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शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

शुद्ध और स्वच्छ



      पिछले दिसंबर में हम सपरिवार पहाड़ों में गए। हमने सारा जीवन  गरम इलाकों में निवास करते बिताया है, इसलिए यह पहली बार था जब हम ने इतनी शानदार बर्फ देखी। हम जब खेतों, मैदानों, और पेड़-पौधों पर बिछी बर्फ की सफ़ेद चादर पर ध्यान कर रहे थे, तो मेरे पति ने परमेश्वर के वचन बाइबल में से यशायाह 1:18 उद्धृत किया, “...तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम के समान उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।”

      हमारी तीन वर्षीय बेटी ने लाल रंग का अर्थ पूछने के बाद, प्रश्न किया, “क्या लाल रंग बुरा होता है?” वह यह तो जानती है कि परमेश्वर को पाप बिलकुल पसंद नहीं है; परन्तु यह पद किसी रंग के बारे में नहीं है। यहाँ भविष्यद्वाकता एक छोटे से कीड़े के अण्डों से निकलने वाले चमकदार लाल रंग के लिए कह रहा था, जिसका प्रयोग कपड़े रंगने के लिए किया जाता था। इस रंग को पक्का चढ़ाने के लिए कपड़ों को दो बार इसमें डाला जाता था। तब रंग इतना पक्का चढ़ जाता था कि फिर धुलने से भी वह हटाया नहीं जा सकता था। पाप का प्रभाव भी ऐसा ही है; मनुष्य का कोई भी प्रयास उसके प्रभाव को मिटा नहीं सकता है। पाप तो मन में जड़ पकड़कर रहता है।

      केवल परमेश्वर ही है जो मन को पाप से साफ़ कर सकता है। जब हम बर्फ से ढके पहाड़ों को देख रहे थे, तो हम उस स्वच्छ और शुद्ध सफेदी की सराहना कर रहे थे जो कैसी भी धुलाई और रगड़ाई करने पर भी उस लाल रंग चढ़े कपड़े पर कभी नहीं आ सकती थी। जब हम पतरस द्वारा लिखी गई शिक्षा, “इसलिये, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएं, जिस से प्रभु के सम्मुख से विश्रान्ति के दिन आएं” (प्रेरितों 3:19) का पालन करते हैं, तब परमेश्वर हमारे पाप क्षमा कर के हमें एक नया और स्वच्छ जीवन प्रदान करता है। केवल प्रभु यीशु मसीह के बलिदान के द्वारा ही हमें वह मिलता है जो कोई और कभी नहीं दे सकता है – एक शुद्ध और स्वच्छ मन; परमेश्वर के उपहार के रूप में।

परमेश्वर जब क्षमा करता है, तो साथ ही स्वच्छ भी कर देता है।

जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा। - भजन 51:7

बाइबल पाठ: यशायाह 1:16-20
Isaiah 1:16 अपने को धोकर पवित्र करो: मेरी आंखों के साम्हने से अपने बुरे कामों को दूर करो; भविष्य में बुराई करना छोड़ दो,
Isaiah 1:17 भलाई करना सीखो; यत्न से न्याय करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाथ का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्दमा लड़ो।।
Isaiah 1:18 यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वादविवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम के समान उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।
Isaiah 1:19 यदि तुम आज्ञाकारी हो कर मेरी मानो,
Isaiah 1:20 तो इस देश के उत्तम से उत्तम पदार्थ खाओगे; और यदि तुम ना मानो और बलवा करो, तो तलवार से मारे जाओगे; यहोवा का यही वचन है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 25-26
  • मत्ती 20:17-34



गुरुवार, 30 जनवरी 2020

सक्षम और उपलब्ध



      जिस समय मुझे पता चला कि मेरी माँ को कैंसर है, उस समय मेरे पति काम पर बाहर गए हुए थे। मैंने यह बताने के लिए उन्हें एक सन्देश भेजा और फिर अपने मित्रों तथा परिवार जनों से संपर्क करने लगी, उन्हें बताने और उनसे प्रार्थना की सहायता का निवेदन करने के लिए; किन्तु कोई भी उपलब्ध नहीं था। थरथराते हुए हाथों से अपने चहरे को ढांपते हुए मैं सुबकने लगी और परमेश्वर से कहने लगी, “परमेश्वर मेरी सहायता कीजिए।” उस समय में जब मैं बिलकुल अकेली थी, मैंने एक आश्वासन अनुभव किया कि परमेश्वर मेरे साथ है और मुझे शान्ति दे रहा है।

      मैंने प्रभु परमेश्वर का धन्यवाद किया जब मेरे पति घर आए तथा औरों से भी प्रोत्साहन के समाचार आने लगे। परन्तु फिर भी उन अकेले पलों में परमेश्वर की शांत करने वाली उपस्थिति जो मैंने अनुभव की थी, उससे मैं आश्वस्त हुई कि परमेश्वर सहजता से उपलब्ध है और मैं उस पर भरोसा रख सकती हूँ, जब भी और जहां भी मुझे उसकी सहायता की आवश्यकता हो।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार, भजन 46 में कहता है कि परमेश्वर हमारा शरणस्थान है, ऊंचा गढ़, और भरोसेमंद सहायक है (पद 1)। जब हमें ऐसा लगे कि हम अराजकता से घिरे हुए हैं, या, हम जिसे स्थिर समझे हुए थे वह हमारे चारों ओर ढहता जा रहा है, तब भी हमें भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है (पद 2-3)। परमेश्वर कभी लड़खड़ाता नहीं है (पद 4-7)। उसकी सामर्थ्य प्रगट एवं प्रभावी है (पद 8-9)। हमारा सदा संभालने वाला हमें अपने अपरिवर्तनीय चरित्र के द्वारा आश्वस्त करता है (पद 10)। हमारा प्रभु, हमारा सुरक्षित शरणस्थान, सदा हमारे साथ बना रहता है (पद 11)।

      प्रभु ने अपने अनुयायियों को एक दूसरे के साथ बने रहने और सहायता तथा प्रोत्साहित करने का दायित्व दिया है। परन्तु साथ ही वह यह भी आश्वासन देता है कि हमारी हर परिस्थिति के लिए वह सदा उपलब्ध और सक्षम है। वह न केवल अपने अनुयायियों के द्वारा वरन अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति के द्वारा भी हमें शान्ति देता है। - जोशील डिक्सन

परमेश्वर हमारे सहायता के लिए सदा उपलब्ध और सक्षम है।

यहोवा के भय मानने से दृढ़ भरोसा होता है, और उसके पुत्रों को शरणस्थान मिलता है। - नीतिवचन 14:26

बाइबल पाठ: भजन 46
Psalms 46:1 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।
Psalms 46:2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं;
Psalms 46:3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें।
Psalms 46:4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।
Psalms 46:5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है।
Psalms 46:6 जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई।
Psalms 46:7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।
Psalms 46:8 आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है।
Psalms 46:9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है!
Psalms 46:10 चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!
Psalms 46:11 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 23-24
  • मत्ती 20:1-16



बुधवार, 29 जनवरी 2020

बालक



      बहुत वर्ष पहले की बात है, मेरी पत्नी ने हमारी दो वर्षीय बेटी के साथ उसे सुलाने से पहले रात्रि की प्रार्थना की, और उसे बिस्तर में लेटा रही थी, कि उसने प्रश्न पूछा, “मम्मी, यीशु कहाँ हैं?” मेरी पत्नी ने उत्तर दिया, “यीशु स्वर्ग में हैं, और सभी स्थानों पर भी हैं; वे अभी हमारे साथ भी हैं; और यदि तुम उन्हें आने के लिए कहोगी, तो वे तुम्हारे हृदय में भी आ कर रह सकते हैं।” बेटी ने उत्तर दिया, “मैं चाहती हूँ कि यीशु मेरे हृदय में आएं।”

      जब मेरी पत्नी ने कहा, “ठीक है; किसी दिन तुम उन्हें आने के लिए कह सकती हो;” तो हमारी बेटी बोली, “मैं उन्हें अभी अपने हृदय में आने के लिए कहना चाहती हूँ।” तब हमारी बेटी ने प्रार्थना की, “यीशु, कृपया मेरे हृदय में आएं और मेरे साथ रहें।” और यहाँ से उसके मसीही विश्वास की यात्रा का आरंभ हुआ।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि जब प्रभु यीशु के शिष्यों ने उससे पूछा कि स्वर्ग के राज्य में कौन बड़ा है, तो प्रभु ने एक छोटे बालक को अपने पास बुलाया (मत्ती 18:1-2) और शिष्यों से कहा, “मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे। जो कोई अपने आप को इस बालक के समान छोटा करेगा, वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा। और जो कोई मेरे नाम से एक ऐसे बालक को ग्रहण करता है वह मुझे ग्रहण करता है” (पद 3-5)।

      प्रभु यीशु के दृष्टिकोण से हम एक भरोसा करने वाले बालक को विश्वास के उदाहरण के रूप में देख सकते हैं। और हम से कहा गया है कि जो भी प्रभु के लिए अपने हृदय को खोलता है, हमें उसका स्वागत करना है, क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों ही का है (मत्ती 19:14)। - डेविड मैक्कैसलैंड

प्रभु यीशु मसीह में हमारा विश्वास, बालक द्वारा किए गए भरोसे के समान है।

यीशु ने कहा, बालकों को मेरे पास आने दो: और उन्हें मना न करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों ही का है। - मत्ती 19:14

बाइबल पाठ: मत्ती 18:1-5
Matthew 18:1 उसी घड़ी चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे, कि स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन है?
Matthew 18:2 इस पर उसने एक बालक को पास बुलाकर उन के बीच में खड़ा किया।
Matthew 18:3 और कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे।
Matthew 18:4 जो कोई अपने आप को इस बालक के समान छोटा करेगा, वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा।
Matthew 18:5 और जो कोई मेरे नाम से एक ऐसे बालक को ग्रहण करता है वह मुझे ग्रहण करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 21-22
  • मत्ती 19



मंगलवार, 28 जनवरी 2020

आनन्द



      मैं जीवन की एक नई ऋतु की ओर बढ़ रही हूँ – वृद्धावस्था की “शरद” ऋतु – किन्तु अभी वहाँ पहुँची नहीं हूँ। यद्यपि मेरे वर्ष तेज़ी से बीतते चले जा रहे हैं, और कभी-कभी मैं उनकी गति को कम भी करना चाहती हूँ, फिर भी मुझ में एक आनन्द है जो मुझे संभाले रहता है। हर दिन मुझे प्रभु परमेश्वर द्वारा दिया गया एक नया दिन है। मैं भी परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार के साथ कह सकती हूँ, “यहोवा का धन्यवाद करना भला है, हे परमप्रधान, तेरे नाम का भजन गाना; प्रात:काल को तेरी करूणा, और प्रति रात तेरी सच्चाई का प्रचार करना” (भजन 92:1-2)।

      चाहे मेरे जीवन में कई संघर्ष हों; और चाहे कभी औरों के दुःख और कठिनाइयाँ मुझे अभिभूतित करें, किन्तु प्रभु परमेश्वर मुझे सक्षम करता है कि मैं भी भजनकार के साथ कह सकती हूँ, “हे यहोवा, तू ने मुझ को अपने काम से आनन्दित किया है; और मैं तेरे हाथों के कामों के कारण जयजयकार करूंगा” (पद 4)। जो आशीषें उसने मुझे दी हैं: परिवार, मित्र, संतोषजनक व्यवसाय – वह सब मेरे लिए आनन्द का कारण है। मैं आनन्दित हूँ परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि और उसके प्रेरित जीवते वचन के लिए। इसलिए भी आनन्दित हूँ क्योंकि प्रभु यीशु ने मुझ से इतना प्रेम किया कि मेरे पापों के बदले अपने आप को बलिदान कर दिया। मैं आनन्दित हूँ क्योंकि प्रभु परमेश्वर ने हमें अपना पवित्र आत्मा दिया है जो सच्चे आनन्द का स्त्रोत है (रोमियों 15:13)। प्रभु परमेश्वर के अनुग्रह के कारण, उस पर विश्वास रखने वाले, “धर्मी लोग खजूर के समान फूले फलेंगे, और लबानोन के देवदार के समान बढ़ते रहेंगे। वे यहोवा के भवन में रोपे जा कर, हमारे परमेश्वर के आंगनों में फूले फलेंगे। वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे” (भजन 92:12-14)।

      यह कौन सा फल है भजनकार जिसके लिए कह रहा है? हमारे जीवन की परिस्थितियाँ या जीवन की ऋतु चाहे जो भी हो, हम अपनी जीवन शैली, अपनी बोलचाल, तथा अपने व्यावहार के द्वारा प्रभु परमेश्वर के प्रेम के उदाहरण हो सकते हैं। प्रभु को जानने, उसके बारे में औरों को बताने, और उसके लिए जीवन जीने में सच्चा और स्थाई आनन्द है। - एलिसन कीडा

परमेश्वर ही सब आनन्द का दाता है।

सो परमेश्वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्वास करने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्र आत्मा की सामर्थ से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए। - रोमियों 15:13

बाइबल पाठ: भजन 92
Psalms 92:1 यहोवा का धन्यवाद करना भला है, हे परमप्रधान, तेरे नाम का भजन गाना;
Psalms 92:2 प्रात:काल को तेरी करूणा, और प्रति रात तेरी सच्चाई का प्रचार करना,
Psalms 92:3 दस तार वाले बाजे और सारंगी पर, और वीणा पर गम्भीर स्वर से गाना भला है।
Psalms 92:4 क्योंकि, हे यहोवा, तू ने मुझ को अपने काम से आनन्दित किया है; और मैं तेरे हाथों के कामों के कारण जयजयकार करूंगा।
Psalms 92:5 हे यहोवा, तेरे काम क्या ही बड़े हैं! तेरी कल्पनाएं बहुत गम्भीर हैं!
Psalms 92:6 पशु समान मनुष्य इस को नहीं समझता, और मूर्ख इसका विचार नहीं करता:
Psalms 92:7 कि दुष्ट जो घास के समान फूलते- फलते हैं, और सब अनर्थकारी जो प्रफुल्लित होते हैं, यह इसलिये होता है, कि वे सर्वदा के लिये नाश हो जाएं,
Psalms 92:8 परन्तु हे यहोवा, तू सदा विराजमान रहेगा।
Psalms 92:9 क्योंकि हे यहोवा, तेरे शत्रु, हां तेरे शत्रु नाश होंगे; सब अनर्थकारी तित्तर बित्तर होंगे।
Psalms 92:10 परन्तु मेरा सींग तू ने जंगली सांढ़ का सा ऊंचा किया है; मैं टटके तेल से चुपड़ा गया हूं।
Psalms 92:11 और मैं अपने द्रोहियों पर दृष्टि कर के, और उन कुकर्मियों का हाल मेरे विरुद्ध उठे थे, सुनकर सन्तुष्ट हुआ हूं।
Psalms 92:12 धर्मी लोग खजूर के समान फूले फलेंगे, और लबानोन के देवदार के समान बढ़ते रहेंगे।
Psalms 92:13 वे यहोवा के भवन में रोपे जा कर, हमारे परमेश्वर के आंगनों में फूले फलेंगे।
Psalms 92:14 वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे,
Psalms 92:15 जिस से यह प्रगट हो, कि यहोवा सीधा है; वह मेरी चट्टान है, और उस में कुटिलता कुछ भी नहीं।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 19-20
  • मत्ती 18:21-35



सोमवार, 27 जनवरी 2020

नम्र



      एक दिन विश्वविद्यालय की एक दर्शनशास्त्र की कक्षा में, एक छात्र ने अपने शिक्षक द्वारा व्यक्त दृष्टिकोण को लेकर भड़काऊ टिप्पणी की। अन्य छात्र यह देखकर हैरान रह गए कि उस शिक्षक ने उस छात्र का धन्यवाद किया, और अगली टिप्पणी की ओर मुड़ गया। बाद में जब उससे पूछा गया कि उसने उस उद्दण्ड छात्र को उचित उत्तर क्यों नहीं दिया, तो शिक्षक का उत्तर था, “मैं अपनी ही बात को अंतिम बात न रखने के अनुशासन का अभ्यास कर रहा हूँ।”

      यह शिक्षक परमेश्वर से प्रेम करता था और उसका आदर करता था, और परमेश्वर के प्रेम को प्रतिबिंबित करने वाले व्यवहार को दिखाने के लिए वह नम्र भावना रखता था। उस शिक्षक के शब्द मुझे एक अन्य शिक्षक के शब्दों को स्मरण करवाते हैं, और यह दूसरा शिक्षक बहुत समय पहले का है – परमेश्वर के वचन बाइबल में सभोपदेशक का लेखक। यद्यपि इस दूसरे शिक्षक ने यह बात किसी क्रुद्ध व्यक्ति के प्रति व्यवहार करने के सन्दर्भ में नहीं कही थी, वरन परमेश्वर के निकट आने के समय हमारे उचित व्यवहार को सिखाने के लिए कही थी। सभोपदेशक के लेखक ने लिखा, “जब तू परमेश्वर के भवन में जाए, तब सावधानी से चलना; सुनने के लिये समीप जाना मूर्खों के बलिदान चढ़ाने से अच्छा है; क्योंकि वे नहीं जानते कि बुरा करते हैं। बातें करने में उतावली न करना, और न अपने मन से कोई बात उतावली से परमेश्वर के साम्हने निकालना, क्योंकि परमेश्वर स्वर्ग में हैं और तू पृथ्वी पर है; इसलिये तेरे वचन थोड़े ही हों” (सभोपदेशक 5:1-2)।

      आप परमेश्वर के निकट किस मानसिकता के साथ आते हैं? यदि आपको लगता है कि आपके व्यवहार में कुछ सुधार होना चाहिए तो क्यों न कुछ समय परमेश्वर की महानता और महिमा पर विचार करने में बिताएं? जब हम परमेश्वर की असीम बुद्धिमत्ता, सामर्थ्य, और उपस्थिति पर मनन करते हैं, तो हमारे प्रति उसके उमड़ते हुए प्रेम से हम अभिभूतित हो सकते हैं, जो फिर हमें नम्र बनाता है। जब हम ऐसे नम्र रहना पसंद करेंगे, तो फिर अपनी बात को सबसे ऊपर रखने की प्रवृत्ति रहेगी ही नहीं। - एमी बाउचर पाई

ध्यान पूर्वक चुने गए शब्द परमेश्वर को आदर देते हैं।

...यह वही बात है जिसे यहोवा ने कहा था, कि जो मेरे समीप आए अवश्य है कि वह मुझे पवित्र जाने, और सारी जनता के साम्हने मेरी महिमा करे। - लैव्यवस्था 10:3

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 5:1-7
Ecclesiastes 5:1 जब तू परमेश्वर के भवन में जाए, तब सावधानी से चलना; सुनने के लिये समीप जाना मूर्खों के बलिदान चढ़ाने से अच्छा है; क्योंकि वे नहीं जानते कि बुरा करते हैं।
Ecclesiastes 5:2 बातें करने में उतावली न करना, और न अपने मन से कोई बात उतावली से परमेश्वर के साम्हने निकालना, क्योंकि परमेश्वर स्वर्ग में हैं और तू पृथ्वी पर है; इसलिये तेरे वचन थोड़े ही हों।
Ecclesiastes 5:3 क्योंकि जैसे कार्य की अधिकता के कारण स्वप्न देखा जाता है, वैसे ही बहुत सी बातों का बोलने वाला मूर्ख ठहरता है।
Ecclesiastes 5:4 जब तू परमेश्वर के लिये मन्नत माने, तब उसके पूरा करने में विलम्ब न करना; क्यांकि वह मूर्खों से प्रसन्न नहीं होता। जो मन्नत तू ने मानी हो उसे पूरी करना।
Ecclesiastes 5:5 मन्नत मान कर पूरी न करने से मन्नत का न मानना ही अच्छा है।
Ecclesiastes 5:6 कोई वचन कहकर अपने को पाप में ने फंसाना, और न ईश्वर के दूत के साम्हने कहना कि यह भूल से हुआ; परमेश्वर क्यों तेरा बोल सुन कर अप्रसन्न हो, और तेरे हाथ के कार्यों को नष्ट करे?
Ecclesiastes 5:7 क्योंकि स्वप्नों की अधिकता से व्यर्थ बातों की बहुतायत होती है: परन्तु तू परमेश्वर को भय मानना।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 16-18
  • मत्ती 18:1-20



रविवार, 26 जनवरी 2020

उद्देश्य



      कहा जाता है कि “जब आप मज़े ले रहे हों, तो समय बहुत तेज़ी से बीतता है।” यह कोई तथ्य तो नहीं है, किन्तु अनुभव इसे सत्य प्रतीत करवाता है। जब जीवन मनोरम हो, तो समय बहुत जल्दी बीत जाता है। यदि मैं कोई ऐसा कार्य कर रही हूँ जो मुझे अच्छा लगता है, या मैं किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हूँ जिसकी संगति मुझे अच्छी लगती है, तो फिर समय का कोई महत्व नहीं रहता है।

      इस बात के अनुभव ने मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रकाशितवाक्य 4 अध्याय में वर्णित दृश्य के प्रति एक नई समझ दी है। पहले जब मैं परमेश्वर के सिंहासन के चारों ओर बैठे उन चार प्राणियों के बारे में विचार करती थी, जो वही शब्द बारंबार दोहरा रहे हैं, तो मुझे लगता था, यह कितनी उबाऊ स्थिति होगी।

      परन्तु अब मैं ऐसा नहीं सोचती हूँ। अब जब मैं उन दृश्यों के बारे में सोचती हूँ जो उन्होंने अपनी अनेकों आँखों से देखे हैं (पद 8), और उन दर्शनों के बारे में विचार करती हूँ जिन्हें उन्होंने परमेश्वर के सिंहासन के पास होने के कारण निहारा है (पद 6), तो मुझे लगता है कि वे कितने आश्चर्यचकित होंगे परमेश्वर के गलती करते रहने वाले मनुष्यों के प्रति बुद्धिमान और प्रेम पूर्ण व्यवहार के लिए। इसलिए फिर इस सब के लिए उनके उस प्रत्युत्तर से बेहतर और क्या प्रत्युत्तर हो सकता है? वे और क्या कहेंगे, सिवाए इसके कि “पवित्र, पवित्र, पवित्र”?

      क्या उन्हीं शब्दों को बारंबार कहते रहना उबा देने वाला हो सकता है? यदि आप किसी ऐसे के साथ हैं जिसे आप प्रेम करते हैं, तब तो नहीं; और न ही तब जब आप ठीक वही कर रहे हैं जिसे करने के लिए आपको योजनाबद्ध रीति से बनाया गया है। उन चार प्राणियों के समान जिन्हें परमेश्वर ने अपनी महिमा करने के उद्देश्य से बनाया है, हमें भी परमेश्वर ने अपनी महिमा के उद्देश्य से बनाया है। यदि हम अपने जीवन परमेश्वर द्वारा हमारे लिए रखे गए उद्देश्य पर केंद्रित रखें, और उस उद्देश्य को पूरा करते रहें, तो हमारे जीवन कभी भी उबाऊ नहीं होंगे। - जूली एकरमैन लिंक

परमेश्वर के साथ सामंजस्य में बना हुआ ह्रदय, उसकी स्तुति किए बिना रह नहीं सकता है।

इस प्रजा को मैं ने अपने लिये बनाया है कि वे मेरा गुणानुवाद करें। - यशायाह 43:21

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 4
Revelation 4:1 इन बातों के बाद जो मैं ने दृष्टि की, तो क्या देखता हूं कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिस को मैं ने पहिले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, कि यहां ऊपर आ जा: और मैं वे बातें तुझे दिखाऊंगा, जिन का इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।
Revelation 4:2 और तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूं, कि एक सिंहासन स्वर्ग में धरा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है।
Revelation 4:3 और जो उस पर बैठा है, वह यशब और मानिक सा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत सा एक मेघधनुष दिखाई देता है।
Revelation 4:4 और उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन है; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्वेत वस्‍त्र पहिने हुए बैठें हैं, और उन के सिरों पर सोने के मुकुट हैं।
Revelation 4:5 और उस सिंहासन में से बिजलियां और गर्जन निकलते हैं और सिंहासन के साम्हने आग के सात दीपक जल रहे हैं, ये परमेश्वर की सात आत्माएं हैं।
Revelation 4:6 और उस सिंहासन के साम्हने मानो बिल्लौर के समान कांच का सा समुद्र है, और सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी हैं, जिन के आगे पीछे आंखे ही आंखे हैं।
Revelation 4:7 पहिला प्राणी सिंह के समान है, और दूसरा प्राणी का मुंह बछड़े के समान है, तीसरे प्राणी का मुंह मनुष्य का सा है, और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान है।
Revelation 4:8 और चारों प्राणियों के छ: छ: पंख हैं, और चारों ओर, और भीतर आंखे ही आंखे हैं; और वे रात दिन बिना विश्राम लिये यह कहते रहते हैं, कि पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु परमेश्वर, सर्वशक्तिमान, जो था, और जो है, और जो आने वाला है।
Revelation 4:9 और जब वे प्राणी उस की जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीवता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे।
Revelation 4:10 तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठने वाले के साम्हने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीवता है प्रणाम करेंगे; और अपने अपने मुकुट सिंहासन के साम्हने यह कहते हुए डाल देंगे।
Revelation 4:11 कि हे हमारे प्रभु, और परमेश्वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएं सृजीं और वे तेरी ही इच्छा से थीं, और सृजी गईं।

(इस लेक की लेखिका, जूली, अब स्वर्ग में परमेश्वर की स्तुति करने वालों के साथ हैं)

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 14-15
  • मत्ती 17



शनिवार, 25 जनवरी 2020

आशा



      कुछ समय पहले मैं अपने एक मित्र के साथ एम्पायर स्टेट बिलडिंग देखने गया। हमारे समान उसे देखने आए अन्य लोगों की लाइन छोटी ही लग रही थी, बस थोड़ा सा आगे जाकर कोना मुड़ने तक की। परन्तु जब हम ने उस बिलडिंग में प्रवेश किया तो पाया कि आए हुए लोगों की लाइन लॉबी से आगे सीढ़ियों , और फिर एक कमरे के अन्दर तक तक जा रही थी। हमारा हर मोड़ मुड़ना, कुछ और दूरी को दिखाता था। आकर्षणस्थल और घूमने के स्थानों के संचालक, आने वाले लोगों की भीड़ को ऐसे मार्गों से ले चलते हैं कि देखने वालों को भीड़ कम लगे, किन्तु वास्तविकता तो “मोड़ मुड़ते ही” दिखाई देती है।

      इसी प्रकार जीवन की निराशाएं भी कभी-कभी जितनी दिखाई देती हैं, उससे बढ़कर गंभीर होती हैं। हमने जिस नौकरी के मिलने की आशा रखी थी, वह नहीं मिलती है; जिन मित्रों पर हमने भरोसा किया था उन्होंने हमारे भरोसे को तोड़ दिया; जिस प्रेम संबंध पर हमने आशा रखी थी, वह सफल नहीं हुआ; आदि। परन्तु इन नाकामियों और दिल तोड़ने वाली घटनाओं में परमेश्वर का वचन बाइबल हमें एक नई आशा के प्रति प्रोत्साहित करता है। प्रेरित पौलुस ने लिखा, “केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है” (रोमियों 5:3-5)।

      हम जब परमेश्वर में अपना भरोसा बनाए रखते हैं, तो परमेश्वर अपनी आत्मा के द्वारा हमें धीमी आवाज़ में बताता है कि वह हम से बिना किसी शर्त के प्रेम करता है और एक दिन हम उसके साथ होंगे – चाहे आज हमारे सामने कैसी भी बाधाएं क्यों न आ रही हों।

      एक ऐसे संसार में, जो हमें बहुधा निराश करता है, यह जानना कितना अच्छा है कि परमेश्वर में हमें एक वास्तविक आशा मिलती है। - जेम्स बैंक्स

मसीह यीशु में निराश लोगों को भी आशा मिलती है।

प्रभु यीशु ने कहा: “हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।” (मत्ती 11:28)

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-11
Romans 5:1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।
Romans 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।
Romans 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज।
Romans 5:4 और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है।
Romans 5:5 और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।
Romans 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा।
Romans 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे।
Romans 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।
Romans 5:9 सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे?
Romans 5:10 क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे?
Romans 5:11 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 12-13
  • मत्ती 16



शुक्रवार, 24 जनवरी 2020

जीवन



      कुछ वर्ष पहले, हमारे निवास स्थान पर शरद ऋतु असामान्य लंबे समय तक रही और दो सप्ताह तक बाहर का तापमान शून्य से बहुत नीचे, -20oC रहा। एक बहुत ही ठंडी प्रातः, रात्रि की शान्ति को दर्जनों, या सैंकड़ों पक्षियों के चहचहाहट ने भंग किया; वे सभी ऊँची आवाज़ में अपना अपना गीत गा रहे थे। यदि मुझे सही बात पता नहीं होती, तो मैं तो यही मानता कि वे अपने सृष्टिकर्ता से माँग कर रहे थे कि अब तो इस सर्दी को समाप्त करके  गर्म मौसम को ले आए।

      पक्षी विशेषज्ञ हमें बताते हैं कि शरद ऋतु के अंत के निकट जो पक्षियों का कोलाहल हम सुनते हैं, वह अधिकांशतः नर पक्षियों द्वारा मादाओं को आकर्षित करने और अपने-अपने क्षेत्र स्थापित करने के लिए किया जाता है। उनके इस चहचहाने ने मुझे स्मरण दिलाया कि परमेश्वर ने अपनी सृष्टि का बारीकी से समंजन किया है जिससे जीवन बना रहे और बढ़ता रहे – क्योंकि वह जीवन का परमेश्वर है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 104 में, जो परमेश्वर की फूलती-फलती धरती को लेकर परमेश्वर की स्तुति करने का भजन है, भजनकार ने यह कहकर आरंभ किया कि, “हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह!...” (भजन 104:1); फिर उसने आगे लिखा, “उनके पास आकाश के पक्षी बसेरा करते, और डालियों के बीच में से बोलते हैं”(भजन 104:12)।

      चहचहाते और बसेरा करते हुए पक्षियों से लेकर समुद्र के अनगिनत जलचरों तक (पद 25)हमें चारों ओर सृष्टिकर्ता परमेश्वर पिता की स्तुति और आराधना करने के कारण दिखाई देते हैं, उसके द्वारा जीवन को बनाए रखने और फूलता-फलता रखने के कार्यों के द्वारा। - जैफ ओलसन

और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं। - कुलुस्सियों1:17

क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते हैं... – रोमियों 1:20

बाइबल पाठ: भजन 104:1-12, 24-30
Psalms 104:1 हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह! हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू अत्यन्त महान है! तू वैभव और ऐश्वर्य का वस्त्र पहिने हुए है,
Psalms 104:2 जो उजियाले को चादर के समान ओढ़े रहता है, और आकाश को तम्बू के समान ताने रहता है,
Psalms 104:3 जो अपनी अटारियों की कड़ियां जल में धरता है, और मेघों को अपना रथ बनाता है, और पवन के पंखों पर चलता है,
Psalms 104:4 जो पवनों को अपने दूत, और धधकती आग को अपने टहलुए बनाता है।
Psalms 104:5 तू ने पृथ्वी को उसकी नींव पर स्थिर किया है, ताकि वह कभी न डगमगाए।
Psalms 104:6 तू ने उसको गहिरे सागर से ढांप दिया है जैसे वस्त्र से; जल पहाड़ों के ऊपर ठहर गया।
Psalms 104:7 तेरी घुड़की से वह भाग गया; तेरे गरजने का शब्द सुनते ही, वह उतावली कर के बह गया।
Psalms 104:8 वह पहाड़ों पर चढ़ गया, और तराईयों के मार्ग से उस स्थान में उतर गया जिसे तू ने उसके लिये तैयार किया था।
Psalms 104:9 तू ने एक सिवाना ठहराया जिस को वह नहीं लांघ सकता है, और न फिरकर स्थल को ढांप सकता है।
Psalms 104:10 तू नालों में सोतों को बहाता है; वे पहाड़ों के बीच से बहते हैं,
Psalms 104:11 उन से मैदान के सब जीव- जन्तु जल पीते हैं; जंगली गदहे भी अपनी प्यास बुझा लेते हैं।
Psalms 104:12 उनके पास आकाश के पक्षी बसेरा करते, और डालियों के बीच में से बोलते हैं।
Psalms 104:24 हे यहोवा तेरे काम अनगिनित हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुद्धि से बनाया है; पृथ्वी तेरी सम्पत्ति से परिपूर्ण है।
Psalms 104:25 इसी प्रकार समुद्र बड़ा और बहुत ही चौड़ा है, और उस में अनगिनित जलचर जीव- जन्तु, क्या छोटे, क्या बड़े भरे पड़े हैं।
Psalms 104:26 उस में जहाज भी आते जाते हैं, और लिव्यातान भी जिसे तू ने वहां खेलने के लिये बनाया है।
Psalms 104:27 इन सब को तेरा ही आसरा है, कि तू उनका आहार समय पर दिया करे।
Psalms 104:28 तू उन्हें देता हे, वे चुन लेते हैं; तू अपनी मुट्ठी खोलता है और वे उत्तम पदार्थों से तृप्त होते हैं।
Psalms 104:29 तू मुख फेर लेता है, और वे घबरा जाते हैं; तू उनकी सांस ले लेता है, और उनके प्राण छूट जाते हैं और मिट्टी में फिर मिल जाते हैं।
Psalms 104:30 फिर तू अपनी ओर से सांस भेजता है, और वे सिरजे जाते हैं; और तू धरती को नया कर देता है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 9-11
  • मत्ती 15:21-39



गुरुवार, 23 जनवरी 2020

प्रेम



      अगस्त 21, 2016 के दिन कैरिस्सा ने सोशल मीडिया पर लुइसियाना प्रांत में आई विनाशकारी बाढ़ के चित्र पोस्ट किए। अगले दिन उसने उस बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से किसी के द्वारा भेजे गई सहायता करने की विनती को पोस्ट किया। इसके पाँच घंटे बाद, कैरिस्सा ने एक और निवेदन पोस्ट किया, कि लोग उंके साथ 1000 मील की यात्रा पर उन बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के लिए निकल चलें। इसके चौबीस घंटों के अन्दर तेरह लोग उन लोगों की सहायता के लिए चल पड़े थे जिनके घर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे।

      वह क्या था जिसने लोगों को अपना हर काम छोड़कर सत्रह घंटे की यात्रा करके एक ऐसे स्थान पर जाने के प्रेरित किया जहाँ वे पहले कभी नहीं गए थे, जिससे कि वहां जाकर उन लोगों की सहायता कर सकें जिन से वे पहले कभी नहीं मिले थे, जिन्हें वे कभी नहीं जानते थे? यह प्रेरणा देने वाला प्रेम है।

      कैरिस्सा द्वारा सहायता करने के उस निवेदन के साथ परमेश्वर के वचन बाइबल से लेकर पोस्ट किए गए बाइबल के इस पद पर विचार कीजिए: “अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा” (भजन 37:5)। यह विशेषकर महत्वपूर्ण होता है जब हम सहायता करने की परमेश्वर की बुलाहट पर कार्य करते हैं। प्रेरित यूहन्ना ने लिखा, “पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?” (1 यूहन्ना 3:17)। ऐसा करना एक कठिन कार्य हो सकता है, परन्तु परमेश्वर ने हम से वायदा किया है, “...जो उस की आज्ञाओं को मानता है, वह उस में, और वह उन में बना रहता है...” (पद 22)।

      जब भी आवश्यकता आए, हम परमेश्वर का आदार कर सकते हैं, औरों की सहायता करने की उसके द्वारा हमें दी रही बुलाहट को स्वीकार करके, जो हमारे प्रेम का प्रमाण है। - डेव ब्रैनन

औरों की सहायता करना स्वीकार करके हम परमेश्वर के प्रेम को दिखाते हैं;
 उसके द्वारा हमें सौंपे गए कार्यों को करने के द्वारा हम उसकी सामर्थ्य को दिखाते हैं।

सो जब कि तुम ने भाईचारे की निष्‍कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन मन लगा कर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो। - 1 पतरस 1:22

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 3:16-24
1 John 3:16 हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए।
1 John 3:17 पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?
1 John 3:18 हे बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें।
1 John 3:19 इसी से हम जानेंगे, कि हम सत्य के हैं; और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उसके विषय में हम उसके साम्हने अपने अपने मन को ढाढ़स दे सकेंगे।
1 John 3:20 क्योंकि परमेश्वर हमारे मन से बड़ा है; और सब कुछ जानता है।
1 John 3:21 हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के साम्हने हियाव होता है।
1 John 3:22 और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं।
1 John 3:23 और उस की आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम पर विश्वास करें और जैसा उसने हमें आज्ञा दी है उसी के अनुसार आपस में प्रेम रखें।
1 John 3:24 और जो उस की आज्ञाओं को मानता है, वह उस में, और वह उन में बना रहता है: और इसी से, अर्थात उस आत्मा से जो उसने हमें दिया है, हम जानते हैं, कि वह हम में बना रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 7-8
  • मत्ती 15:1-20



बुधवार, 22 जनवरी 2020

दृष्टिकोण



      रेजिना घर लौट रही थी, थकी हुई और निराश। उसके दिन का आरंभ एक मित्र से मिले दुखद समाचार के साथ हुआ था; जो फिर दफतर में होने वाली मीटिंग्स में और बिगड़ता चला गया क्योंकि उसके सहकर्मी उसके किसी भी सुझाव को स्वीकार करके उनके साथ काम करने के लिए तैयार नहीं थे। कार चलाते हुए रेजिना जब प्रभु के साथ अपने दिन के विषय वार्तालाप कर रही थी, तो उसे लगा कि दिन भर की उन परेशानियों को एक ओर करके उसे अपनी एक वृद्ध सहेली, मारिया, से मिलने एक वृद्धाश्रम में जाना चाहिए, और वह उसके लिए कुछ फूल लेकर उसके पास वहाँ पहुँच गई। वहां पहुँचने पर रेजिना का मन तरोताज़ा हो गया जब मारिया ने उसके साथ अपने अनुभव को बाँटा कि प्रभु परमेश्वर उसके साथ कितना भला बना हुआ है। मारिया ने कहा, “मेरे पास अपना बिस्तर है, कुर्सी है, मुझे तीन बार भोजन मिलता है, और यहाँ की नर्सें मेरा ध्यान रखती हैं, मेरी सहायता करती हैं। और कभी-कभी परमेश्वर मेरी खिड़की पर मेरे पसंदीदा पक्षी बुलबुल को भी भेज देता है, क्योंकि वह जानता है कि मैं उन से प्रेम करती हूँ, और परमेश्वर मुझ से प्रेम करता है।”

      दृष्टिकोण। स्वभाव। पुरानी कहावत है, “जीवन 10 प्रतिशत वह है जो हमारे साथ होता है और 90 प्रतिशत वह है कि हम उसे क्या प्रतिक्रिया देते हैं।” परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने जिन लोगों को पत्र लिखा था, वे अपने मसीही विश्वास के कारण सताव झेलते हुए बेघर और तित्तर बित्तर हो रखे थे, और याकूब ने उनसे कहा कि वे अपनी कठिनाइयों के प्रति अपने दृष्टिकोण पर गौर करें। उसने, उन्हें इस शब्दों के साथ चुनौती दी: “हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो...” (याकूब 1:2-3)।  

      हम में से प्रत्येक अपनी कठिन परिस्थितियों और समस्याओं के साथ परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखना सीखने की जीवन यात्रा में है। याकूब ने जिस आनंदपूर्ण दृष्टिकोण की बात की, वह तब ही आता है जब हम यह मानना सीख लेते हैं कि परमेश्वर कठिन परिस्थितियों तथा संघर्षों को हमारे विश्वास को परिपक्व करने के लिए उपयोग करता है। - एनी सेटास

परमेश्वर हमारे दुःख के समयों को हमारी उन्नति के समय बना सकता है।

धन्य हो तुम, जब मनुष्य के पुत्र के कारण लोग तुम से बैर करेंगे, और तुम्हें निकाल देंगे, और तुम्हारी निन्‍दा करेंगे, और तुम्हारा नाम बुरा जानकर काट देंगे। उस दिन आनन्‍दित हो कर उछलना, क्योंकि देखो, तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा प्रतिफल है: उन के बाप-दादे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी वैसा ही किया करते थे। - लूका 6:22-23

बाइबल पाठ: याकूब 1:1-12
James 1:1 परमेश्वर के और प्रभु यीशु मसीह के दास याकूब की ओर से उन बारहों गोत्रों को जो तित्तर बित्तर हो कर रहते हैं नमस्‍कार पहुंचे।
James 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो
James 1:3 तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है।
James 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
James 1:5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी।
James 1:6 पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे; क्योंकि सन्‍देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है।
James 1:7 ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा।
James 1:8 वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है।
James 1:9 दीन भाई अपने ऊंचे पद पर घमण्‍ड करे।
James 1:10 और धनवान अपनी नीच दशा पर: क्योंकि वह घास के फूल के समान जाता रहेगा।
James 1:11 क्योंकि सूर्य उदय होते ही कड़ी धूप पड़ती है और घास को सुखा देती है, और उसका फूल झड़ जाता है, और उस की शोभा जाती रहती है; उसी प्रकार धनवान भी अपने मार्ग पर चलते चलते धूल में मिल जाएगा।
James 1:12 धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 4-6
  • मत्ती 14:22-36



मंगलवार, 21 जनवरी 2020

प्रतिज्ञाएं


      मेरी सबसे छोटी बेटी और मैं कभी-कभी एक खेल खेलते हैं, जिसे हम “चुटकी” कहते हैं। खेल बहुत साधारण सा है – जब वह सीढ़ी चढ़ रही होती है तो मैं उसके पीछे भागकर, उस तक पहुंचकर, उसे एक हल्की सी चुटकी काटता हूँ; किन्तु यदि मेरे पहुँचने से पहले वह सीढ़ी चढ़कर ऊपर पहुँच जाती है, तो फिर वह सुरक्षित है, मैं चुटकी नहीं काट सकता हूँ। किन्तु कभी ऐसा भी होता है जब वह खेलने के मूड में नहीं होती है, और तब वह मुझ से कहने लगती है, “चुटकी नहीं”, “चुटकी नहीं”; और मेरा प्रत्युत्तर होता है, “अच्छा चुटकी नहीं। मेरा वायदा।”

      अब कहने को तो मेरी यह प्रतिज्ञा छोटी से बात लगती है, परन्तु जब मैं वही करता हूँ जो मैं उस से कहता हूँ, तो मेरी बेटी मेरे बारे में सीखती है, मेरे चरित्र को समझने लगती है। वह समझने लगती है कि मैं अपनी बात पर पक्का हूँ और वह मुझ पर भरोसा रख सकती है। मेरा यह प्रतिज्ञा निभाना छोटी सी बात हो सकती है, परन्तु इसी प्रकार से अपनी बातों पर बने रहना और उन्हें निभाना ही संबंधों को बनाए रखने का आधार है। इसी से रिश्तों में प्रेम और भरोसे की नींव पड़ती है।

      मुझे लगता है कि परमेश्वर के वचन बाइबल में भी पतरस का यही अभिप्राय था जब उसने कहा कि परमेश्वर की प्रतिज्ञाएं हमें “ईश्वरीय स्वभाव में सहभागी बनाती हैं” (2 पतरस 1:4)। हम जब परमेश्वर की कही बात पर भरोसा करते हैं, जो वह अपने बारे में और हमारे बारे में कहता है, उस पर विश्वास करते हैं, तो हम हमारे प्रति उसकी भावनाओं को समझने पाते हैं। जब हम उसकी बातों और वचन पर निर्भर तथा दृढ़ बने रहते हैं, तो उसे भी अपने आप को हमारे प्रति विश्वासयोग्य प्रमाणित करने के अवसर मिलते हैं।

      मैं प्रभु परमेश्वर का धन्यवादी हूँ कि उसका वचन हमारे लिए उसकी प्रतिज्ञाओं से भरा पड़ा है; और ये प्रतिज्ञाएं दृढ़ स्मृतियाँ हैं कि उसकी करुणा सदा नई होती रहती है, कभी टलती नहीं है (विलापगीत 3:22-23)।

परमेश्वर का वचन उसके मन को प्रगट करता है।

हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है। - विलापगीत 3:22-23

बाइबल पाठ: 2 पतरस 1:1-9
2 Peter 1:1 शमौन पतरस की और से जो यीशु मसीह का दास और प्रेरित है, उन लोगों के नाम जिन्होंने हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धामिर्कता से हमारा सा बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया है।
2 Peter 1:2 परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्‍ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए।
2 Peter 1:3 क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्‍ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है।
2 Peter 1:4 जिन के द्वारा उसने हमें बहुमूल्य और बहुत ही बड़ी प्रतिज्ञाएं दी हैं: ताकि इन के द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूट कर जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, ईश्वरीय स्‍वभाव के समभागी हो जाओ।
2 Peter 1:5 और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्‍न कर के, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ।
2 Peter 1:6 और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति।
2 Peter 1:7 और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ।
2 Peter 1:8 क्योंकि यदि ये बातें तुम में वर्तमान रहें, और बढ़ती जाएं, तो तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के पहचानने में निकम्मे और निष्‍फल न होने देंगी।
2 Peter 1:9 और जिस में ये बातें नहीं, वह अन्‍धा है, और धुन्‍धला देखता है, और अपने पूर्वकाली पापों से धुल कर शुद्ध होने को भूल बैठा है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 1-3
  • मत्ती 14: 1-21


सोमवार, 20 जनवरी 2020

सहायता



      सुविख्यात ब्रुकलिन टैबरनैक्ल क्वौयर ने कई दशकों से बहुतेरे लोगों को अपने आत्म-विभोर करने वाले मसीही भजनों के द्वारा आशीषित किया है। इसका एक उदाहरण है परमेश्वर के वचन बाइबल में से भजन 121 से की गई उनकी एक रिकॉर्डिंग, जिसका शीर्षक है “मेरी सहायता”।

      भजन 121 का आरंभ प्रभु परमेश्वर, जो सारी सृष्टि का सृष्टिकर्ता है, में व्यक्तिगत विश्वास के अंगीकार से होती है, वही भजनकार की सहायता का स्त्रोत भी था (पद 1-2)। इसका क्या अर्थ है? इसका अर्थ है परमेश्वर से मिलने वाली स्थिरता (पद 3), हर समय उपलब्ध उसकी देखभाल (पद 3-4), उसकी सदा साथ बनी रहने वाली उपस्थिति और सुरक्षा (पद 5-6), और अनन्तकाल के लिए हर प्रकार की बुराई से बचाव (पद 7-8)।

      परमेश्वर के वचन से प्रेरित होकर परमेश्वर के लोगों ने अपने भजनों में सदा ही परमेश्वर को ही अपनी सुरक्षा तथा सहायता का स्त्रोत बताया है। मेरा अपना अनुभव भी यही है, जिसके अंतर्गत मैंने भी आराधना में चार्ल्स वेस्ली द्वारा लिखित भजन “हे पिता, मैं अपने हाथ आपकी ओर बढ़ाता हूँ, क्योंकि मैं और किसी सहायता को नहीं जानता हूँ; यदि आप मुझसे दूर हो जाएंगे, तो मुझे नहीं पता कि मैं फिर कहाँ जाऊँगा” को गाया है; तथा इसी प्रकार से महान सुधारक मार्टिन लूथर ने भी सही कहा जब उन्होंने लिखा, “हमारा परमेश्वर एक अत्यंत मज़बूत गढ़ है; एक ऐसी दीवार जो कभी नहीं ढहती है; वही हमारे चारों ओर आई हुई नश्वर संसार की बुराईयों की बाढ़ में हमारा सहायक है” और मैंने इसका भी अपने जीवन में अनुभव किया है।

      क्या आप अपने आप को अकेला, त्यागा हुआ, निष्कासित, और असमंजस में पड़ा हुआ अनुभव करते हैं? भजन 121 के शब्दों पर मनन करें, और इन शब्दों को अपने मन और आत्मा में विशवास और साहस को भरने दें। क्योंकि आप अकेले नहीं हैं, इसलिए जीवन में अकेले ही प्रयत्न करते रहने के प्रयास न करें। वरन जैसा परमेश्वर पिता ने प्रभु यीशु मसीह के जीवन, मृत्यु, पुनरुत्थान, और स्वर्गारोहण के द्वारा आपके लिए अपनी सहायता को प्रमाणित किया है, उसमें भरोसा बनाए रखें तथा आनन्दित बने रहें। जीवन का अगला जो भी कदम उठाना हो, उसे प्रभु परमेश्वर की सहायता से ही उठाएँ। - आर्थर जैक्सन

सृष्टि का सृष्टिकर्ता, अपने लोगों का भी सहायक है।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13: 5-6

बाइबल पाठ: भजन 121
Psalms 121:1 मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी?
Psalms 121:2 मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है।
Psalms 121:3 वह तेरे पांव को टलने न देगा, तेरा रक्षक कभी न ऊंघेगा।
Psalms 121:4 सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा।
Psalms 121:5 यहोवा तेरा रक्षक है; यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है।
Psalms 121:6 न तो दिन को धूप से, और न रात को चांदनी से तेरी कुछ हानि होगी।
Psalms 121:7 यहोवा सारी विपत्ति से तेरी रक्षा करेगा; वह तेरे प्राण की रक्षा करेगा।
Psalms 121:8 यहोवा तेरे आने जाने में तेरी रक्षा अब से ले कर सदा तक करता रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 49-50
  • मत्ती 13:31-58



रविवार, 19 जनवरी 2020

पहाड़



      यदि आपके मार्ग में पहाड़ बाधा बना हुआ हो तो आप क्या करेंगे? दशरथ मांझी की कहानी हमें प्रेरणा देती है। क्योंकि वह उसे शीघ्रता से अस्पताल नहीं पहुंचा सका, इसलिए त्वरित चिकित्सा न मिल पाने के कारण मांझी की पत्नी का देहांत हो गया; तब मांझी ने वह किया जो असंभव लगता था। उसने अगले बाईस वर्ष पहाड़ खोद कर मार्ग बनाने में लगाए जिससे अन्य गाँव वालों को उनकी आवश्यकता के समय में अस्पताल जाने और चिकित्सा प्राप्त करने में विलम्ब न हो। उसके देहांत से पहले भारत सरकार ने उसके इस प्रयास की सराहना की और उसकी इस उपलब्धि के लिए उसे सम्मानित किया।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में, जरुब्बाबेल को, जो निर्वासन से लौट कर आने वाले लोगों में से एक तथा इस्राएल का एक अगुवा था, मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य असंभव प्रतीत हुआ होगा। मंदिर के पुनर्निर्माण में लगे लोग, विरोधियों के हमलों के कारण हताश थे, और उनके पास न तो रक्षा के लिए कोई बड़ी सेना थी और न ही निर्माण के लिए कोई विशेष संसाधन। परन्तु परमेश्वर ने जरुब्बाबेल के पास ज़कर्याह नबी को पास भेजा, उसे स्मरण करवाने के लिए कि इस कार्य को पूरा करने के लिए किसी सैन्य बल, व्यक्तिगत सामर्थ्य, या मानवीय संसाधनों से बढ़कर अलौकिक शक्ति की आवश्यकता होगी। इसे पूरा करने के लिए परमेश्वर के पवित्र आत्मा के बल की आवश्यकता होगी (ज़कर्याह 4:6)। जरुब्बाबेल ने परमेश्वर की बात और सहायता पर भरोसा किया, और विश्वास रखा कि परमेश्वर किसी भी प्रकार की कठिनाई के प्रत्येक पहाड़ को हटा देगा, तथा मंदिर का पुनर्निर्माण और इस्राएली समुदाय की पुनःस्थापना को करवा देगा (7); और यही हुआ भी।

      जब हमारे सामने कठिनाइयों या परिस्थितियों के पहाड़ आते हैं, तब हम क्या करते हैं? हमारे सामने दो ही विकल्प होते हैं: या तो हम अपनी सामर्थ्य और कौशल पर भरोसा रखें, या फिर परमेश्वर के आत्मा की अगुवाई में होकर उसके निर्देशानुसार कार्य करें। जब हम परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं, उसके कहे के अनुसार चलते हैं, तब या तो वह हमारे उस ‘पहाड़’ को हमारे सामने से हटा देता है, या फिर हमें उस ‘पहाड़’ पर चढ़कर उसे पार करने की सामर्थ्य तथा धैर्य देता है। - मार्विन विलियम्स

परमेश्वर के कार्यों को पूरा करने के लिए मानवीय सामर्थ्य अपर्याप्त है।

जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं। - फिलिप्पियों 4:13

बाइबल पाठ: ज़कर्याह 4:1-7
Zechariah 4:1 फिर जो दूत मुझ से बातें करता था, उसने आकर मुझे ऐसा जगाया जैसा कोई नींद से जगाया जाए।
Zechariah 4:2 और उसने मुझ से पूछा, तुझे क्या देख पड़ता है? मैं ने कहा, एक दीवट है, जो सम्पूर्ण सोने की है, और उसका कटोरा उसकी चोटी पर है, और उस पर उसके सात दीपक है; जिन के ऊपर बत्ती के लिये सात सात नालियां हैं।
Zechariah 4:3 और दीवट के पास जलपाई के दो वृक्ष हैं, एक उस कटोरे की दाहिनी ओर, और दूसरा उसकी बाईं ओर।
Zechariah 4:4 तब मैं ने उस दूत से जो मुझ से बातें करता था, पूछा, हे मेरे प्रभु, ये क्या हैं?
Zechariah 4:5 जो दूत मुझ से बातें करता था, उसने मुझ को उत्तर दिया, क्या तू नहीं जानता कि ये क्या हैं? मैं ने कहा, हे मेरे प्रभु मैं नहीं जानता।
Zechariah 4:6 तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, जरूब्बाबेल के लिये यहोवा का यह वचन है : न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Zechariah 4:7 हे बड़े पहाड़, तू क्या है? जरूब्बाबेल के साम्हने तू मैदान हो जाएगा; और वह चोटी का पत्थर यह पुकारते हुए आएगा, उस पर अनुग्रह हो, अनुग्रह!

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 46-48
  • मत्ती 13:1-30



शनिवार, 18 जनवरी 2020

विलम्ब


      संसार भर में फैली और परस्पर जुड़ी हुई कंप्यूटर प्रणाली में आई खराबी के कारण संसार भर में अनेकों स्थानों पर हवाई यात्राएं बाधित हो जाती हैं, उन्हें रद्द करना पड़ता है, जिसके कारण हज़ारों यात्री हवाई अड्डों पर फंस जाते हैं, उनकी योजनाएं ठप्प हो जाती हैं। किसी बर्फीले तूफ़ान के कारण सड़कों पर अनेकों गाड़ियों की आपस में भिड़न्त हो जाती है और कई प्रमुख सड़क मार्ग बंद हो जाते हैं, यातायात बंद हो जाता है। जिस व्यक्ति ने वायदा किया था कि वह “तुरंत ही” उत्तर दे देगा, वह ऐसा नहीं करता है, और अनिश्चितता तथा असमंजस की स्थिति बनी रहती है। इन और ऐसी सभी परिस्थितयों के कारण विलम्ब होता है, और विलम्ब होने के कारण अकसर क्रोध और खिसियाहट होती है, जिस के फिर अन्य कई गलत या बुरे परिणाम होते हैं। परन्तु प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी होने के नाते, हमारे पास यह विशेषाधिकार और सौभाग्य है कि ऐसी प्रत्येक परिस्थिति में हम प्रभु से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में धैर्य बनाए रखने वालों के महान उदाहरणों में से एक है यूसुफ, जिसे उसके ईर्ष्यालु भाइयों ने दासों का व्यापार करने वालों को बेच दिया, जिन्होंने फिर उसे मिस्र ले जाकर बेच दिया; वहां उसके स्वामी की पत्नी ने उस पर झूठे आरोप लगा कर उसे बंदीगृह में डलवा दिया। लेकिन परमेश्वर का वचन हमें बताता है कि उन परिस्थितियों में भी “यहोवा यूसुफ के संग संग रहा, और उस पर करूणा की, और बन्दीगृह के दरोगा के अनुग्रह की दृष्टि उस पर हुई” (उत्पत्ति 39: 21)। इसके कई वर्षों के बाद जब यूसुफ ने फिरौन के स्वप्नों का अर्थ बताया तो उसे मिस्र में राजा के बाद का दूसरा सबसे ऊँचा स्थान दिया गया (अध्याय 41)।

      यूसुफ के धैर्य रखने का सबसे विलक्षण प्रतिफल तब आया जब वहां पड़े अकाल के समय में उसके वे ईर्ष्यालु भाई, उसकी स्थिति से अनजान, उसके ही पास आए कि उससे अन्न लें और अपने परिवारों को बचाएं। यूसुफ ने उन से कहा, “...मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूं, जिस को तुम ने मिस्र आनेहारों के हाथ बेच डाला था। अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है।... इस रीति अब मुझ को यहां पर भेजने वाले तुम नहीं, परमेश्वर ही ठहरा” (उत्पत्ति 45:4-5, 8)।

      हमारे जीवनों की प्रत्येक परिस्थिति में, सभी विलंबों में, वह चाहे जितना भी छोटा या लंबा हो, हमें भी यूसुफ के समान धैर्य, सही दृष्टिकोण, और शान्ति के साथ प्रभु में विश्वास को बनाए रखना चाहिए; अन्ततः परिणाम सर्वोत्तम होंगे। - डेविड मैक्कैसलैंड

परमेश्वर में हमारा भरोसा, 
हमें अपने विश्वास को धैर्य के साथ निभाने के लिए सक्षम करता है।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 45:1-8
Genesis 45:1 तब यूसुफ उन सब के साम्हने, जो उसके आस पास खड़े थे, अपने को और रोक न सका; और पुकार के कहा, मेरे आस पास से सब लोगों को बाहर कर दो। भाइयों के साम्हने अपने को प्रगट करने के समय यूसुफ के संग और कोई न रहा।
Genesis 45:2 तब वह चिल्ला चिल्लाकर रोने लगा: और मिस्रियों ने सुना, और फिरौन के घर के लोगों को भी इसका समाचार मिला।
Genesis 45:3 तब यूसुफ अपने भाइयों से कहने लगा, मैं यूसुफ हूं, क्या मेरा पिता अब तब जीवित है? इसका उत्तर उसके भाई न दे सके; क्योंकि वे उसके साम्हने घबरा गए थे।
Genesis 45:4 फिर यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, मेरे निकट आओ। यह सुनकर वे निकट गए। फिर उसने कहा, मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूं, जिस को तुम ने मिस्र आनेहारों के हाथ बेच डाला था।
Genesis 45:5 अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है।
Genesis 45:6 क्योंकि अब दो वर्ष से इस देश में अकाल है; और अब पांच वर्ष और ऐसे ही होंगे, कि उन में न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा।
Genesis 45:7 सो परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे आगे इसी लिये भेजा, कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो, और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े।
Genesis 45:8 इस रीति अब मुझ को यहां पर भेजने वाले तुम नहीं, परमेश्वर ही ठहरा: और उसी ने मुझे फिरौन का पिता सा, और उसके सारे घर का स्वामी, और सारे मिस्र देश का प्रभु ठहरा दिया है।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 43-45
  • मत्ती 12:24-50


शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

कृतज्ञ



      क्या आप और अधिक कृतज्ञ होने की भावना विकसित करना चाहेंगे? सत्रहवीं शताब्दी के एक ब्रिटिश कवि, जॉर्ज हर्बर्ट ने अपने पाठकों को इस उद्देश्य की ओर प्रोत्साहित करने के लिए एक कविता लिखी थी “Gratefulness” (कृतज्ञता), जिसकी एक पंक्ति है: “आपने मुझे बहुत कुछ दिया है, किन्तु एक चीज़ और दीजिए: एक कृतज्ञ मन।”

      हर्बर्ट ने पहचाना कि उसे कृतज्ञ होने के लिए केवल एक ही चीज़ की आवश्यकता थी – उन आशीषों का बोध रखना और उन्हें पहचानना, जो परमेश्वर उसे पहले ही दे चुका है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि रोमियों 11:36 प्रभु यीशु मसीह को सभी आशीषों का स्त्रोत बताता है, जहां लिखा है, “क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन” जब “सब कुछ” कहा गया है, तो इसमें जीवन की बहुमूल्य से लेकर सामान्य वस्तुओं तक, सभी कुछ सम्मिलित है। जीवन में हमें जो भी प्राप्त होता है वह हमारे स्वर्गीय पिता से ही आता है (याकूब 1:17), और उन्हें वह हमें स्वेच्छा से, अपने प्रेम में होकर प्रदान करता है।

      अपने जीवन में परमेश्वर की आशीषों के एहसास को और बढ़ाने के लिए, मैं ऐसा मन विकसित कर रही हूँ जो प्रतिदिन के सभी आनंदों के स्त्रोत का हर बात के लिए आभार व्यक्त करता है, विशेषकर उन आनंदों के लिए, जिन्हें मैं अकसर बिना उन पर ध्यान किए यूं ही ले लेती हूँ। आज के इन आनंदों में सम्मिलित है सैर के लिए एक ताज़ा प्रातः, मित्रों के साथ बिताने के लिए एक संध्या, मेरी रसोई में खाने-पीने के समान की भरपूरी, जिससे मैं अपने बेटियों के साथ उनके मन-पसंद भोजन वस्तुओं को बना सकती हूँ, मेरी खिड़की से दिखने वाला सुन्दर संसार का दृश्य, और ताज़ी बनी कॉफ़ी की सुगंध।

      ध्यान कीजिए कि परमेश्वर ने आपको क्या कुछ दे रखा है? उन आशीषों के प्रति जागरूक होना, हमें परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ मन विकसित करने में सहायक होगा। - लिसा सामरा

जब भी आप किसी भी भलाई का ध्यान करते हैं, परमेश्वर का धन्यवाद करें।

क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है। - याकूब 1:17

बाइबल पाठ: रोमियों 11:33-36
Romans 11:33 आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं!
Romans 11:34 प्रभु कि बुद्धि को किस ने जाना या उसका मंत्री कौन हुआ?
Romans 11:35 या किस ने पहिले उसे कुछ दिया है जिस का बदला उसे दिया जाए।
Romans 11:36 क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 41-42
  • मत्ती 12:1-23



गुरुवार, 16 जनवरी 2020

कृतज्ञ



      क्या आप और अधिक कृतज्ञ होने की भावना विकसित करना चाहेंगे? सत्रहवीं शताब्दी के एक ब्रिटिश कवि, जॉर्ज हर्बर्ट ने अपने पाठकों को इस उद्देश्य की ओर प्रोत्साहित करने के लिए एक कविता लिखी थी “Gratefulness” (कृतज्ञता), जिसकी एक पंक्ति है: “आपने मुझे बहुत कुछ दिया है, किन्तु एक चीज़ और दीजिए: एक कृतज्ञ मन।”

      हर्बर्ट ने पहचाना कि उसे कृतज्ञ होने के लिए केवल एक ही चीज़ की आवश्यकता थी – उन आशीषों का बोध रखना और उन्हें पहचानना, जो परमेश्वर उसे पहले ही दे चुका है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि रोमियों 11:36 प्रभु यीशु मसीह को सभी आशीषों का स्त्रोत बताता है, जहां लिखा है, “क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन” जब “सब कुछ” कहा गया है, तो इसमें जीवन की बहुमूल्य से लेकर सामान्य वस्तुओं तक, सभी कुछ सम्मिलित है। जीवन में हमें जो भी प्राप्त होता है वह हमारे स्वर्गीय पिता से ही आता है (याकूब 1:17), और उन्हें वह हमें स्वेच्छा से, अपने प्रेम में होकर प्रदान करता है।

      अपने जीवन में परमेश्वर की आशीषों के एहसास को और बढ़ाने के लिए, मैं ऐसा मन विकसित कर रही हूँ जो प्रतिदिन के सभी आनंदों के स्त्रोत का हर बात के लिए आभार व्यक्त करता है, विशेषकर उन आनंदों के लिए, जिन्हें मैं अकसर बिना उन पर ध्यान किए यूं ही ले लेती हूँ। आज के इन आनंदों में सम्मिलित है सैर के लिए एक ताज़ा प्रातः, मित्रों के साथ बिताने के लिए एक संध्या, मेरी रसोई में खाने-पीने के समान की भरपूरी, जिससे मैं अपने बेटियों के साथ उनके मन-पसंद भोजन वस्तुओं को बना सकती हूँ, मेरी खिड़की से दिखने वाला सुन्दर संसार का दृश्य, और ताज़ी बनी कॉफ़ी की सुगंध।

      ध्यान कीजिए कि परमेश्वर ने आपको क्या कुछ दे रखा है? उन आशीषों के प्रति जागरूक होना, हमें परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ मन विकसित करने में सहायक होगा। - लिसा सामरा

जब भी आप किसी भी भलाई का ध्यान करते हैं, परमेश्वर का धन्यवाद करें।

क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है। - याकूब 1:17

बाइबल पाठ: रोमियों 11:33-36
Romans 11:33 आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं!
Romans 11:34 प्रभु कि बुद्धि को किस ने जाना या उसका मंत्री कौन हुआ?
Romans 11:35 या किस ने पहिले उसे कुछ दिया है जिस का बदला उसे दिया जाए।
Romans 11:36 क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 41-42
  • मत्ती 12:1-23