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रविवार, 20 जुलाई 2014

भूल और भलाई


   कलाकार जेम्स हब्बल का कहना है कि गलतियाँ उपहार होती हैं। वे जब किसी प्रोजैक्ट पर कार्य कर रहे होते हैं और कोई गलती हो जाती है तो वे उस कार्य को पुनः आरम्भ नहीं करते; वे ऐसे तरीके ढूँढ़ते हैं कि उस गलती से भी वहाँ कुछ बेहतर बना सकें। हम में से कोई ऐसा नहीं है जो गलती ना करता हो, और हम सब के उन गलतियों के प्रति व्यवहार के अपने अपने तरीके हैं; कोई उन्हें छुपाता है, कोई उन्हें नज़रन्दाज़ कर देता है, कोई उनकी ज़िम्म्दारी से मुँह मोड़ लेता है तो कोई उन्हें स्वीकार करके उनके लिए क्षमा माँगता है या उसे सुधारने का प्रयास करता है।

   जैसा हम अपनी गलतियों के साथ करते हैं, वैसा ही हम अपने जीवनों के पापों के साथ भी करते हैं। लेकिन परमेश्वर जो हम सब का सृष्टिकर्ता है, हम सबको अन्दर-बाहर से भलि-भांति जानता है, हमारी गलतियों और पापों के कारण हमें त्यागना नहीं चाहता वरन चाहता है कि हमें सुधार सके, पाप के परिणाम से बचाकर भला और बेहतर बना सके। इसका एक उदाहरण हम प्रभु यीशु के चेले पतरस के जीवन से पाते हैं।

   पतरस अपने अविवेकपूर्ण बड़बोलेपन के लिए जाना जाता है - उस पल में जो उसके मन में आता था उसके बारे में कुछ भी सोचे समझे बिना ही वह उसे बोल देता था। जब प्रभु यीशु ने अपनी आती मृत्यु के बारे में अपने चेलों से चर्चा करी तब पतरस ने उसके प्रति अपने समर्पण तथा वफादारी के बड़े बड़े दावे किए; किंतु थोड़े ही समय पश्चात जब प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए वास्तव में पकड़वाया गया, तब पतरस ने भयवश तीन बार प्रभु यीशु को पहचानने और उसका अनुयायी होने से इन्कार कर दिया। लेकिन अपने मृतकों में से पुनरुत्थान के पश्चात प्रभु यीशु ने पतरस के दोषपूर्ण अतीत के बावजूद तीन बार पतरस को अपने आने वाले अनुयायीयों की देखभाल करने कि ज़िम्मेदारी दी (यूहन्ना 21)।

   यदि आपने भी कोई ऐसी भूल करी है जो आपको अपरिवर्तनीय लगती है, जिसके दुषपरिणाम आपको परेशान करते हैं, तो उन्हें सुधारने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप प्रभु यीशु से प्रेम करते हैं, उसे अपना जीवन समर्पित करके अपना उद्धारकर्ता स्वीकार किया है अथवा नहीं। यदि आप प्रभु यीशु के अनुयायी हैं तो बिना कोई सन्देह किए अपनी उस भूल और उसके दुषपरिणामों को प्रभु यीशु के सामने स्वीकार कर के उन्हें उसके हाथों में सौंप दीजिए। प्रभु यीशु हमारी बड़ी भूलों को भी बड़ी भलाई में बदल सकता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर ही है जो हमारी चूक को चमत्कार में परिवर्तित कर सकता है।

हे यहोवा, हम को अपनी ओर फेर, तब हम फिर सुधर जाएंगे। प्राचीनकाल की नाईं हमारे दिन बदल कर ज्यों के त्यों कर दे! - विलापगीत 5:21

बाइबल पाठ: यूहन्ना 21:15-19
John 21:15 भोजन करने के बाद यीशु ने शमौन पतरस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू इन से बढ़कर मुझ से प्रेम रखता है? उसने उस से कहा, हां प्रभु तू तो जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उसने उस से कहा, मेरे मेमनों को चरा। 
John 21:16 उसने फिर दूसरी बार उस से कहा, हे शमौन यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रेम रखता है? उसने उन से कहा, हां, प्रभु तू जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उसने उस से कहा, मेरी भेड़ों की रखवाली कर। 
John 21:17 उसने तीसरी बार उस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रीति रखता है? पतरस उदास हुआ, कि उसने उसे तीसरी बार ऐसा कहा; कि क्या तू मुझ से प्रीति रखता है? और उस से कहा, हे प्रभु, तू तो सब कुछ जानता है: तू यह जानता है कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: यीशु ने उस से कहा, मेरी भेड़ों को चरा। 
John 21:18 मैं तुझ से सच सच कहता हूं, जब तू जवान था, तो अपनी कमर बान्‍धकर जहां चाहता था, वहां फिरता था; परन्तु जब तू बूढ़ा होगा, तो अपने हाथ लम्बे करेगा, और दूसरा तेरी कमर बान्‍धकर जहां तू न चाहेगा वहां तुझे ले जाएगा। 
John 21:19 उसने इन बातों से पता दिया कि पतरस कैसी मृत्यु से परमेश्वर की महिमा करेगा; और यह कहकर, उस से कहा, मेरे पीछे हो ले।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 29-31