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मंगलवार, 1 सितंबर 2020

विश्वास


         अपने पुलिस स्टेशन वापस आने पर पुलिस सिपाही विक मिग्लियो, थका हुआ दीवार से टिक कर बैठ गया। घरेलू हिंसा के निपटारे में उसके कार्य का आधा समय व्यय हो गया था। उस हिंसा के परिणाम स्वरूप एक बॉयफ्रेंड हिरासत में था, एक युवती घायल अवस्था में आपात-कालीन चिकित्सा कक्ष में थी और एक विचलित माँ सोच रही थी कि यह सब कैसे हो गया? उस जवान पुलिस सिपाही के मन में यह घटना बहुत समय तक अपना प्रभाव बनाए रखेगी। उसके साथ के एक अन्य अधिकारी ने उसे समझाया, “अब तुम इसके बारे में और क्या कर सकते थे; बात को यहीं छोड़ दो।” परन्तु विक को सहानुभूति के ये शब्द खोखले प्रतीत हुए। कुछ पुलिस वाले अपने कार्य की हृदय-स्पर्शी घटनाओं को अपने कार्य-स्थल पर ही छोड़ देते हैं। परन्तु विक ऐसा नहीं था; विशेषकर इस प्रकार के कठोर मालों के लिए तो बिलकुल नहीं।

         उस पुलिस अधिकारी विक का हृदय प्रभु यीशु मसीह की करुणा को दिखाता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु के शिष्यों ने उससे एक प्रश्न पूछा, स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन है?” (मत्ती 18:1)। प्रभु ने एक बालक को अपने पास बुलाकर अपने शिष्यों से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे” (पद 3)। फिर प्रभु ने किसी भी बालक को कोई भी हानि पहुंचाने वाले को सख्त चेतावनी दी (पद 6)। प्रभु के लिए बच्चे इतने विशेष हैं, कि उसने अपने शिष्यों से कहा, देखो, तुम इन छोटों में से किसी को तुच्छ न जानना; क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि स्वर्ग में उन के दूत मेरे स्वर्गीय पिता का मुंह सदा देखते हैं” (पद 10)।

         यह हमारे लिए कितनी आश्वस्त करने वाली बात है कि बच्चों के प्रति प्रभु यीशु का प्रेम, हम सभी के प्रति उसके प्रेम के साथ संबंधित है। इसीलिए वह हमें बच्चों के समान विश्वास रखने के द्वारा अपने पुत्र और पुत्री बनने का निमंत्रण देता है। - टिम गुस्ताफसन

 

हमारे सांसारिक परिवार हमें त्याग सकते हैं, परन्तु हमारा स्वर्गीय पिता हमें कभी नहीं त्यागेगा।


परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। - यूहन्ना 1:12

बाइबल पाठ: मत्ती 18:1-10

मत्ती 18:1 उसी घड़ी चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे, कि स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन है?

मत्ती 18:2 इस पर उसने एक बालक को पास बुलाकर उन के बीच में खड़ा किया।

मत्ती 18:3 और कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे।

मत्ती 18:4 जो कोई अपने आप को इस बालक के समान छोटा करेगा, वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा।

मत्ती 18:5 और जो कोई मेरे नाम से एक ऐसे बालक को ग्रहण करता है वह मुझे ग्रहण करता है।

मत्ती 18:6 पर जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर विश्वास करते हैं एक को ठोकर खिलाए, उसके लिये भला होता, कि बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता, और वह गहिरे समुद्र में डुबाया जाता।

मत्ती 18:7 ठोकरों के कारण संसार पर हाय! ठोकरों का लगना अवश्य है; पर हाय उस मनुष्य पर जिस के द्वारा ठोकर लगती है।

मत्ती 18:8 यदि तेरा हाथ या तेरा पांव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्‍डा या लंगड़ा हो कर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो हाथ या दो पांव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए।

मत्ती 18:9 और यदि तेरी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकाल कर फेंक दे। काना हो कर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो आंख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए।

मत्ती 18:10 देखो, तुम इन छोटों में से किसी को तुच्‍छ न जानना; क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि स्वर्ग में उन के दूत मेरे स्‍वर्गीय पिता का मुंह सदा देखते हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 135-136
  • '1 कुरिन्थियों 12