इसी प्रकार से, मसीही विश्वासियों में भी, उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती चर्च के बाहर के लोगों से नहीं वरन अन्य विश्वासियों ही से आती है, जब वे आपसी तालमेल में कार्य करने की बजाए एक दूसरे से स्पर्धा करने लगते हैं, एक दुसरे के कार्य क्षेत्र में दखलांदाज़ी करने लगते हैं।
ऐसा ही कुछ कुरिन्थुस की कलीसिया में भी हो रहा था। प्रेरित पौलुस ने उन्हें इस विभाजन और मतभेद की आत्मा में होकर कार्य करने के बारे में लिखा और चिताया, जो उस मण्डली की एकता और बढोतरी को प्रभावित कर रही थी। उसने उन्हें समझाया कि आवश्यक्ता है कि सब लोग आवश्यक बातों पर ध्यान लगा कर उनके पालन में एक होकर रहें ना कि अनावश्यक बातों पर ध्यान और समय बरबाद करके अकारण आपसी विवाद और मतभेदों में पड़ें।
कुरिन्थुस के लोगों ने विभिन्न मसीही अगुवों के नाम पर अपने आप को बाँट लिया था। कोई अपने आप को पौलुस का अनुयायी कहता था तो कोई अपौलुस का तो कोई अन्य अपने आप को पतरस का अनुयायी कहता था, कोई कोई मसीह का अनुयायी होने की भी बात कर लेता था। ऐसा कर के वे अपने मनपसन्द अगुवे को अपने उद्धारकर्ता मसीह यीशु से भी प्रमुख स्थान देने लगे थे और मसीह में एक होकर मसीह के लिए कार्य करने की बजाए, अपने अगुवों के नाम पर गुटबाज़ी करके अपनी प्राथमिकताएं मसीह के कार्य से हटाने लगे थे।
पौलुस ने उन्हें समझाया कि वह एक अनिवार्य कार्य जो प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए है, सुसमाचार का प्रचार है। यही हमारा सामूहिक उद्देश्य है, इसी के लिए हम सब मसीही विश्वासी हैं और इसी से मसीही मण्डली की बढ़ोतरी है। आपसी विभाजन से इस कार्य में बाधा आएगी, सुसमाचार प्रचार रुक जाएगा और मसीही विश्वासियों की बढ़ोतरी भी रुक जाएगी।
प्रभु यीशु में साधारण विश्वास और पापों से पश्चाताप द्वारा सेंतमेंत मिलने उद्धार का प्रचार ही प्रत्येक मसीही विशवासी का निर्धारित लक्ष्य है। इस सामूहिक लक्ष्य की प्राप्ति में किसी व्यक्तिगत बात या अहं को आड़े ना आने दें; अन्यथा एक के बढ़ने और दूसरे के घटने से भी अन्ततः नुकसान मसीही विश्वासियों ही का होगा। - मार्विन विलियम्स
संगठित विश्वासी मण्डली ही सक्षम और सामर्थी मण्डली भी है।
बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १:९-१८
1Co 1:9 परमेश्वर सच्चा है, जिस ने तुम को अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति में बुलाया है।
1Co 1:10 हे भाइयो, मैं तुम से यीशु मसीह जो हमारा प्रभु है उसके नाम के द्वारा बिनती करता हूं, कि तुम सब एक ही बात कहो; और तुम में फूट न हो, परन्तु एक ही मन और एक ही मत होकर मिले रहो।
1Co 1:11 क्योंकि हे मेरे भाइयों, खलोए के घराने के लोगों ने मुझे तुम्हारे विषय में बताया है, कि तुम में झगड़े हो रहे हैं।
1Co 1:12 मेरा कहना यह है, कि तुम में से कोई तो अपने आप को पौलुस का, कोई अपुल्लोस का, कोई कैफा का, कोई मसीह का कहता है।
1Co 1:13 क्या मसीह बंट गया? क्या पौलुस तुम्हारे लिये क्रूस पर चढ़ाया गया या तुम्हें पौलुस के नाम पर बपतिस्मा मिला?
1Co 1:14 मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, कि क्रिस्पुस और गयुस को छोड़, मैं ने तुम में से किसी को भी बपतिस्मा नहीं दिया।
1Co 1:15 कहीं ऐसा न हो, कि कोई कहे, कि तुम्हें मेरे नाम पर बपतिस्मा मिला।
1Co 1:16 और मैं ने स्तिफनास के घराने को भी बपतिस्मा दिया; इन को छोड़, मैं नहीं जानता कि मैं ने और किसी को बपतिस्मा दिया।
1Co 1:17 क्योंकि मसीह ने मुझे बपतिस्मा देने को नहीं, वरन सुसमाचार सुनाने को भेजा है, और यह भी शब्दों के ज्ञान के अनुसार नहीं, ऐसा न हो कि मसीह का क्रूस व्यर्थ ठहरे।
1Co 1:18 क्योंकि क्रूस की कथा नाश होने वालों के निकट मूर्खता है, परन्तु हम उद्धार पाने वालों के निकट परमेश्वर की सामर्थ है।
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण १७-१९
- मरकुस १३:१-२०