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शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

शुभ शुक्रवार


   हाल ही में मैंने ऐरन रैल्सटन के बारे में पढ़ा जो पैदल ही भ्रमण करता है; एक बार वह एक गहरी खाई के तले में अकेला ही था तथा फंस गया था, जहाँ किसी के द्वारा उसे ढूँढ़े जाने की आशा बहुत कम ही थी। निकलने का प्रयास करते करते उसका बल घटने लगा था; उस परिस्थिति में अपनी जान बचाने के लिए उसे कुछ जोखिम और पीड़ा भरे कड़े कार्य करने पड़े। ऐसे में अपने क्षीण होते हुए बल तथा अत्यंत पीड़ा में होने के बावजूद वह विजय पाने के कारण हर्ष से पूरे ज़ोर से चिल्ला उठा, क्योंकि अब उसने अपने आप को स्वतंत्र कर लिया था और वह बच कर जीवित रह सकता था।

   जिन्होंने प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने को देखा था, उन्होंने प्रभु की पीड़ा को भी देखा और अन्त में "पूरा हुआ" (यूहन्ना 19:30) की ऊँची पुकार के साथ उसे प्राण त्यागते हुए भी देखा। क्रूस पर से ऊँची आवाज़ में कहे गए प्रभु यीशु के ये शब्द दर्दनाक पराजय के नहीं वरन जय-घोष के शब्द थे क्योंकि जो कुछ पिता परमेश्वर ने उन्हें करने के लिए दिया था, प्रभु यीशु ने वह सब कुछ पूरा कर दिया था।

   जब प्रभु यीशु की मृत्यु हुई तो उन्होंने जो कुछ हम मनुष्य सहते हैं वह सब सहन किया। लेकिन इस सब से भी आगे निकल कर प्रभु यीशु ने वह किया जो हम में से कोई मनुष्य नहीं कर सकता - उन्होंने सभी मनुष्यों के सभी पाप अपने ऊपर लेकर, उन पापों के दण्ड को सभी के लिए सह लिया, जिससे अब उन में विश्वास लाकर और उन से पापों की क्षमा माँग कर हम पाप के दोष एवं दण्ड से मुक्त जीवन व्यतीत कर सकें, परमेश्वर के साथ अनन्त जीवन की आशीष पा सकें।

   "पूरा हुआ" प्रभु यीशु का जय नाद था, क्योंकि अब उसमें होकर सभी के लिए पाप के बन्धन से मुक्ति और स्वतंत्रता का जीवन पाना तथा जीना संभव हो गया था। प्रभु यीशु के बलिदान के कारण आज हम उनके मरने के दिन को "शुभ शुक्रवार" कहते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रभु यीशु ने हमें जीवन देने के लिए मृत्यु को सह लिया।

पिता इसलिये मुझ से प्रेम रखता है, कि मैं अपना प्राण देता हूं, कि उसे फिर ले लूं। कोई उसे मुझ से छीनता नहीं, वरन मैं उसे आप ही देता हूं: मुझे उसके देने का अधिकार है, और उसे फिर लेने का भी अधिकार है: यह आज्ञा मेरे पिता से मुझे मिली है। - यूहन्ना 10:17-18

बाइबल पाठ: यूहन्ना 19:28-37
John 19:28 इस के बाद यीशु ने यह जानकर कि अब सब कुछ हो चुका; इसलिये कि पवित्र शास्त्र की बात पूरी हो कहा, मैं प्यासा हूं। 
John 19:29 वहां एक सिरके से भरा हुआ बर्तन धरा था, सो उन्होंने सिरके में भिगोए हुए इस्‍पंज को जूफे पर रखकर उसके मुंह से लगाया। 
John 19:30 जब यीशु ने वह सिरका लिया, तो कहा "पूरा हुआ" और सिर झुका कर प्राण त्याग दिए।
John 19:31 और इसलिये कि वह तैयारी का दिन था, यहूदियों ने पीलातुस से बिनती की कि उन की टांगे तोड़ दी जाएं और वे उतारे जाएं ताकि सब्त के दिन वे क्रूसों पर न रहें, क्योंकि वह सब्त का दिन बड़ा दिन था। 
John 19:32 सो सिपाहियों ने आकर पहिले की टांगें तोड़ीं तब दूसरे की भी, जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे। 
John 19:33 परन्तु जब यीशु के पास आकर देखा कि वह मर चुका है, तो उस की टांगें न तोड़ीं। 
John 19:34 परन्तु सिपाहियों में से एक ने बरछे से उसका पंजर बेधा और उस में से तुरन्त लोहू और पानी निकला। 
John 19:35 जिसने यह देखा, उसी ने गवाही दी है, और उस की गवाही सच्ची है; और वह जानता है, कि सच कहता है कि तुम भी विश्वास करो। 
John 19:36 ये बातें इसलिये हुईं कि पवित्र शास्त्र की यह बात पूरी हो कि उस की कोई हड्डी तोड़ी न जाएगी। 
John 19:37 फिर एक और स्थान पर यह लिखा है, कि जिसे उन्होंने बेधा है, उस पर दृष्टि करेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 19-21
  • लूका 7:31-50