

      यदि हम केवल अपने पतित हृदयों की गहराइयों में ही झांकते रहेंगे, तो हम अपने मनुष्य होने को तुच्छ समझने का खतरा उठाते हैं। परन्तु क्या हो यदि हम अपने मनुष्य होने को संसार के लिए उपयोगी होना समझें? प्रभु यीशु हमें सिखाते हैं कि हम कैसे पूर्णतः मनुष्यों की समानता का जीवन जी सकते हैं, सेवकों के समान, इस बोध के साथ कि हम सभी समान हैं। परमेश्वर ने हमें “मनुष्य” ही बनाया है, किन्तु अपने स्वरूप में, और फिर हमारे प्रति अपने बिना किसी शर्त के प्रेम के अंतर्गत हमारा उद्धार भी किया है।

      यह निश्चित है कि हमारा सामना विभिन्न संघर्षों में पड़े मनुष्यों से होगा। उस प्रभाव की कल्पना करें जो हम लाने पाएंगे जब उनके प्रति मनुष्य के समान ही प्रत्युत्तर दें – ऐसे मनुष्य जो अन्य मनुष्यों के साथ मिलकर संकट में पड़े मनुष्यों की सहायता करने वाले साथी होते हैं। - एलीसा मॉर्गन

नम्रता परमेश्वर को, तथा उसके समक्ष अपने आप को, पहिचानने का परिणाम है।

जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। - फिलिप्पियों 2:5-7

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:11-17; 3:8-9
1 Peter 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
1 Peter 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1 Peter 2:13 प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।
1 Peter 2:14 और हाकिमों के, क्योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।
1 Peter 2:15 क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो।
1 Peter 2:16 और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो।
1 Peter 2:17 सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1 Peter 3:8 निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो।
1 Peter 3:9 बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 24-26
  • 1 पतरस 2



रविवार, 24 नवंबर 2019

हृदय



      बहुत वर्षों तक हमारे पास ‘वेस्ट हाइलैंड टेरियर’जाती का एक पालतू कुत्ता था। इस प्रकार के कुत्ते बहुत मज़बूत होते हैं, उन्हें शिकार के लिए इस नसल का बनाया गया है जिससे वे बिज्जू और अन्य जानवरों के बिलों में घुसकर उन्हें पकड़ सकें। हमारा कुत्ता अपनी नसल के मूल कुत्तों से अनेकों पीढ़ी बाद का था, परन्तु फिर भी उसमें वही प्रवृत्ति थी जो अनेकों वर्षों तक प्रजनन के द्वारा उनमें लाई गई थी। एक बार वह हमारे घर के पीछे के आंगन में एक पत्थर के नीचे छिपे किसी जानवर के पीछे पड़ गया, और उसे पकड़ने के लिए उस पत्थर के नीचे खोदने लगा, और कई फीट तक खोदता ही गया।

      अब मेरे प्रश्न पर विचार कीजिए: हम मनुष्य क्यों किसी बात के पीछे पड़कर, फिर उसे पा लेने के लिए उसके पीछे पड़े ही रहते हैं? क्यों हमें उन पहाड़ों पर चढ़ना ही होता है जिनपर कोई और नहीं चढ़ा है; उन बर्फीली खड़ी ढलानों पर स्की करना ही होता है; सबसे खतरनाक पहाड़ी नदियों में होकर नौका चलानी ही होती है; प्रकृति के बल को चुनौतियां देनी ही होती हैं? इस लालसा का कुछ भाग तो रोमांच और आनन्द की अभिलाषा के कारण है, परन्तु इससे बढ़कर भी कुछ है। यह परमेश्वर के प्रति हमारी प्रवृत्ति है जो हम में डाली गई है। ऐसा हो ही नहीं सकता है कि हम परमेश्वर को पाने की लालसा न रखें।

      अवश्य ही हम इसे पहिचानते नहीं हैं; हमें बस इतना पता होता है कि हमें किसी बात की लालसा है। मार्क ट्वेन ने कहा, “आप यह नहीं जानते हैं कि आपको क्या चाहिए; परन्तु आप उसकी इतनी तीव्र लालसा रखते हैं कि उसके लिए आप मृत्यु का जोखिम भी उठा लेते हैं।” हमारा हृदय ही परमेश्वर का सच्चा घर है। जैसे कि चर्च के फादर अगस्टिन ने, उनके प्रसिद्ध कथन में, कहा है: “हे प्रभु आपने हमें अपने लिए बनाया है, और हमारे हृदय तब तक बेचैन रहते हैं जब तक कि वे आप में चैन न पा लें।”

      और हृदय क्या है? वह हमारे अन्दर का एक गहरा रिक्त स्थान है जिसे केवल परमेश्वर ही भर सकता है। - डेविड रोपर

हमारी सभी गहरी लालसाओं के पीछे, परमेश्वर के प्रति हमारी गहरी लालसा है।

आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! – रोमियों 11:33

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:10-11
Ecclesiastes 3:10 मैं ने उस दु:खभरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।
Ecclesiastes 3:11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 22-23
  • 1 पतरस 1



शनिवार, 23 नवंबर 2019

सर्वसामर्थी



      एक दिन समुद्रतट पर विचरण करते हुए मैंने कुछ लोगों को हवा के वेग से चलने वाले पटरों की सहायता से लहरों पर अटखेलियाँ करते हुए देखा। जब उनमें से एक किनारे पर आया तो मैंने उससे पूछा कि क्या उसका वह पानी पर उछालें लेना जितना कठिन दिखाई देता क्या वास्तव में वैसा या उससे भी कठिन था? उसने उत्तर दिया, “नहीं; वरन यह केवल लहरों के वेग की सहायता से पानी पर पटरा चलाने से अधिक सरल था, क्योंकि उन्हें हवा की सहायता भी उपलब्ध थी।”

      बाद में जब मैं समुद्रतट पर टहल रही थी, तो मैं हवा की शक्ति के बारे में सोचने लगी – उससे न केवल वे लोग पानी पर पटरा चला सकते थे, वरन वही हवा मेरे बालों को उड़ाकर मेरे चेहरे पर भी ला रही थी; और मैंने अपने विचारों को रोक कर हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर के विषय में ध्यान किया। हम परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खंड में अमोस की पुस्तक में देखते हैं कि परमेश्वर कहता है, “देख, पहाड़ों का बनाने वाला और पवन का सिरजने वाला, और मनुष्य को उसके मन का विचार बताने वाला और भोर को अन्धकार करने वाला, और जो पृथ्वी के ऊंचे स्थानों पर चलने वाला है, उसी का नाम सेनाओं का परमेश्वर यहोवा है” (अमोस 4:13)।

      अपने इस भविष्यद्वक्ता के द्वारा परमेश्वर ने अपने लोगों को अपनी सामर्थ्य के बारे में स्मरण करवाया, और उन्हें लौट कर अपने पास आने के लिए कहा। उसने उन्हें सचेत किया कि यदि वे उसकी और लौट कर नहीं आएँगे, तो वह उन पर अपने आप को अपने न्याय के द्वारा प्रकट करेगा। यद्यपि यहाँ पर हम परमेश्वर के न्यायी होने को देखते हैं, बाइबल हमें परमेश्वर के प्रेम के बारे में उतनी ही स्पष्टता से बताती है, जिस प्रेम के अंतर्गत परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को संसार के लोगों के पापों के बदले बलिदान होने के लिए भेजा (यूहन्ना 3:16)।

      दक्षिण इंग्लैंड में उस दिन तेज़ बहती हुई हवा की शक्ति के द्वारा मुझे परमेश्वर की महानता का एहसास हुआ। यदि आज आप हवा के वेग का अनुभव करें, तो थोड़ा थम कर हमारे सर्वसामर्थी परमेश्वर के बारे में थोड़ा विचार करें। - एमी बाउचर पाई

परमेश्वर ने अपने प्रेम में होकर सृष्टि की रचना की – उसकी स्तुति हो।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।  - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: अमोस 4:12-13
Amos 4:12 इस कारण, हे इस्राएल, मैं तुझ से ऐसा ही करूंगा, और इसलिये कि मैं तुझ में यह काम करने पर हूं, हे इस्राएल, अपने परमेश्वर के साम्हने आने के लिये तैयार हो जा।
Amos 4:13 देख, पहाड़ों का बनाने वाला और पवन का सिरजने वाला, और मनुष्य को उसके मन का विचार बताने वाला और भोर को अन्धकार करने वाला, और जो पृथ्वी के ऊंचे स्थानों पर चलने वाला है, उसी का नाम सेनाओं का परमेश्वर यहोवा है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 20-21
  • याकूब 5



शुक्रवार, 22 नवंबर 2019

आराधना



      कुछ समय पहले की बात है, जब मैं एक चर्च की तलाश में थी जहां मैं नियमित आराधना के लिए जा सकूँ, तब मेरी एक सहेली ने मुझे अपने चर्च में बुलाया। गीत मण्डली के अगुवों ने एक स्तुति गीत गाने में उपस्थित मण्डली के लोगों की अगुवाई की; जो गीत गाया गया वह मुझे बहुत पसंद था, इसलिए अपने कॉलेज के समय के संगीत मण्डली के निर्देशक की सलाह “खुल कर गाओ” को स्मरण करते हुए, मैंने बड़े जोश के साथ वह गाना गाया। गीत गाए जाने के बाद, मेरी सहेली के पति ने मेरी और मुड़कर मुझसे कहा, “तुमने काफी ऊँची आवाज़ में गाया” और उनकी यह टिप्पणी सराहना के भाव में नहीं थी! उसके बाद से मैं अपने गीत गाने पर सचेत होकर ध्यान रखने लगी, यह बात निश्चित करती रही कि मेरी आवाज़ मेरे आस-पास के लोगों से माध्यम हो; और मेरे मन में सदा यह चलता रहा कि मेरे गीत गाने को लेकर लोग मेरी कोई आलोचना तो नहीं कर रहे हैं।

      परन्तु एक इतवार की आराधना सभा में मैंने देखा कि मेरे पास की एक महिला बिना किसी संकोच के, खुले मन से, सच्ची आराधना के भाव में स्तुति गीत गा रही थी। उसकी आराधना को सुनकर मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद द्वारा उसके जीवन में देखी जा सकने वाली सहज और उत्साही आराधना का स्मरण हो आया। भजन 98 में दाऊद कहता है कि सारी पृथ्वी जयजयकार के साथ आराधना करे (पद 4)।

      भजन 98 का पहला पद हमें बताता है कि हमें आराधना आनन्द के साथ क्यों करनी चाहिए, हमें स्मरण दिलाता है कि परमेश्वर ने आश्चर्यकर्म किए हैं। इस पूरे भजन में दाऊद परमेश्वर के उन अद्भुत कार्यों को स्मरण करता है – परमेश्वर की विश्वासयोग्यता और सभी के प्रति न्याय, उसकी करुणा, और उसका उद्धार। परमेश्वर के, तथा उसके द्वारा किए गए कार्यों के विषय मनन करने से हमारे हृदय आराधना भर जाते हैं।

      आपके जीवन में परमेश्वर ने क्या अद्भुत कार्य किए हैं? कृतज्ञता के साथ उसकी भलाईयों को स्मरण करें, और धन्यवाद की आराधना में उसके लिए अपने स्वरों को उठाएं। - लिंडा वॉशिंगटन

आराधना हमारे ध्यान के केंद्र बिंदु को वहीं स्थापित कर देती है
 जहां उसे होना चाहिए – परमेश्वर पर।

राज्य राज्य के लोग आनन्द करें, और जयजयकार करें, क्योंकि तू देश देश के लोंगों का न्याय धर्म से करेगा, और पृथ्वी के राज्य राज्य के लोगों की अगुवाई करेगा। - भजन 67:4

बाइबल पाठ: भजन 98
Psalms 98:1 यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्म किए है! उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है!
Psalms 98:2 यहोवा ने अपना किया हुआ उद्धार प्रकाशित किया, उसने अन्यजातियों की दृष्टि में अपना धर्म प्रगट किया है।
Psalms 98:3 उसने इस्राएल के घराने पर की अपनी करूणा और सच्चाई की सुधि ली, और पृथ्वी के सब दूर दूर देशों ने हमारे परमेश्वर का किया हुआ उद्धार देखा है।
Psalms 98:4 हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ!
Psalms 98:5 वीणा बजा कर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजा कर भजन का स्वर सुनाओ।
Psalms 98:6 तुरहियां और नरसिंगे फूंक फूंककर यहोवा राजा का जयजयकार करो।
Psalms 98:7 समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें; जगत और उसके निवासी महाशब्द करें!
Psalms 98:8 नदियां तालियां बजाएं; पहाड़ मिलकर जयजयकार करें।
Psalms 98:9 यह यहोवा के साम्हने हो, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आने वाला है। वह धर्म से जगत का, और सीधाई से देश देश के लोगों का न्याय करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 18-19
  • याकूब 4



गुरुवार, 21 नवंबर 2019

उद्देश्य



      जब हमारे बच्चे छोटे थे, तो उनका एक प्रीय खेल था हमारे पड़ौसी के घर में लगे चिनार के पेड़ के हमारे आँगन में गिरते हुए बीजों को पकड़ने का प्रयास करना। उन बीजों के ‘पंख’ होते हैं, और वे पेड़ से नीचे गिरते समय गोल-गोल घूमते और उड़ते हुए नीचे आते हैं। उन बीजों का उद्देश्य यह उड़ना और घूमना नहीं है, वरन धरती पर गिरकर उगना और पेड़ बनना है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि क्रूस पर चढ़ाए जाने से पहले, प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से कहा, “...वह समय आ गया है, कि मनुष्य के पुत्र कि महिमा हो। मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है” (यूहन्ना 12:23-24)।

      प्रभु यीशु के शिष्य तो चाहते थे कि उनका आदर उस प्रतिज्ञागत मसीहा के रूप में हो, परन्तु वे इसलिए आए थे कि अपने जीवन का बलिदान करें, जिससे उन पर विशवास लाने वालों को पापों की क्षमा और बदले हुए जीवन का दान मिल सके। प्रभु यीशु के अनुयायी होने के नाते हमारे लिए उसके वचन हैं कि, “जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उस की रक्षा करेगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा” (पद 25-26)।

      यह प्रभु यीशु का उद्देश्य था कि हम उस पर विश्वास लाएं और उससे पापों से क्षमा तथा अनन्त जीवन पाएं। - डेविड मैक्कैसलैंड

प्रभु यीशु हमें बुलाता है कि हम उसकी सेवा में अपने जीवन उसे समर्पित करें।

प्रभु यीशु ने कहा: “...मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है।” – यूहन्ना 10:10-11

बाइबल पाठ: यूहन्ना 12:23-33
John 12:23 इस पर यीशु ने उन से कहा, वह समय आ गया है, कि मनुष्य के पुत्र कि महिमा हो।
John 12:24 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है।
John 12:25 जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उस की रक्षा करेगा।
John 12:26 यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा।
John 12:27 जब मेरा जी व्याकुल हो रहा है। इसलिये अब मैं क्या कहूं? हे पिता, मुझे इस घड़ी से बचा? परन्तु मैं इसी कारण इस घड़ी को पहुंचा हूं।
John 12:28 हे पिता अपने नाम की महिमा कर: तब यह आकाशवाणी हुई, कि मैं ने उस की महिमा की है, और फिर भी करूंगा।
John 12:29 तब जो लोग खड़े हुए सुन रहे थे, उन्होंने कहा; कि बादल गरजा, औरों ने कहा, कोई स्वर्गदूत उस से बोला।
John 12:30 इस पर यीशु ने कहा, यह शब्द मेरे लिये नहीं परन्तु तुम्हारे लिये आया है।
John 12:31 अब इस जगत का न्याय होता है, अब इस जगत का सरदार निकाल दिया जाएगा।
John 12:32 और मैं यदि पृथ्वी पर से ऊंचे पर चढ़ाया जाऊंगा, तो सब को अपने पास खीचूंगा।
John 12:33 ऐसा कहकर उसने यह प्रगट कर दिया, कि वह कैसी मृत्यु से मरेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 16-17
  • याकूब 3



बुधवार, 20 नवंबर 2019

शांति


      हमारे घर के पीछे के आँगन में चेरी का एक पुराना पेड़ है, जिसके हाल बिगड़ने लगे थे और लग रहा था कि वह अब मरने लगा है। इसलिए मैंने पेड़ों की देखभाल करने वाले एक विशेषज्ञ को उसे देखने के लिए बुलाया। उस विशेषज्ञ ने उस पेड़ की जांच करके कहा कि वह बहुत “थका” हुआ है और उसे तुरंत देखभाल की आवश्यकता है। मेरी पत्नि ने यह सुनकर वहाँ से जाते हुए पेड़ से बुदबुदा कर कहा, “शांति रखो;” उसके लिए वह एक कठिन सप्ताह रहा था।

      हम सभी के साथ ऐसा होता है, हम कठिन समयों से होकर निकलते हैं, चिंताओं से भरे हुए समय – वे किसी भी बात के कारण, चाहे हमारे पथभ्रष्ट होते हुए समाज, या हमारी वैवाहिक स्थिति, या बच्चों को लेकर हमारी चिंताएं, या हमारे कार्य और व्यवसाय, हमारी आर्थिक स्थिति, हमारा स्वास्थ्य या हमारी सुख-समृद्धि, आदि द्वारा हो सकते हैं। परन्तु हम मसीही विश्वासियों से प्रभु यीशु मसीह ने वायदा किया है कि परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हों, हम शांति में रह सकते हैं। प्रभु ने अपने वचन बाइबल में अपने शिष्यों से कहा, “मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे” (यूहन्ना 14:27)।

      प्रभु यीशु के दिन सदा ही परेशानी और अव्यवस्था से भरे होते थे। उसके शत्रु उसे तंग करते रहते थे और उसके परिवार तथा मित्र जन उसे ठीक से समझते नहीं थे। अकसर उसके पास सिर रखने के लिए भी स्थान नहीं होता था। परन्तु फिर भी उसके व्यवहार और आचरण में कभी कोई तनाव अथवा अशांति नहीं होती थी। उसमें एक भीतरी शान्ति थी, एक ठहराव था। उसने जिस शांति को हमें देने का वायदा किया है, वह यही शांति है – बीते, वर्तमान, या आने वाले समय की चिंता से स्वतंत्रता; वही शांति जो उसने अपने जीवन से दिखाई।

      किसी भी परिस्थिति में, वह चाहे कितनी भी भयावह या फिर साधारण हो, हम प्रार्थना में प्रभु के पास आ सकते हैं। वहाँ उसकी उपस्थिति में हम उसे अपनी चिंताएं और भय बता सकते हैं। प्रेरित पौलुस हमें आश्वस्त करता है कि “तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी” (फिलिप्पियों 4:7)। चाहे हम कठिन समय से होकर निकले हों अथवा निकल रहे हों, प्रभु की शांति सदा हमारे साथ बनी रहती है। - डेविड रोपर

समस्याओं के मध्य में भी, प्रभु यीशु में होकर हमें शांति मिल सकती है।

यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? – भजन 27:1

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:15-27
John 14:15 यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे।
John 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।
John 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा।
John 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं।
John 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे।
John 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में।
John 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।
John 14:22 उस यहूदा ने जो इस्करियोती न था, उस से कहा, हे प्रभु, क्या हुआ कि तू अपने आप को हम पर प्रगट किया चाहता है, और संसार पर नहीं।
John 14:23 यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे।
John 14:24 जो मुझ से प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन पिता का है, जिसने मुझे भेजा।
John 14:25 ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं।
John 14:26 परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।
John 14:27 मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 14-15
  • याकूब 2


मंगलवार, 19 नवंबर 2019

उत्कृष्ट कृति



      मेरे पिता, तीरंदाजों के लिए उनकी पसंद के अनुसार तरकश बनाते हैं, जिसमें वे अपने तीर ले जा सकें। वे असली चमड़े के भागों पर पहले वन्य जीव-जंतुओं की आकृतियाँ काट और खोद कर बनाते हैं, और फिर उन भागों को साथ मिलाकर सिल देते हैं। मैं जब उनसे मिलाने गई हुई थी, तो मैंने बैठकर उन्हें अपनी एक कृति को बनाते हुए देखा। उनके सावधान हाथों ने चाकू की नोक से चमड़े पर उचित दबाव के साथ कटाई और खुदाई की, और विभिन्न आकृतियों को बनाया, और फिर एक कपड़े को रंग में डुबोकर उनपर रंग चढ़ा दिया जिससे वे और अधिक सुन्दर लगने लगीं।

      मैं बैठी अपने पिता की कारीगरी की सराहना कर रही थी, तो मुझे ध्यान आया कि कितनी ही बार मैं अपने स्वर्गीय पिता परमेश्वर की कारीगरी की, जो मुझमें तथा औरों में विदित है, सराहना और अंगीकार करने से चूक जाती हूँ। परमेश्वर की अद्भुत कारीगरी पर मनन करते हुए मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा दाऊद द्वारा परमेश्वर की रचना की पुष्टि स्मरण हो आई, कि परमेश्वर ने ही हमारे आतंरिक अस्तित्व को रचा है, और हम भयानक तथा अद्भुत रीति से रचे गए हैं (भजन 139:13-14)।

      क्योंकि हम जानते हैं कि हमारे सृष्टिकर्ता की प्रत्येक रचना अद्भुत है (पद 14), इसलिए हम भरोसे के साथ उसकी स्तुति और प्रशंसा कर सकते हैं। हम अपना तथा दूसरों का भी और अधिक आदर करने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर ही हमारा और उनका रचियता है, और समस्त सृष्टि के सृष्टिकर्ता ने हमारे अस्तितिव में आने से पहले ही हमें पूरी तरह से, अन्दर और बाहर, न केवल जाना, वरन हमारे सभी दिन भी ठहराए (पद 15-16)।

      जैसे वह चमड़े का टुकड़ा मेरे पिता के कुशल हाथों में तराशा जाकर एक सुन्दर तरकश बन गया, वैसे ही हम भी परमेश्वर की अनुपम और एकमात्र सुन्दर रचना हैं, इसलिए बहुमूल्य हैं। हम में से प्रत्येक को परमेश्वर ने अपनी इच्छा के अनुसार अद्वितीय और एक उद्देश्य के साथ बनाया है, जिससे हम उसकी एक उत्कृष्ट कृति होकर परमेश्वर की भव्यता और महानता को प्रगट करें। - जोशील डिक्सन

परमेश्वर प्रत्येक व्यक्ति को एक उद्देश्य और विशिष्टता के साथ अद्भुत रीति से बनाता है।

तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, गर्भ में रचने से पहिले ही मैं ने तुझ पर चित्त लगाया, और उत्पन्न होने से पहिले ही मैं ने तुझे अभिषेक किया; मैं ने तुझे जातियों का भविष्यद्वक्ता ठहराया। - यिर्मयाह 1:4-5

बाइबल पाठ: भजन 139:11-18
Psalms 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अन्धेरा हो जाएगा,
Psalms 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।
Psalms 139:13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा।
Psalms 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।
Psalms 139:15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं।
Psalms 139:16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।
Psalms 139:17 और मेरे लिये तो हे ईश्वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है।
Psalms 139:18 यदि मैं उन को गिनता तो वे बालू के किनकों से भी अधिक ठहरते। जब मैं जाग उठता हूं, तब भी तेरे संग रहता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 11-13
  • याकूब 1



सोमवार, 18 नवंबर 2019

छिपे



      छोटे बच्चे ‘लुका-छिपी’ खेलते हैं, एक दूसरे से छुपते हैं और एक दूसरे को ढूँढ़ते हैं। कभी-कभी उन्हें यह लगता है कि अपनी आँखें बंद कर लेने से वे औरों की दृष्टि से भी छिप गए हैं – क्योंकि वे औरों को नहीं देख सकते हैं, इसलिए अन्य भी उन्हें नहीं देख पा रहे हैं। उनकी यह बात बड़ों को चाहे कितनी भी भोली और मूर्खतपूर्ण लगे, परन्तु व्यसक भी परमेश्वर के साथ बहुधा यही करते हैं। जब हम वयस्कों की इच्छा कुछ ऐसा करने की होती है जिसे हम जानते हैं कि वह गलत है, तो हो सकता है कि हम परमेश्वर को नज़रन्दाज़ करके अपनी इच्छा को पूरा करें, मानो हमारे उसे नज़रन्दाज़ कर देने से परमेश्वर उस बात से अनभिज्ञ ही रहेगा।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में भविष्यद्वक्ता यहेजकेल ने इस सत्य को परमेश्वर द्वारा उसे दिए गए दर्शन में होकर, जो परमेश्वर ने उसे बाबुल में निर्वासित हुए अपने लोगों के लिए दिया था, पहचाना। परमेश्वर ने यहेजकेल से पूछा, “हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ने देखा है कि इस्राएल के घराने के पुरनिये अपनी अपनी नक्काशी वाली कोठरियों के भीतर अर्थात अन्धियारे में क्या कर रहे हैं? वे कहते हैं कि यहोवा हम को नहीं देखता; यहोवा ने देश को त्याग दिया है” (यहेजकेल 8:12)।

      परमेश्वर से कुछ छिपा नहीं रहता है, और यहेजकेल का दर्शन इस बात का प्रमाण था। परन्तु फिर भी, चाहे उन्होंने पाप किया था, परमेश्वर ने अपने पश्चातापी लोगों को आशा प्रदान की, एक नई प्रतिज्ञा के द्वारा, “मैं तुम को नया मन दूंगा, और तुम्हारे भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूंगा; और तुम्हारी देह में से पत्थर का हृदय निकाल कर तुम को मांस का हृदय दूंगा” (यहेजकेल 36:26)।

      हमारे लिए, परमेश्वर ने हमारे पाप के कारण आई बर्बादी के निवारण के लिए कलवारी के क्रूस पर अपनी कोमल करुणा में होकर प्रावधान प्रदान किया, मसीह यीशु के बलिदान के द्वारा हमारे पाप के सम्पूर्ण दण्ड को हमारे लिए चुका दिया। मसीह यीशु में होकर परमेश्वर न केवल हमें एक नया आरंभ देता है, वरन जब हम उसका अनुसरण करते हैं तो वह हमारे अन्दर अपना कार्य करके हमारे हृदयों को परिवर्तित करता है, अपने अनुरूप करता है।

      परमेश्वर कितना भला है! जब हम पाप में खोए और उससे छिपे हुए थे, तब भी वह प्रभु यीशु में होकर हमारे निकट आया, हमें ढूँढ़ने और हमारा उद्धार करने के लिए (लूका 19:10; रोमियों 5:8)। - जेम्स बैंक्स

परमेश्वर हमें पूरी तरह से जानता है...और पूरी तरह से हमें प्रेम भी करता है।

हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया। - 1 पतरस 1:3

बाइबल पाठ: यहेजकेल 8
Ezekiel 8:1 फिर छठवें वर्ष के छठवें महीने के पांचवें दिन को जब मैं अपने घर में बैठा था, और यहूदियों के पुरनिये मेरे साम्हने बैठे थे, तब प्रभु यहोवा की शक्ति वहीं मुझ पर प्रगट हुई।
Ezekiel 8:2 और मैं ने देखा कि आग का सा एक रूप दिखई देता है; उसकी कमर से नीचे की ओर आग है, और उसकी कमर से ऊपर की ओर झलकाए हुए पीतल की झलक सी कुछ है।
Ezekiel 8:3 उसने हाथ सा कुछ बढ़ा कर मेरे सिर के बाल पकड़े; तब आत्मा ने मुझे पृथ्वी और आकाश के बीच में उठा कर परमेश्वर के दिखाए हुए दर्शनों में यरूशलेम के मन्दिर के भीतर, आंगन के उस फाटक के पास पहुचा दिया जिसका मुंह उत्तर की ओर है; और जिस में उस जलन उपजाने वाली प्रतिमा का स्थान था जिसके कारण द्वेष उपजता है।
Ezekiel 8:4 फिर वहां इस्राएल के परमेश्वर का तेज वैसा ही था जैसा मैं ने मैदान में देखा था।
Ezekiel 8:5 उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, अपनी आंखें उत्तर की ओर उठा कर देख। सो मैं ने अपनी आंखें उत्तर की ओर उठा कर देखा कि वेदी के फाटक की उत्तर की ओर उसके प्रवेश स्थान ही में वह डाह उपजाने वाली प्रतिमा है।
Ezekiel 8:6 तब उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू देखता है कि ये लोग क्या कर रहे हैं? इस्राएल का घराना क्या ही बड़े घृणित काम यहां करता है, ताकि मैं अपने पवित्र स्थान से दूर हो जाऊं; परन्तु तू इन से भी अधिक घृणित काम देखेगा।
Ezekiel 8:7 तब वह मुझे आंगन के द्वार पर ले गया, और मैं ने देखा, कि भीत में एक छेद है।
Ezekiel 8:8 तब उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, भीत को फोड़; तो मैं ने भीत को फोड़कर क्या देखा कि एक द्वार है
Ezekiel 8:9 उसने मुझ से कहा, भीतर जा कर देख कि ये लोग यहां कैसे कैसे और अति घृणित काम कर रहे हैं।
Ezekiel 8:10 सो मैं ने भीतर जा कर देखा कि चारों ओर की भीत पर जाति जाति के रेंगने वाले जन्तुओं और घृणित पशुओं और इस्राएल के घराने की सब मूरतों के चित्र खिंचे हुए हैं।
Ezekiel 8:11 और इस्राएल के घराने के पुरनियों में से सत्तर पुरुष जिन के बीच में शापान का पुत्र याजन्याह भी है, वे उन चित्रों के साम्हने खड़े हैं, और हर एक पुरुष अपने हाथ में घूपदान लिये हुए है; और धूप के धूएं के बादल की सुगन्ध उठ रही है।
Ezekiel 8:12 तब उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ने देखा है कि इस्राएल के घराने के पुरनिये अपनी अपनी नक्काशी वाली कोठरियों के भीतर अर्थात अन्धियारे में क्या कर रहे हैं? वे कहते हैं कि यहोवा हम को नहीं देखता; यहोवा ने देश को त्याग दिया है।
Ezekiel 8:13 फिर उसने मुझ से कहा, तू इन से और भी अति घृणित काम देखेगा जो वे करते हैं।
Ezekiel 8:14 तब वह मुझे यहोवा के भवन के उस फाटक के पास ले गया जो उत्तर की ओर था और वहां स्त्रियाँ बैठी हुई तम्मूज के लिये रो रही थीं।
Ezekiel 8:15 तब उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ने यह देखा है? फिर इन से भी बड़े घृणित काम तू देखेगा।
Ezekiel 8:16 तब वह मुझे यहोवा के भवन के भीतरी आंगन में ले गया; और वहां यहोवा के भवन के द्वार के पास ओसारे और वेदी के बीच कोई पच्चीस पुरुष अपनी पीठ यहोवा के भवन की ओर और अपने मुख पूर्व की ओर किए हुए थे; और वे पूर्व दिशा की ओर सूर्य को दण्डवत कर रहे थे।
Ezekiel 8:17 तब उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ने यह देखा? क्या यहूदा के घराने के लिये घृणित कामों का करना जो वे यहां करते हैं छोटी बात है? उन्होंने अपने देश को उपद्रव से भर दिया, और फिर यहां आकर मुझे रिस दिलाते हैं। वरन वे डाली को अपनी नाक के आगे लिये रहते हैं।
Ezekiel 8:18 इसलिये मैं भी जलजलाहट के साथ काम करूंगा, न मैं दया करूंगा और न मैं कोमलता करूंगा; और चाहे वे मेरे कानों में ऊंचे शब्द से पुकारें, तौभी मैं उनकी बात न सुनूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 8-10
  • इब्रानियों 13



रविवार, 17 नवंबर 2019

सेवा



      मैरिलिन कई सप्ताहों से बीमार पड़ी थी, और उसके इस कठिन समय में बहुत से लोग उसके सहायक और उसे प्रोत्साहित करते रहने वाले रहे थे। उसे चिंता रहने लगी – “मैं इन सभी की इस दयालुता को कैसे चुका पाऊँगी?” फिर एक दिन उसने एक लिखित प्रार्थना के शब्दों को पढ़ा, “प्रार्थना करें कि लोग नम्र हो सकें, जिससे न केवल वे औरों की सेवा करने वाले बनें, वरन औरों से सेवा स्वीकार भी कर सकें।” मैरिलिन को तुरंत यह बोध हुआ कि उसे कोई हिसाब चुकाने की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। उसे बस उसकी सहायता करने वालों के प्रति धन्यवादी बने रहना था, और दूसरों को सेवा करने के आनन्द को लेने देना था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में, फिलिप्पियों 4 अध्याय में, प्रेरित पौलुस ने अपनी कृतज्ञता व्यक्त की, उन सभी के प्रति, जो उसके क्लेशों में उसके सहभागी बने थे (पद 18)। वह सुसमाचार प्रचार और मसीही शिक्षाएं देने के कार्य को करते समय अपनी देखरेख किए जाने  के लिए लोगों पर निर्भर था। वह यह समझता था कि उसे दिए जाने वाले उपहार और भेंटें, लोगों के परमेश्वर के प्रति प्रेम की अभिव्यक्ति थे: “मेरे पास सब कुछ है, वरन बहुतायत से भी है: जो वस्तुएं तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथ से भेजी थीं उन्हें पाकर मैं तृप्‍त हो गया हूं, वह तो सुगन्‍ध और ग्रहण करने के योग्य बलिदान है, जो परमेश्वर को भाता है” (पद 18)।

      किसी से कुछ स्वीकार कर लेना सरल नहीं है, विशेषकर तब जब आप स्वयं ही लोगों की सहायता करने के लिए देने में अग्रणीय रहे हों। परन्तु, जब हम किसी आवश्यकता में हों, तब नम्रता के साथ हम परमेश्वर की ओर से, लोगों से मिलने वाली सहायता को स्वीकार करने वाले बनें, जो विभिन्न स्वरूपों में हमें प्राप्त हो सकती है।

      पौलुस ने लिखा, “और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा” (पद 19)। उसने यह बात अपने संघर्षों के जीवन के अनुभवों से सीखी थी। परमेश्वर विश्वासयोग्य है, और हमारे लिए उसके प्रावधानों की कोई सीमा नहीं है; वह औरों की हमारी सेवा के द्वारा भी हमारे लिए उपलब्ध करवा सकता है। - सिंडी हैस कैस्पर

औरों से प्रेम प्राप्त करें; औरों को प्रेम दें; इसे दोहराते रहें!

क्‍लेश की बड़ी परीक्षा में उन के बड़े आनन्द और भारी कंगालपन के बढ़ जाने से उन की उदारता बहुत बढ़ गई। और उनके विषय में मेरी यह गवाही है, कि उन्होंने अपनी सामर्थ भर वरन सामर्थ से भी बाहर मन से दिया। - 2 कुरिन्थियों 8:2-3

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:10-19
Philippians 4:10 मैं प्रभु में बहुत आनन्‍दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है; निश्‍चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला।
Philippians 4:11 यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं; क्योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्‍तोष करूं।
Philippians 4:12 मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्‍त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है।
Philippians 4:13 जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।
Philippians 4:14 तौभी तुम ने भला किया, कि मेरे क्‍लेश में मेरे सहभागी हुए।
Philippians 4:15 और हे फिलप्‍पियो, तुम आप भी जानते हो, कि सुसमाचार प्रचार के आरम्भ में जब मैं ने मकिदुनिया से कूच किया तब तुम्हें छोड़ और किसी मण्‍डली ने लेने देने के विषय में मेरी सहयता नहीं की।
Philippians 4:16 इसी प्रकार जब मैं थिस्सलुनीके में था; तब भी तुम ने मेरी घटी पूरी करने के लिये एक बार क्या वरन दो बार कुछ भेजा था।
Philippians 4:17 यह नहीं कि मैं दान चाहता हूं परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूं, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।
Philippians 4:18 मेरे पास सब कुछ है, वरन बहुतायत से भी है: जो वस्तुएं तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथ से भेजी थीं उन्हें पाकर मैं तृप्‍त हो गया हूं, वह तो सुगन्‍ध और ग्रहण करने के योग्य बलिदान है, जो परमेश्वर को भाता है।
Philippians 4:19 और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 5-7
  • इब्रानियों 12



शनिवार, 16 नवंबर 2019

उपथिति में



      सत्रहवीं शताब्दी के सुविख्यात मठ निवासी, ब्रदर लौरेंस, अपने मठ के लोगों के लिए रसोईए का कार्य करते थे; अपने काम को आरंभ करने से पहले वे प्रार्थना में परमेश्वर से कहते, “हे मेरे परमेश्वर...मुझ पर अपना अनुग्रह करें की मैं आपकी उपस्थिति में बना रहूँ। मेरे समस्त परिश्रम में मेरी सहायत करें। मेरी सभी लालसाओं को अपके लिए लालसा बना दीजिए।” वे काम करते समय, परमेश्वर से बातें करते रहते थे, उसकी अगुवाई को सुनते रहते थे, और अपने सभी कार्यों को परमेश्वर को समर्पित करते रहते थे। वे जब सर्वाधिक व्यस्त भी होते थे, तब भी, शान्ति के थोड़े से समय का भी उपयोग परमेश्वर से उसका अनुग्रह माँगने के लिए लगाते थे। चाहे जो भी हो रहा हो, वो अपने सृष्टिकर्ता के प्रेम के खोजी रहते थे और उसकी निकटता के अनुभव में बने रहते थे।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 89 कहता है कि हम सब के सृष्टिकर्ता के प्रति, जो सभी महासागरों पर अधिकार रखता है, और जिसकी आराधना सवर्गदूतों की सेनाएं करती रहती हैं, हमारा उचित प्रत्युत्तर यही है की हम अपने जीवन उसकी ओर उठाएं – समस्त जीवन। जब हम यह समझने लगते हैं कि परमेश्वर कौन है, तो हम जहां भी हों, जिस भी स्थिति में हों, परमेश्वर की आराधना में आनन्द के साथ सम्मिलित होने की पुकार को सुनना आरंभ कर देते हैं (पद 15-16)।

      चाहे हम किसी दुकान में या फिर किसी हवाई अड्डे पर पंक्ति में खड़े हों, या किसी फोन को होल्ड पर लिए उत्तर आने की प्रतीक्षा में पल गिन रहे हों, हम सभी के जीवनों में ऐसे समय आते हैं जब हम खिन्न हो कर खिसिया सकते हैं। परन्तु यही समय वह समय भी हो सकते हैं जब हम उन्हें वह अवसर देखें जिनमें हम परमेश्वर की ज्योति की उपस्थिति में चलना सीखने के लिए लगा सकते हैं (पद 15)।

      हमारे जीवनों के व्यर्थ किए गए पल, जब हम प्रतीक्षा कर रहे हों, या अस्वस्थ पड़े हों, या विचार कर रहे हों की अब आगे क्या करना चाहिए, आदि, सभी अवसर हैं जिनमें हम अपने जीवनों को परमेश्वर की उपस्थिति में जीने के लिए, उसकी निकटता में बढ़ने के लिए लगा सकते हैं। - हैरोल्ड माइरा, अतिथि लेखक

प्रत्येक पल परमेश्वर की उपस्थिति में जिया जा सकता है।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: भजन 89:1-17
Psalms 89:1 मैं यहोवा की सारी करूणा के विषय सदा गाता रहूंगा; मैं तेरी सच्चाई पीढ़ी पीढ़ी तक जताता रहूंगा।
Psalms 89:2 क्योंकि मैं ने कहा है, तेरी करूणा सदा बनी रहेगी, तू स्वर्ग में अपनी सच्चाई को स्थिर रखेगा।
Psalms 89:3 मैं ने अपने चुने हुए से वाचा बान्धी है, मैं ने अपने दास दाऊद से शपथ खाई है,
Psalms 89:4 कि मैं तेरे वंश को सदा स्थिर रखूंगा; और तेरी राजगद्दी को पीढ़ी पीढ़ी तक बनाए रखूंगा।
Psalms 89:5 हे यहोवा, स्वर्ग में तेरे अद्भुत काम की, और पवित्रों की सभा में तेरी सच्चाई की प्रशंसा होगी।
Psalms 89:6 क्योंकि आकाश मण्डल में यहोवा के तुल्य कौन ठहरेगा? बलवन्तों के पुत्रों में से कौन है जिसके साथ यहोवा की उपमा दी जाएगी?
Psalms 89:7 ईश्वर पवित्रों की गोष्ठी में अत्यन्त प्रतिष्ठा के योग्य, और अपने चारों ओर सब रहने वालों से अधिक भय योग्य है।
Psalms 89:8 हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, हे याह, तेरे तुल्य कौन सामर्थी है? तेरी सच्चाई तो तेरे चारों ओर है!
Psalms 89:9 समुद्र के गर्व को तू ही तोड़ता है; जब उसके तरंग उठते हैं, तब तू उन को शान्त कर देता है।
Psalms 89:10 तू ने रहब को घात किए हुए के समान कुचल डाला, और अपने शत्रुओं को अपने बाहुबल से तितर बितर किया है।
Psalms 89:11 आकाश तेरा है, पृथ्वी भी तेरी है; जगत और जो कुछ उस में है, उसे तू ही ने स्थिर किया है।
Psalms 89:12 उत्तर और दक्खिन को तू ही ने सिरजा; ताबोर और हेर्मोन तेरे नाम का जयजयकार करते हैं।
Psalms 89:13 तेरी भुजा बलवन्त है; तेरा हाथ शक्तिमान और तेरा दहिना हाथ प्रबल है।
Psalms 89:14 तेरे सिंहासन का मूल, धर्म और न्याय है; करूणा और सच्चाई तेरे आगे आगे चलती है।
Psalms 89:15 क्या ही धन्य है वह समाज जो आनन्द के ललकार को पहिचानता है; हे यहोवा, वे लोग तेरे मुख के प्रकाश में चलते हैं,
Psalms 89:16 वे तेरे नाम के हेतु दिन भर मगन रहते हैं, और तेरे धर्म के कारण महान हो जाते हैं।
Psalms 89:17 क्योंकि तू उनके बल की शोभा है, और अपनी प्रसन्नता से हमारे सींग को ऊंचा करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 3-4
  • इब्रानियों 11:20-40