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शनिवार, 19 सितंबर 2015

समय


   बहुत से मसीही विश्वासी परमेश्वर के साथ प्रतिदिन प्रार्थना और उसके वचन बाइबल को पढ़ने में बिताना तो चाहते हैं, परन्तु उनके दैनिक जीवन की समय-सारिणी उन्हें ऐसा करने नहीं देती। ऐसे में दिन में यदि कुछ समय मिले और वे उसे परमेश्वर के साथ बिताना चाहें तो बीच में आने वाली कोई अन्य व्यस्तता उनकी हताशा को और बढ़ा देती है।

   प्रसिद्ध मसीही लेखक और प्रचारक ओस्वॉल्ड चैम्बर्स ने प्रभु परमेश्वर के साथ बिताए गए केवल पाँच मिनिटों की जीवन बदलने वाली सामर्थ पर टिप्पणी करी है। परमेश्वर के साथ प्रार्थना और वचन पढ़ने में बिताए गए थोड़े से समय की भी बहुत बड़ी कीमत है; चैम्बर्स ने कहा: "जो हमें संवारता और निखारता है वह बिताए गए समय की मात्रा नहीं वरन उस बदलने, निखारने वाले की सामर्थ है। परमेश्वर और उसके वचन के साथ बिताए गए पाँच मिनिट शेष सारे दिन से भी अधिक कीमती हैं।" हमें यह लग सकता है कि चैम्बर्स ने बात को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर कह दिया है, लेकिन यह वास्तविकता है कि प्रार्थना में बिताया गया थोड़ा सा समय भी बहुत प्रभावी प्रतिफल ला सकता है, क्योंकि प्रतिफल देने वाला परमेश्वर सर्वसामर्थी है।

   कई बार हमारे दिन व्यस्त मांगों से भरे होते हैं जो हमें परमेश्वर की आवाज़ को सुनने और उसका प्रत्युत्तर देने से रोकते हैं। लेकिन हम चाहे जैसी परिस्थिति में क्यों ना हों, चाहे कैसे भी स्थान पर क्यों ना हों, हमें अब्राहम के समान परमेश्वर के लिए एक आत्मिक वेदी, एक प्रार्थना का समय बनाए रखना चाहिए; और जैसे वह वेदी अब्राहम के लिए आशीषें लाई थी, परमेश्वर के साथ बिताया हुआ समय हमारे लिए भी आशीषें लेकर आएगा।

   यदि परमेश्वर के साथ बिताए जाने वाले समय को लेकर आपको दिक्कत हो रही है, तो केवल पाँच मिनिट प्रतिदिन के साथ आरंभ कीजिए और फिर जैसा अवसर होता है उसके अनुसार आगे बढ़िए, और देखिए कि यह आपके जीवन में क्या प्रभाव लाता है। हमारा परमेश्वर पिता हमसे मिलने की लालसा रखता है जिससे वह हमारे जीवनों के द्वारा अपनी सामर्थ संसार के सामने प्रगट कर सके; उसे इसका यथासंभव अवसर दीजिए। - डेनिस फिशर


परमेश्वर से वार्तालाप कीजिए - वाह आपके मन की बात सुनने को लालायित रहता है।

देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ दिखाए। - 2 इतिहास 16:9

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 12:1-8
Genesis 12:1 यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश, और अपनी जन्मभूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा। 
Genesis 12:2 और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा। 
Genesis 12:3 और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे। 
Genesis 12:4 यहोवा के इस वचन के अनुसार अब्राम चला; और लूत भी उसके संग चला; और जब अब्राम हारान देश से निकला उस समय वह पचहत्तर वर्ष का था। 
Genesis 12:5 सो अब्राम अपनी पत्नी सारै, और अपने भतीजे लूत को, और जो धन उन्होंने इकट्ठा किया था, और जो प्राणी उन्होंने हारान में प्राप्त किए थे, सब को ले कर कनान देश में जाने को निकल चला; और वे कनान देश में आ भी गए। 
Genesis 12:6 उस देश के बीच से जाते हुए अब्राम शकेम में, जहां मोरे का बांज वृक्ष है, पंहुचा; उस समय उस देश में कनानी लोग रहते थे। 
Genesis 12:7 तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, यह देश मैं तेरे वंश को दूंगा: और उसने वहां यहोवा के लिये जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई। 
Genesis 12:8 फिर वहां से कूच कर के, वह उस पहाड़ पर आया, जो बेतेल के पूर्व की ओर है; और अपना तम्बू उस स्थान में खड़ा किया जिसकी पच्छिम की ओर तो बेतेल, और पूर्व की ओर ऐ है; और वहां भी उसने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई: और यहोवा से प्रार्थना की।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 1-3
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33