अमरीकी मुद्रा की सबसे छोटी इकाई है ’पेनी’ या एक सेंट और यह बहुत तुच्छ समझी जाती है। बहुत से लोग तो, यदि उन्हें सड़क पर एक पेनी पड़ा दिखाई दे तो उसे उठाने के लिए झुकते ही नहीं। लेकिन लोगों के दान पर चल रही कुछ धर्मार्थ संस्थाओं ने पाया है कि एक एक पेनी जोड़ने से एक अच्छी खासी रकम बन जाती है और बच्चे पेनी या छोटे छोटे दान करने में सबसे उदार होते हैं। इन संस्थाओं से संबंधित एक व्यक्ति ने अपने अनुभव के आधार पर कहा "ऐसे छोटे छोटे योगदानों का कुल योग एक महत्वपूर्ण रकम हो जाता है।" अर्थात पेनी चाहे बहुत छोटा हो, लेकिन तुच्छ नहीं है।
परमेश्वर के वचन बाइबल में भी एक ऐसे ही तुच्छ समझे जाने वाले किंतु अन्ततः अति महत्वपूर्ण प्रमाणित होने वाले व्यक्ति दाऊद का वर्णन है। दाऊद अपने भाईयों में सबसे छोटा था और परिवार में उसकी कोई विशेष कदर नहीं थी। जब उसने अति विशालकाय गोलियत की चुनौती स्वीकार करी तो लोगों ने उसे बहुत छोटा, डींगमार तथा तुच्छ समझा जाना। किंतु परमेश्वर की सामर्थ और सहायता पर दाऊद का विश्वास वहां उपस्थित प्रत्येक अन्य व्यक्ति से कहीं अधिक बढ़कर था। इस्त्राएल के राजा ने दाऊद से कहा: "... तू जा कर उस पलिश्ती के विरुद्ध नहीं युद्ध कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है" (1शमूएल 17:33)। लेकिन दाऊद का उत्तर उस परमेश्वर पर उसका अडिग विश्वास था जिसने पहले भी उसकी सहायता करी और उसे बचाया था (पद 37)।
दाऊद ने अपने आप को तुच्छ नहीं समझा, अर्थात एक अपरिहार्य समस्या के सामने अपने आप को बेबस और हीन नहीं जाना। यदि वह राजा शाऊल के निराशावाद और गोलियत की धमकियों से प्रभावित होकर डर जाता तो कुछ भी नहीं कर पाता। लेकिन उसने किसी मनुष्य की बात की बजाए परमेश्वर पर अपने विश्वास का सहारा लिया और अपने इस भरोसे के कारण साहस के साथ परिस्थित का सामना किया।
जीवन की विषम परिस्थितियों में लोगों के कहे पर निराश हो जाना और अपने आप को तुच्छ और असहाय समझ लेना तो सरल है, लेकिन जब हम परमेश्वर पर विश्वास में और बीते समय में उसके द्वारा मिली सहायता और सामर्थ को स्मरण करते हुए आगे बढ़ते हैं तो छोटी छोटी बातों से मिलने वाले प्रोत्साहन का योग एक बड़ी सामर्थ बन जाता है। विश्वास में उठाए गए हमारे हर कदम, हर बात का बड़ा महत्व है, योगदान है - चाहे वह कितना भी छोटा क्यों ना रहा हो।
तुच्छ कुछ भी नहीं; हर पेनी महत्वपूर्ण है। - डेविड मैक्कैसलैंड
जब विश्वास अगुवाई करेगा तो साहस स्वतः ही साथ देगा।
फिर दाऊद ने कहा, यहोवा जिसने मुझ सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा। शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा तेरे साथ रहे। - 1 शमूएल 17:37
बाइबल पाठ: 1 शमूएल 17:32-37
1 Samuel 17:32 तब दाऊद ने शाऊल से कहा, किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जा कर उस पलिश्ती से लड़ेगा।
1 Samuel 17:33 शाऊल ने दाऊद से कहा, तू जा कर उस पलिश्ती के विरुद्ध नहीं युद्ध कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है।
1 Samuel 17:34 दाऊद ने शाऊल से कहा, तेरा दास अपने पिता की भेड़ बकरियां चराता था; और जब कोई सिंह वा भालू झुंड में से मेम्ना उठा ले गया,
1 Samuel 17:35 तब मैं ने उसका पीछा कर के उसे मारा, और मेम्ने को उसके मुंह से छुड़ाया; और जब उसने मुझ पर चढ़ाई की, तब मैं ने उसके केश को पकड़कर उसे मार डाला।
1 Samuel 17:36 तेरे दास ने सिंह और भालू दोनों को मार डाला; और वह खतनारहित पलिश्ती उनके समान हो जाएगा, क्योंकि उसने जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारा है।
1 Samuel 17:37 फिर दाऊद ने कहा, यहोवा जिसने मुझ सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा। शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा तेरे साथ रहे।
एक साल में बाइबल:
- 1 शमूएल 17-18
- लूका 11:1-28