हम अपने भविष्य को लेकर परमेश्वर की इच्छा के बारे अकसर उत्सुक्त रहते हैं, कभी कभी चिंतित भी हो जाते हैं, विशेषकर तब जब हम कठिनाईयों में होते हैं। हम सोचने लगते हैं कि अब यहां मेरा क्या होगा? क्या मुझे यहीं रुके रहना चाहिए या फिर परमेश्वर मुझे कहीं और जाने के लिए कह रहा है? सही मार्गदर्शन जानने का एक ही निश्चित तरीका है, वह कीजिए जो परमेश्वर आज और अभी आप से करने के लिए कह रहा है। परमेश्वर द्वारा आपको आज और अभी के लिए दी गई जिम्मेदारी को भली-भाँति निभाएं और परमेश्वर आपको अगले कदम के बारे में भी बता देगा।
जो आप जानते हैं उसे मानने के द्वारा आप अगला कदम उठाने के लिए भी सामर्थ पाएंगे; अगला, और फिर उससे अगला कदम क्या होना है, यह भी एक एक कदम करके आपको बता दिया जाएगा; परमेश्वर के साथ चलने की यही विधि है।
लेकिन यदि आप कहें, "मान लीजिए कि मैंने एक कदम तो उठा लिया, फिर मैं कैसे जानूँ कि आगे उसका परिणाम क्या होगा?" यह चिन्ता करना परमेश्वर का काम है; मेरा और आपका काम है अभी और आज को निभाना तथा भविष्य की चिन्ता परमेश्वर पर छोड़ देना। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने कहा कि हमारे गति परमेश्वर की ओर से दृढ़ करी जाती है (भजन 37:23); आज ही के लिए दिए गए निर्देश हमारे लिए काफी हैं; कल के लिए निर्देश आज पाने से कोई लाभ नहीं होगा। जॉर्ज मैकडॉनल्ड ने कहा, "हम परमेश्वर की निर्देश पुस्तिका के अगले दिन के पन्ने को समझ ही नहीं पाते; हमें तो बस आज का पन्ना ही दिखाई देता है। जब तक हम आज के पन्ने के निर्देशों का पालन ना कर लें, उन्हें भली-भाँति सीख ना लें, हम पन्ना पलट भी नहीं सकते।"
प्रभु यीशु ने हमें कल की चिंता कल ही पर छोड़ देने को कहा है (मत्ती 6:34)। अगर हम अपने आप को परमेश्वर की इच्छा के साथ जोड़ते हैं, और उसके द्वारा प्रतिदिन के लिए मिलने वाले निर्देशों, शिक्षाओं तथा चेतावनियों का पालन करते हैं, विश्वास के साथ उसकी आज्ञाकारिता में चलते हैं, तो हम पाएंगे कि परमेश्वर दिन प्रति दिन को भली-भाँति संपन्न करने में हमारा मार्गदर्शक बना रहेगा, और भविष्य के लिए हमारी चिंता का निवारण स्वतः ही हो जाएगा। - डेविड रोपर
धन्य है वह व्यक्ति जो परमेश्वर की गति खोजता है और स्वयं भी उसी दिशा में चलता है।
इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है। - मत्ती 6:33-34
बाइबल पाठ: भजन 37:23-40
Psalms 37:23 मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;
Psalms 37:24 चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।
Psalms 37:25 मैं लड़कपन से ले कर बुढ़ापे तक देखता आया हूं; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े मांगते देखा है।
Psalms 37:26 वह तो दिन भर अनुग्रह कर कर के ऋण देता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है।
Psalms 37:27 बुराई को छोड़ भलाई कर; और तू सर्वदा बना रहेगा।
Psalms 37:28 क्योंकि यहोवा न्याय से प्रीति रखता; और अपने भक्तों को न तजेगा। उनकी तो रक्षा सदा होती है, परन्तु दुष्टों का वंश काट डाला जाएगा।
Psalms 37:29 धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।
Psalms 37:30 धर्मी अपने मुंह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है।
Psalms 37:31 उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते।
Psalms 37:32 दुष्ट धर्मी की ताक में रहता है। और उसके मार डालने का यत्न करता है।
Psalms 37:33 यहोवा उसको उसके हाथ में न छोड़ेगा, और जब उसका विचार किया जाए तब वह उसे दोषी न ठहराएगा।
Psalms 37:34 यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएंगे, तब तू देखेगा।
Psalms 37:35 मैं ने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोई हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है।
Psalms 37:36 परन्तु जब कोई उधर से गया तो देखा कि वह वहां है ही नहीं; और मैं ने भी उसे ढूंढ़ा, परन्तु कहीं न पाया।
Psalms 37:37 खरे मनुष्य पर दृष्टि कर और धर्मी को देख, क्योंकि मेल से रहने वाले पुरूष का अन्तफल अच्छा है।
Psalms 37:38 परन्तु अपराधी एक साथ सत्यानाश किए जाएंगे; दुष्टों का अन्तफल सर्वनाश है।
Psalms 37:39 धर्मियों की मुक्ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है।
Psalms 37:40 और यहोवा उनकी सहायता कर के उन को बचाता है; वह उन को दुष्टों से छुड़ाकर उनका उद्धार करता है, इसलिये कि उन्होंने उस में अपनी शरण ली है।
एक साल में बाइबल:
- नीतिवचन 25-26
- 2 कुरिन्थियों 9