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बुधवार, 6 जनवरी 2021

महिमा

 

          कैसर अगस्तुस को रोमी साम्राज्य के प्रथम और सबसे महान सम्राट के रूप में स्मरण किया जाता है। उसने राजनीतिक कौशल तथा सैन्य शक्ति के द्वारा अपने शत्रुओं को नाश किया, साम्राज्य का विस्तार किया, और रोम को गंदी बस्तियों के समूह से उठाकर संगमरमर की मूर्तियों और मंदिरों का शहर बना दिया। उसे प्रेम और सम्मान देने वाले रोमी नागरिकों ने उसे दैवीय पिता और मानवजाति का रक्षक कहा। जब चालीस वर्ष राज्य करने के बाद वह अपने अन्त समय की ओर आया, तो आधिकारिक रूप से उसके द्वारा कहे गए अंतिम शब्द थे, “मैंने रोम को गारे और मिट्टी का शहर प्राप्त किया था और उसे संगमरमर का शहर छोड़ कर जा रहा हूँ।” किन्तु उसकी पत्नी के अनुसार, वास्तव में उसके अंतिम शब्द थे, “क्या मैंने अपनी भूमिका सही निभाई है? यदि हाँ तो मेरी विदाई के समय मेरी सराहना करना।”

          अगस्तुस को जो बात पता नहीं थी, वह थी कि उसे एक बहुत महान कहानी में एक छोटी सी सहायक भूमिका दी गई थी। उसके राज्य के समय में, एक बढ़ई के घर में एक बालक ने जन्म लिया, जो रोमी शासन के महानतम सैनिक विजय, मंदिर, अखाड़े, या अन्य किसी भी स्थान अथवा बात से कहीं बढ़कर कुछ प्रकट करने वाला था (लूका 2:1)।

          लेकिन उस महिमा को कौन समझ सकता था जिसके लिए प्रभु यीशु ने अपने पकड़वाए जाने की रात में प्रार्थना की थी, जब उसके देशवासी रोमी शासन से उसे क्रूस पर चढ़ाए जाने की माँग कर रहे थे (यूहन्ना 17:4-5)। कौन प्रभु के उस बलिदान में छुपे हुए अचरज को देखने या समझने पाता, जिसकी पृथ्वी और स्वर्ग पर सदा ही सराहना होती रहेगी?

          परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई प्रभु यीशु की यह जीवनी एक बहुत ही अद्भुत घटना है। हमारे परमेश्वर ने हमें मूर्खतापूर्ण बातों के विषय कल्पनाएँ करते और आपस में लड़ते-झगड़ते पाया; और अपने प्रेम तथा बलिदान के द्वारा हमें एक कर दिया, क्रूस के बलिदान की महिमा की स्तुति और आराधना गाने वाले बना दिया। - मार्ट डीहान

 

जिस महिमा की हमें आवश्यकता है वह क्रूस की महिमा है।


और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। - इब्रानियों 12:2

बाइबल पाठ: यूहन्ना 17:1-5, 20-24

यूहन्ना 17:1 यीशु ने ये बातें कहीं और अपनी आँखें आकाश की ओर उठा कर कहा, हे पिता, वह घड़ी आ पहुंची, अपने पुत्र की महिमा कर, कि पुत्र भी तेरी महिमा करे।

यूहन्ना 17:2 क्योंकि तू ने उसको सब प्राणियों पर अधिकार दिया, कि जिन्हें तू ने उसको दिया है, उन सब को वह अनन्त जीवन दे।

यूहन्ना 17:3 और अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ अद्वैत सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जाने।

यूहन्ना 17:4 जो काम तू ने मुझे करने को दिया था, उसे पूरा कर के मैं ने पृथ्वी पर तेरी महिमा की है।

यूहन्ना 17:5 और अब, हे पिता, तू अपने साथ मेरी महिमा उस महिमा से कर जो जगत के होने से पहिले, मेरी तेरे साथ थी।

यूहन्ना 17:20 मैं केवल इन्हीं के लिये बिनती नहीं करता, परन्तु उन के लिये भी जो इन के वचन के द्वारा मुझ पर विश्वास करेंगे, कि वे सब एक हों।

यूहन्ना 17:21 जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूं, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिये कि जगत प्रतीति करे, कि तू ही ने मुझे भेजा।

यूहन्ना 17:22 और वह महिमा जो तू ने मुझे दी, मैं ने उन्हें दी है कि वे वैसे ही एक हों जैसे की हम एक हैं।

यूहन्ना 17:23 मैं उन में और तू मुझ में कि वे सिद्ध हो कर एक हो जाएं, और जगत जाने कि तू ही ने मुझे भेजा, और जैसा तू ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही उन से प्रेम रखा।

यूहन्ना 17:24 हे पिता, मैं चाहता हूं कि जिन्हें तू ने मुझे दिया है, जहां मैं हूं, वहां वे भी मेरे साथ हों कि वे मेरी उस महिमा को देखें जो तू ने मुझे दी है, क्योंकि तू ने जगत की उत्पत्ति से पहिले मुझ से प्रेम रखा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • उत्पत्ति 16-17
  • मत्ती 5:27-48