ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 6 नवंबर 2012

अभी करें!


   कुछ वर्ष पहले मेरा एक मित्र मुझे जीवन के कार्यों में प्रोत्साहन और प्रेर्णा सिखाने वाले एक सेमिनार में ले कर गया, जो मुझे बहुत अच्छा लगा। उस सेमिनार में सिखाने वालों ने धन और सफलता पर ध्यान केंद्रित करने की बजाए हमारा ध्यान हमारी विशिष्ट पहचान और जीवन में हमारे उद्देश्य की ओर खींचा। उन्होंने हमें कुछ बातें सिखाईं जो प्रभावी जीवन जीने में हमारी सहायक हैं। उनकी सिखाई हुई बातों में से एक थी "अभी करें।" उनका इस बात के पीछे सिद्धांत था कि किसी कार्य को टालने में भी उतनी ही ऊर्जा व्यय होती है जितनी उसे करने में; टालने से समय और शक्ति क्ष्यय होते हैं, कर लेने से राहत मिलती है।

   यही सिद्धांत परमेश्वर के वचन बाइबल के इब्रानियों के नाम लिखी पत्री के तीसरे अध्याय में भी देखने को मिलता है। इस अध्याय में तत्परता के साथ एक विशिष्ट कार्य - परमेश्वर की आज्ञाकारिता करने पर ज़ोर दिया गया है। बार बार वहां आया है कि आज यदि परमेश्वर की आज्ञा या आवाज़ सुनो तो उस बात को टालो मत; मनों को पाप के धोखे में आकर कठोर होने और अनाज्ञाकारी होने से बचाए रखो (इब्रानियों ३:७, ८, १३)। इस सिद्धांत की उपेक्षा के दुष्परिणामों का उदाहरण इस्त्राएल की ४० वर्षीय जंगल यात्रा से दिया गया है, जो उन्हें अपनी अनाज्ञाकारिता के कारण करनी पड़ी। यद्यपि इस्त्राएल वाचा किए हुए कनान देश में पहुँचने के निकट था, किंतु अपनी ढिठाई और परमेश्वर की आज्ञा की अवहेलना के कारण उन्हें प्रवेश करने के लिए ४० वर्ष इंतिज़ार और यात्रा करनी पड़ी जब तक परमेश्वर के विरुद्ध बलवा करने वाली वह पूरी पीढ़ी उस यात्रा में जाती ना रही।

   जब हम जानते हैं कि परमेश्वर हम से कैसे जीवन की आशा रखता है, तो वैसा जीवन जीने के लिए "हां" क्यों नहीं कर लेते? परमेश्वर की आज्ञा टालने से क्या लाभ होगा? अनाज्ञाकारिता से तो हम केवल अपनी आशीषें और अपना जीवन गंवाएंगे। ठान लें और विवाद और विलंब छोड़कर परमेश्वर की कही बात को अभी करें! - डेविड मैक्कैसलैंड


आज ही और अभी कर लें। आज का दिन, कल को बीता हुआ कल बन जाएगा।

वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए। - इब्रानियों ३:१३

बाइबल पाठ: इब्रानियों ३:७-१५
Heb 3:7 सो जैसा पवित्र आत्मा कहता है, कि यदि आज तुम उसका शब्‍द सुनो। 
Heb 3:8  तो अपने मन को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय और परीक्षा के दिन जंगल में किया था। 
Heb 3:9  जहां तुम्हारे बापदादों ने मुझे जांच कर परखा और चालीस वर्ष तक मेरे काम देखे। 
Heb 3:10  इस कारण मैं उस समय के लोगों से रूठा रहा, और कहा, कि इन के मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्‍होंने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना। 
Heb 3:11  तब मैं ने क्रोध में आकर शपथ खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे। 
Heb 3:12  हे भाइयो, चौकस रहो, कि तुम में ऐसा बुरा और अविश्वासी मन न हो, जो जीवते परमेश्वर से दूर हट जाए। 
Heb 3:13  वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए। 
Heb 3:14  क्‍योंकि हम मसीह के भागी हुए हैं, यदि हम अपने प्रथम भरोसे पर अन्‍त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।

एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ३७-३९ 
  • इब्रानियों ३