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रविवार, 15 जुलाई 2018

बलिदान



      गर्मी की ऋतु में अमेरिका के दक्षिणी क्षेत्र में, जो स्वाभाविक रीति से काफी गर्म रहता है, यात्रा करते हुए, एक दोपहर को मैं और मेरी पत्नि एक स्थान पर आईस्क्रीम खाने के लिए रुके। वहाँ हमने एक दीवार पर एक संकेत लिखा हुआ देखा, “बर्फ में खेलना बिलकुल वर्जित है।” जिस इलाके में कभी बर्फ नहीं होती, वहाँ के लिए यह अनपेक्षित व्यंग्य मनोरंजक था।

      कभी-कभी अनपेक्षित रीति से बात को कहना सबसे अधिक प्रभावी होता है। परमेश्वर के वचन, बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा कही गई कुछ बातों के विषय में विचार कीजिए: “जो अपने प्राण बचाता है, वह उसे खोएगा; और जो मेरे कारण अपना प्राण खोता है, वह उसे पाएगा” (मत्ती 10:39)। जिस राज्य का राजा अपने लोगों की सेवा करता हो (मरकुस 10:45), अपने प्राणों को खोना ही उन्हें पाने का एकमात्र तरीका हो सकता है। यह उस सँसार के लिए, जो अपनी ही उन्नति और सुरक्षा की धुन में लगा हुआ है, एक चौंका देने वाला सन्देश है।

      व्यावाहारिक रीति से, हम अपना जीवन कैसे खो सकते हैं? उत्तर एक शब्द में कहा जा सकता है: “बलिदान” के द्वारा। जब हम बलिदान देते हैं, हम प्रभु यीशु की जीवन शैली को अपनाते हैं। हम अपनी आवश्यकताओं एवँ अभिलाषाओं को पूरा करने के प्रयासों के स्थान पर औरों की आवश्यकताओं और भलाई को प्राथमिकता देते हैं।

      प्रभु यीशु ने न केवल बलिदान के बारे में सिखाया, वरन उन्होंने समस्त मानव जाति के उद्धार के लिए अपने जीवन का बलिदान देने के द्वारा इसे व्यावाहारिक कर के भी दिखाया। क्रूस पर उनकी मृत्यु, हमारे प्रति सृष्टि के स्वामी और राजा के प्रेम का सर्वोच्च प्रगटीकरण बन गई, जिसने अपने ही शब्दों, “इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे” (यूहन्ना 15:13) को पूरा भी किया। - बिल क्राउडर


बलिदान का जीवन जीने से किसी बात की कोई हानि नहीं होती है। - हेनरी लिड्डों

क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे। - मरकुस 10:45

बाइबल पाठ: मत्ती 10:35-42
Matthew 10:32 जो कोई मनुष्यों के साम्हने मुझे मान लेगा, उसे मैं भी अपने स्‍वर्गीय पिता के साम्हने मान लूंगा।
Matthew 10:33 पर जो कोई मनुष्यों के साम्हने मेरा इन्कार करेगा उस से मैं भी अपने स्‍वर्गीय पिता के साम्हने इन्कार करूंगा।
Matthew 10:34 यह न समझो, कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने को आया हूं; मैं मिलाप कराने को नहीं, पर तलवार चलवाने आया हूं।
Matthew 10:35 मैं तो आया हूं, कि मनुष्य को उसके पिता से, और बेटी को उस की मां से, और बहू को उस की सास से अलग कर दूं।
Matthew 10:36 मनुष्य के बैरी उसके घर ही के लोग होंगे।
Matthew 10:37 जो माता या पिता को मुझ से अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं और जो बेटा या बेटी को मुझ से अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं।
Matthew 10:38 और जो अपना क्रूस ले कर मेरे पीछे न चले वह मेरे योग्य नहीं।
Matthew 10:39 जो अपने प्राण बचाता है, वह उसे खोएगा; और जो मेरे कारण अपना प्राण खोता है, वह उसे पाएगा।
Matthew 10:40 जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है।
Matthew 10:41 जो भविष्यद्वक्ता को भविष्यद्वक्ता जानकर ग्रहण करे, वह भविष्यद्वक्ता का बदला पाएगा; और जो धर्मी जानकर धर्मी को ग्रहण करे, वह धर्मी का बदला पाएगा।
Matthew 10:42 जो कोई इन छोटों में से एक को चेला जानकर केवल एक कटोरा ठंडा पानी पिलाए, मैं तुम से सच कहता हूं, वह किसी रीति से अपना प्रतिफल न खोएगा।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 13-15
  • प्रेरितों 19:19-41