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शुक्रवार, 28 मई 2010

गवाह

आपराधिक मुकद्दमों में गवाह अपराध के बारे में बहुत अहम जानकारी प्रदान करते हैं। गवाह होने का मतलब है अदालत को जो भी जानते हैं उसकी सच्ची जानकारी देना।

जैसे आपराधिक न्याय विधि गवाहों पर निर्भर करती है, वैसे ही यीशु भी साहसी, विश्वासयोग्य और खरे गवाहों पर निर्भर करता है, उसके वचन और उसकी मण्डली के प्रचार और प्रसार के लिये।

अपने पिता के पास अपने स्वर्गारोहण से पहले यीशु ने अपने चेलों को अन्तिम आज्ञा दी - एक विश्वव्यापी गवाही का अभियान आरंभ करने की। यीशु ने चेलों को बताया कि पवित्र आत्मा उन पर आयेगा और उन्हें आलौकिक सामर्थ देगा, ताकि वे सारे जगत में उसके गवाह हो सकें (प्रेरितों १:८)।

यीशु ने उन आरंभिक प्रेरितों को बुलाया कि वे जगत में जायें जहां लोग उसके बारे में नहीं जानते थे, और जो प्रेरितों ने देखा, सुना और अनुभव किया उसकी सच्ची गवाही दें (प्रेरितों ४:१९, २०)। क्योंकि प्रेरितों ने यीशु का सिद्ध जीवन, उसकी शिक्षाएं, दुखः उठाना, मृत्यु, दफनाया जाना और मुर्दों से जी उठना देखा था (लूका २४:४८, प्रेरितों १-५), उन्हें जाकर यीशु की सच्ची गवाही देनी थी।

सुसमाचार को जगत के छोर तक ले जाने के लिये हमें बुलाया गया है, कि हम यीशु की सच्चाई की गवाही दें और बताएं कि कैसे उसने हमारे जीवन को बदला है। "फिर जिस पर उन्‍होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्‍योंकर लें और जिस की नहीं सुनी उस पर क्‍योंकर विश्वास करें?" (रोमियों १०:१४)।

दूसरों को गवाही देने के लिये आप क्या कर रहे हैं? - मारविन विलियम्स


परमेश्वर ने हमें संसार में गवाह होने के लिये छोड़ा है।


बाइबल पाठ: प्रेरितों के काम १:१-११


परन्‍तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे, और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। - प्रेरितों के काम १:८


एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास ४-६
  • यूहन्ना १०:२४-४२