मेरे बचपन में मैं प्रत्येक ग्रीष्म काल में अपने दादा-दादी के घर जाकर एक या दो सप्ताह के लिए रहा करती थी। उनका घर एक ऐसे मार्ग के किनारे बना था जिसके अन्त पर कुछ रेल पटरियाँ थीं। मेरे वहाँ पहुँचने की आरंभिक कुछ रातों को मैं कई बार हड़बड़ा कर उठ जाती जब कोई माल गाड़ी खड़खड़ाती हुई वहाँ से निकलती या फिर किसी अन्य ट्रेन की सीटी बजती। लेकिन मेरे वहाँ रहने के कुछ ही दिनों में मैं उन आवाज़ों की आदी हो जाती और फिर बिना उठे आराम की नींद सोती रहती थी। मेरा उन आवा़ज़ों के प्रति आदी होना मुझे उनको नज़रन्दाज़ करने वाला बना देता था।
जीवन में ऐसी ही अनेक बातें होती हैं हम जिनके आदी होकर उन्हें फिर नज़रन्दाज़ करना आरंभ कर देते हैं। लेकिन कुछ ऐसी भी बातें होती हैं हम जिनके आदी तो रहना चाहते हैं - अर्थात चाहते हैं कि वे हमारे साथ होती रहें, परन्तु उन्हें नज़रन्दाज़ करना नहीं चाहते। जैसे, मुझे अच्छा लगता है जब मैं अपने कार्य में व्यस्त होती हूँ और मेरे पति मेरे लिए कॉफी बनाकर ले आते हैं, मेरे सामने रख देते हैं; मुझे अच्छा लगता है जब किसी मित्र का अनायास ही फोन आ जाता है और हम आपस में एक दूसरे के समाचार और अन्य रोचक बातों की चर्चा करने पाते हैं। ये और ऐसी अन्य कुछ बातें हैं मैं जिनकी आदी तो रहना चाहती हूँ परन्तु उन्हें अपने जीवन में कभी नज़रन्दाज़ करना नहीं चाहती।
मसीही विश्वास के जीवन में भी कुछ ऐसा ही होता है - परमेश्वर का पवित्र आत्मा, जो प्रत्येक मसीही विश्वासी में निवास करता है, समय समय पर हमें चिताता रहता है, सिखाता रहता है। कभी कभी हम पवित्र आत्मा की ’आवाज़’ को सुनते रहने के इतने आदी हो जाते हैं कि उसे नज़रन्दाज़ करने लगते हैं। हो सकता है कि पवित्र आत्मा हमें इशारे कर रहा हो कि हमें किसी से हमारे द्वारा कही या करी गई किसी बात के लिए क्षमा मांग लेनी चाहिए; या वह हमे प्रेरित कर रहा हो कि हम किसी संकटग्रस्त जन के लिए प्रार्थना करें; या फिर वह हमें कायल कर सकता है कि हम अपने किसी प्रीय जन के साथ प्रभु यीशु में मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को बाँटें। ये पवित्र आत्मा के कार्यों के कुछ ऐसे उदाहरण हैं जो हमारे जीवन में सदा ही होते तो रहने चाहिए किंतु हमें सचेत रहना चाहिए कि हम उन्हें कभी नज़रन्दाज़ नहीं करने पाएं।
परमेश्वर का पवित्र आत्मा प्रत्येक मसीही विश्वासी के अन्दर इसलिए निवास करता है कि वह उन्हें सिखाए, कायल करे, सांत्वना दे और सत्य के मार्ग पर चलने में उनकी अगुवाई करे (यूहन्ना 14:16-17, 26; 16:7-8, 13)। यदि आप मसीही विश्वासी हैं तो ध्यान कीजिए कि कहीं आप पवित्र आत्मा की ’आवाज़’ के आदी होकर उसे नज़रन्दाज़ तो नहीं करने लगे हैं? यदि आप मसीही विश्वासी नहीं हैं तो यह पवित्र आत्मा की ओर से आपके लिए सन्देश हो सकता है कि आप प्रभु यीशु में विश्वास और पापों की क्षमा को स्वीकार कर के अपने अनन्त काल को सुरक्षित कर लें। - सिंडी हैस कैसपर
सही चुनाव करें; पवित्र आत्मा की आवाज़ को चुनें।
परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। - यूहन्ना 14:26
बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:7-15
John 16:7 तौभी मैं तुम से सच कहता हूं, कि मेरा जाना तुम्हारे लिये अच्छा है, क्योंकि यदि मैं न जाऊं, तो वह सहायक तुम्हारे पास न आएगा, परन्तु यदि मैं जाऊंगा, तो उसे तुम्हारे पास भेज दूंगा।
John 16:8 और वह आकर संसार को पाप और धामिर्कता और न्याय के विषय में निरूत्तर करेगा।
John 16:9 पाप के विषय में इसलिये कि वे मुझ पर विश्वास नहीं करते।
John 16:10 और धामिर्कता के विषय में इसलिये कि मैं पिता के पास जाता हूं,
John 16:11 और तुम मुझे फिर न देखोगे: न्याय के विषय में इसलिये कि संसार का सरदार दोषी ठहराया गया है।
John 16:12 मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते।
John 16:13 परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा।
John 16:14 वह मेरी महिमा करेगा, क्योंकि वह मेरी बातों में से ले कर तुम्हें बताएगा।
John 16:15 जो कुछ पिता का है, वह सब मेरा है; इसलिये मैं ने कहा, कि वह मेरी बातों में से ले कर तुम्हें बताएगा।
एक साल में बाइबल:
- 2 इतिहास 30-32