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गुरुवार, 28 जुलाई 2016

साहस एवं प्रोत्साहन


   मैं, एटलान्टा कॉन्सटिट्यूशन नामक अखबार के 1960 से 1968 तक रहे संपादक, तथा अपने श्रेष्ठ कार्य के लिए पुलिट्ज़र पुरुस्कार प्राप्त करने वाले यूजीन पैटरसन के देहांत पर उनके बारे छपे लेख को पढ़ रहा था। उनके जीवन की दो बातों ने मुझे बहुत प्रभावित किया; पहली यह कि कई वर्षों तक ऐसे समय में जब रंग के आधार पर अमेरिका के उस क्षेत्र में सभी मनुष्यों की समानता का कड़ा विरोध किया जा रहा था, वे मानव-अधिकारों की अडिग निर्भीक आवाज़ बने रहे; और दूसरा यह कि दिन-प्रतिदिन, वर्ष-प्रतिवर्ष, 8 वर्षों तक वे अखबार में अपना स्तंभ छापते रहे, अर्थात उन्होंने 2922 स्तंभ लिखे और प्रकाशित किए। साहस और अटलता उनके जीवन द्वारा प्रभावित करने वाले मुख्य गुण रहे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम प्रेरित पौलुस में ऐसे ही साहस और अटलता के गुण देखते हैं। प्रेरितों के कार्य 13-28 में, हम एक के बाद एक विषम परिस्थिति तथा कठिनाई में भी प्रदर्शित पौलुस के साहस को देखते हैं। जब उसे रोमी सम्राट कैसर के सामने मुकदमे में खड़े होने के लिए जल-पोत से रोम ले जाया जा रहा था, तो वह पोत क्षतिग्रस्त हो गया और पौलुस को रोम के दक्षिण में उतरना पड़ा, जहाँ कई मसीही विश्वासी भाई उससे मिलने आए (प्रेरितों 28:11-15)। लूका लिखता है कि, "वहां से भाई हमारा समाचार सुनकर अप्‍पियुस के चौक और तीन-सराए तक हमारी भेंट करने को निकल आए जिन्हें देखकर पौलुस ने परमेश्वर का धन्यवाद किया, और ढाढ़स बान्‍धा" (पद 15)। अगले दो वर्षों तक वह अपने मुकदमे की प्रतीक्षा में बन्दी बनकर रहा, किंतु उसे अपना ही घर किराए पर लेकर रहने की अनुमति मिल गई, "और वह पूरे दो वर्ष अपने भाड़े के घर में रहा। और जो उसके पास आते थे, उन सब से मिलता रहा और बिना रोक टोक बहुत निडर हो कर परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता और प्रभु यीशु मसीह की बातें सिखाता रहा" (पद 30-31)।

   प्रभु यीशु मसीह का प्रत्येक अनुयायी, पौलुस के समान ही साहस तथा प्रोत्साहन को पाने और देने वाला हो सकता है; साहस और प्रोत्साहन के अपने आधार प्रभु यीशु मसीह के बारे में बताने वाला बन सकता है। आज हम जहाँ भी हैं, जिन भी परिस्थितियों में हैं, प्रभु परमेश्वर हमें वहीं अन्य लोगों के साहस एवं प्रोत्साहन के लिए इस्तेमाल कर सकता है। - डेविड मैक्ककैसलैंड



जब लोग आपके साथ अपने भय बाँटें, 
तो साहस के अपने आधार को उनके साथ बाँटने के द्वारा उन्हें प्रोत्साहित करें।

तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं। हे भाइयों, मैं तुम्हें सराहता हूं, कि सब बातों में तुम मुझे स्मरण करते हो: और जो व्यवहार मैं ने तुम्हें सौंप दिए हैं, उन्हें धारण करते हो। - 1 कुरिन्थियों 11:1-2

बाइबल पाठ: प्रेरितों 28:11-31
Acts 28:11 तीन महीने के बाद हम सिकन्‍दिरया के एक जहाज पर चल निकले, जो उस टापू में जाड़े भर रहा था; और जिस का चिन्ह दियुसकूरी था। 
Acts 28:12 सुरकूसा में लंगर डाल कर के हम तीन दिन टिके रहे। 
Acts 28:13 वहां से हम घूमकर रेगियुम में आए: और एक दिन के बाद दक्खिनी हवा चली तब हम दुसरे दिन पुतियुली में आए। 
Acts 28:14 वहां हम को भाई मिले, और उन के कहने से हम उन के यहां सात दिन तक रहे; और इस रीति से रोम को चले। 
Acts 28:15 वहां से भाई हमारा समाचार सुनकर अप्‍पियुस के चौक और तीन-सराए तक हमारी भेंट करने को निकल आए जिन्हें देखकर पौलुस ने परमेश्वर का धन्यवाद किया, और ढाढ़स बान्‍धा।
Acts 28:16 जब हम रोम में पहुंचे, तो पौलुस को एक सिपाही के साथ जो उस की रखवाली करता था, अकेले रहने की आज्ञा हुई।
Acts 28:30 और वह पूरे दो वर्ष अपने भाड़े के घर में रहा। 
Acts 28:31 और जो उसके पास आते थे, उन सब से मिलता रहा और बिना रोक टोक बहुत निडर हो कर परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता और प्रभु यीशु मसीह की बातें सिखाता रहा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 46-48
  • प्रेरितों 28