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मंगलवार, 23 मार्च 2021

भरोसा

 

          नवम्बर 2016 में एक बहुत ही कम दिखाई देने वाली अद्भुत खगोलीय घटना हुई – चन्द्रमा अधिक बड़ा और तेज़ चमकता हुआ दिखाई दिया। पृथ्वी के चारों और घूमने की अपनी परिधि में चाँद साठ वर्षों में पहली बार पृथ्वी के निकट से होकर निकला, और इसलिए सामान्य से अधिक बड़ा तथा अधिक चमकीला दिखाई दिया। परन्तु मेरे लिए तो उस दिन आकाश अंधियारा ही रहा – मेरे रहने के स्थान के ऊपर घने बादल छाए हुए थे, इसलिए मैं तो केवल भरोसा ही कर सकी कि चाँद वैसा ही दिख रहा होगा जैसा अन्य स्थानों से मेरे मित्रों ने उसकी फोटो लेकर मुझे भेजी थीं।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने अपने मसीही विश्वास के जीवन में अनेकों कठिनाइयों और परेशानियों का सामना किया था; किन्तु उसका दृष्टिकोण यही थी कि जो अभी अदृश्य है, वह चिरस्थाई है, अनन्तकाल तक बना रहेगा। उसने कोरिन्थ के मसीही विश्वासियों को लिखा, क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है” (2 कुरिन्थियों 4:17)। इस प्रकार से वह अपनी दृष्टि “देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं” पर लगाए रख सका क्योंकि जो अनदेखा है, वह अनन्त और चिरस्थाई भी है (पद 18)। पौलुस की लालसा थी कि कोरिन्थ के उन मसीही विश्वासियों का, और हमारा मसीही विश्वास भी, और अधिक बढ़े तथा उन्नति कर सके। और चाहे हमें अपने मसीही विश्वास के लिए दुःख भी उठाने पड़ें, फिर भी हम उस के समान परमेश्वर में भरोसा बनाए रखें। हम आज चाहे परमेश्वर को अपनी शारीरिक आँखों से देख नहीं पा रहे हैं, परन्तु हमारा भरोसा है कि वह हमें दिन-प्रति-दिन और नया एवं बेहतर करता जा रहा है (पद 16)।

          उस दिन जब उस चाँद को देखने की लालसा से मैं बादलों की ओर देख रही थी, यह जानते हुए कि चाहे मुझे वह अद्भुत चाँद दिखा नहीं रहा है किन्तु वह विद्यमान है, तब मुझे यह भी ध्यान आया कि इसी प्रकार से परमेश्वर चाहे दिखाई न दे, किन्तु हमारे साथ विद्यमान है। और मेरी आशा है कि अगली बार जब मैं यह सोचने के प्रलोभन में पड़ूँ कि परमेश्वर मुझसे कहीं दूर और मेरी परिस्थिति से अनभिज्ञ है, तब मैं अपना ध्यान अदृश्य पर लगाऊँ और उसकी मेरे साथ उपस्थिति पर भरोसा बनाए रखूँ। - एमी बाउचर पाई

 

चाहे हम परमेश्वर की उपस्थिति अनुभव करें या न करें, वहाँ सदा अपने बच्चों के साथ बना रहता है।


तुम्हारा स्वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:13-18

2 कुरिन्थियों 4:13 और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय में लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं।

2 कुरिन्थियों 4:14 क्योंकि हम जानते हैं, जिसने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने सामने उपस्थित करेगा।

2 कुरिन्थियों 4:15 क्योंकि सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक हो कर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।

2 कुरिन्थियों 4:16 इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है।

2 कुरिन्थियों 4:17 क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।

2 कुरिन्थियों 4:18 और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहोशू 10-12
  • लूका 1:39-56