जब हमारी पोती सारा बहुत छोटी थी तब एक बार उसने मुझे समझाया
कि मरने के बाद हमारे साथ क्या होता है। उसने कहा “केवल हमारा चेहरा ही स्वर्ग जाता
है, हमारा शरीर नहीं। वहाँ हमें एक नया शरीर मिलता है लेकिन चेहरा वही रहता है।” हमारी
अनंत कालीन दशा के बारे में सारा की जो धारणा थी वह एक बच्चे की समझ के अनुसार थी।
किंतु फिर भी उसने जिस महत्वपूर्ण सत्य को समझ लिया था वह यह था कि एक तरह से, हमारे
चेहरे ही, हमारे अदृश्य आत्मा को प्रतिबिंबित करते हैं।
मेरी मां मुझ से कहा करती थी कि किसी दिन एक क्रोधित चेहरा
ही मेरे मुंह पर चिपका रह जाएगा। वह नहीं जानती थीं की उन्होंने कितनी बुद्धिमानी की
बात कह दी थी। चिंता से चढ़ी हुई भौंहें, क्रोध से टेढ़ा हुआ हमारे मुंह का कोना, हमारी
आंखों में चलाकी की झलक, यह सब एक दुखी परेशान आत्मा को दिखाते हैं। किन्तु इस के
विपरीत, नम्र आँखें, चेहरे पर शांत भाव तथा प्रेम भरी मुस्कुराहट – चाहे साथ में चेहरे
पर झुर्रियां, दाग तथा और कोई निशान ही क्यों ना हों, यह सब एक भीतर आए परिवर्तन के
चिह्न होते हैं।
हम उस चेहरे के बारे में कुछ खास तो नहीं कर पाते हैं जिसके
साथ हम जन्मे थे। लेकिन हम उसके बारे में अवश्य कुछ कर सकते हैं जिस प्रकार के व्यक्ति
हम बन रहे हैं। हम परमेश्वर के वचन बाइबल में बताए गए आत्मा के फलों के गुणों, नम्रता,
धीरज, दयालुता, सहनशीलता, कृतज्ञता, क्षमाशीलता, शान्ति और प्रेम (गलातियों
5:22-26) के हमारे जीवन में भरपूरी से विद्यमान होने के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।
परमेश्वर की कृपा से और उसके समय में, आप और मैं, अन्दर से
ही हमारे प्रभु के समानता में बदलते तेरे चले जाएं, और यह समानता हमारे चेहरों पर झलकने
लगे, और वृद्धावस्था में भी हमारे चेहरे उस भीतरी परिवर्तन को दिखा सकें। - डेविड
एच. रोपर
एक प्रेम से भरे हृदय की
सुन्दरता के समान और कोई सुन्दरता नहीं है।
परन्तु जब हम सब के उघाड़े
चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस
प्रकार दर्पण में,
तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम
उसी तेजस्वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18
बाइबल पाठ: गलातियों 5:22-26
गलतियों 5:22 पर आत्मा का फल
प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,
गलतियों 5:23 और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और
संयम हैं; ऐसे
ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं।
गलतियों 5:24 और जो मसीह
यीशु के हैं, उन्होंने
शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है।
गलतियों 5:25 यदि हम आत्मा
के द्वारा जीवित हैं,
तो आत्मा के अनुसार चलें भी।
गलतियों 5:26 हम
घमण्डी हो कर न एक दूसरे को छेड़ें, और न एक दूसरे से डाह
करें।
एक साल में
बाइबल:
- 2 इतिहास 30-31
- यूहन्ना 18:1-18
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