एक सिनेमा "Night at the Museum" एक अजायबघर के चौकीदार के रोमांचक अनुभवों का चित्रण है। उसका यह रोमांच आरंभ होता है जब रात में अजायबघर में प्रदर्शन के लिये रखे ऐतिहासिक लोगों के पुतले सजीव हो उठते हैं और अपनी मनमानी करने लगते हैं।
इस सिनेमा से प्रेरित होकर एक वास्तविक अजायबघर के निर्देशकों ने उस अजायबघर में ऐसा अनुभव उत्पन्न किया। उन्होंने अपने कर्मचारियों को अलग अलग काल के ऐतिहासिक लोगों की वेष भूषा में खड़ा किया, और वहां आने वाले बच्चों को कहा कि ऐतिहासिक पुतले सजीव होकर इधर उधर हो गये हैं, अब उन्हें उनके ऐतिहासिक क्रम में सही स्थान पर ले जाना है जिसमें बच्चों की सहायता चाहिये। बच्चों के लिये यह इतिहास सीखने का सजीव और कभी न भुलाए जाने वाला अनुभव बन गया।
बाइबल भी उसके पात्रों के रोमांचकारी अनुभवों की कहानियों से भरी हुई है। बच्चों को बाइबल की कहानियां याद कराना कोई उन्हें उबाने वाला काम नहीं है। मूसा के जीवन का ही उदाहरण लीजिये, शिशुकाल में बड़े नाटकीय ढंग से वह मृत्यु से बचा और राजमहल में पहुंचाया गया जहां एक राजकुमार की तरह उसकी परवरिश हुई। फिर अद्भुत रीति से वह परमेश्वर द्वारा बुलाया गया, सामर्थी किया गया और उसने अद्भुत आश्चर्यकर्म किये। परमेश्वर से उसकी दस आज्ञाओं और व्यवस्था को वह इस्त्रालियों के लिये लेकर आया और उन्हें उनके देश तक लेकर गया। उसके जीवन का एक एक भाग दिलचस्प है और बच्चों के लिये रोमांचकारी कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। बाइबल ऐसे ही अद्भुत जीवनों की कहानियों से भरी पड़ी है।
बाइबल की शिक्षा भी है कि माँ-बाप अपने बच्चों को बीते इतिहास की बातें सिखाएं जिससे बच्चे परमेश्वर और उसके सामर्थ और उसकी बातों को जान सकें (निर्गमन १२, १३; व्यवस्थाविवरण ६)। बाइबल के पात्रों का इतिहास सजीव इतिहास है, उनके जीवन आज भी अपने पढ़ने और सीखने वालों से बातें करते हैं और ऐसी शिक्षाएं देते हैं जो संसार में उन्हें कहीं नहीं मिल सकतीं - शिक्षाएं जो उन्हें परमेश्वर के बारे में सिखातीं हैं।
बाइबल का पालन करके उसके इतिहास को अपने जीवन में सजीव कीजिये, आपके जीवन में परमेश्वर का कार्य सजीव हो उठेगा, क्योंकि यह वचन ही परमेश्वर है जो हमारे लिये प्रभु यीशु के रूप में देहधारी हुआ "आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। और वचन देहधारी हुआ, और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा" (यूहना १:१, १२)। - डेनिस फिशर
और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; और तू इन्हें अपने बाल बच्चों को समझा कर सिखाया करना... - व्यवस्थाविवरण ६:६, ७
बाइबल पाठ: निर्गमन १३:१४-१६
और आगे के दिनों में जब तुम्हारे पुत्र तुम से पूछें, कि यह क्या है? तो उन से कहना, कि यहोवा हम लोगों को दासत्व के घर से, अर्थात मिस्र देश से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।
उस समय जब फिरौन ने कठोर होकर हम को जाने देना न चाहा, तब यहोवा ने मिस्र देश में मनुष्य से लेकर पशु तक सब के पहिलौठों को मार डाला। इसी कारण पशुओं में से तो जितने अपनी अपनी मां के पहिलौठे नर हैं, उन्हें हम यहोवा के लिये बलि करते हैं; पर अपने सब जेठे पुत्रों को हम बदला देकर छुड़ा लेते हैं।
और यह तुम्हारे हाथों पर एक चिन्ह सा और तुम्हारी भौहों के बीच टीका सा ठहरे, क्योंकि यहोवा हम लोगों को मिस्र से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।
एक साल में बाइबल:
इस सिनेमा से प्रेरित होकर एक वास्तविक अजायबघर के निर्देशकों ने उस अजायबघर में ऐसा अनुभव उत्पन्न किया। उन्होंने अपने कर्मचारियों को अलग अलग काल के ऐतिहासिक लोगों की वेष भूषा में खड़ा किया, और वहां आने वाले बच्चों को कहा कि ऐतिहासिक पुतले सजीव होकर इधर उधर हो गये हैं, अब उन्हें उनके ऐतिहासिक क्रम में सही स्थान पर ले जाना है जिसमें बच्चों की सहायता चाहिये। बच्चों के लिये यह इतिहास सीखने का सजीव और कभी न भुलाए जाने वाला अनुभव बन गया।
बाइबल भी उसके पात्रों के रोमांचकारी अनुभवों की कहानियों से भरी हुई है। बच्चों को बाइबल की कहानियां याद कराना कोई उन्हें उबाने वाला काम नहीं है। मूसा के जीवन का ही उदाहरण लीजिये, शिशुकाल में बड़े नाटकीय ढंग से वह मृत्यु से बचा और राजमहल में पहुंचाया गया जहां एक राजकुमार की तरह उसकी परवरिश हुई। फिर अद्भुत रीति से वह परमेश्वर द्वारा बुलाया गया, सामर्थी किया गया और उसने अद्भुत आश्चर्यकर्म किये। परमेश्वर से उसकी दस आज्ञाओं और व्यवस्था को वह इस्त्रालियों के लिये लेकर आया और उन्हें उनके देश तक लेकर गया। उसके जीवन का एक एक भाग दिलचस्प है और बच्चों के लिये रोमांचकारी कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। बाइबल ऐसे ही अद्भुत जीवनों की कहानियों से भरी पड़ी है।
बाइबल की शिक्षा भी है कि माँ-बाप अपने बच्चों को बीते इतिहास की बातें सिखाएं जिससे बच्चे परमेश्वर और उसके सामर्थ और उसकी बातों को जान सकें (निर्गमन १२, १३; व्यवस्थाविवरण ६)। बाइबल के पात्रों का इतिहास सजीव इतिहास है, उनके जीवन आज भी अपने पढ़ने और सीखने वालों से बातें करते हैं और ऐसी शिक्षाएं देते हैं जो संसार में उन्हें कहीं नहीं मिल सकतीं - शिक्षाएं जो उन्हें परमेश्वर के बारे में सिखातीं हैं।
बाइबल का पालन करके उसके इतिहास को अपने जीवन में सजीव कीजिये, आपके जीवन में परमेश्वर का कार्य सजीव हो उठेगा, क्योंकि यह वचन ही परमेश्वर है जो हमारे लिये प्रभु यीशु के रूप में देहधारी हुआ "आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। और वचन देहधारी हुआ, और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा" (यूहना १:१, १२)। - डेनिस फिशर
बाइबल के खज़ाने उन्हें ही मिलते हैं जो सच्चे मन से उनको खोजते हैं।
और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; और तू इन्हें अपने बाल बच्चों को समझा कर सिखाया करना... - व्यवस्थाविवरण ६:६, ७
बाइबल पाठ: निर्गमन १३:१४-१६
और आगे के दिनों में जब तुम्हारे पुत्र तुम से पूछें, कि यह क्या है? तो उन से कहना, कि यहोवा हम लोगों को दासत्व के घर से, अर्थात मिस्र देश से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।
उस समय जब फिरौन ने कठोर होकर हम को जाने देना न चाहा, तब यहोवा ने मिस्र देश में मनुष्य से लेकर पशु तक सब के पहिलौठों को मार डाला। इसी कारण पशुओं में से तो जितने अपनी अपनी मां के पहिलौठे नर हैं, उन्हें हम यहोवा के लिये बलि करते हैं; पर अपने सब जेठे पुत्रों को हम बदला देकर छुड़ा लेते हैं।
और यह तुम्हारे हाथों पर एक चिन्ह सा और तुम्हारी भौहों के बीच टीका सा ठहरे, क्योंकि यहोवा हम लोगों को मिस्र से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।
एक साल में बाइबल:
- यर्मियाह ३७-३९
- इब्रानियों ३