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शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

संतान


          एक चर्च सभा के दौरान, जिस में मैं अपने माता-पिता के साथ सम्मिलित हुई थी, सामान्य परंपरा के अनुसार, हम प्रभु की प्रार्थना को दोहराते हुए एक दूसरे के हाथ पकड़े हुए खड़े थे। मेरा एक हाथ मेरी माँ ने थामा हुआ था, और दूसरा मेरे पिता ने, और मेरे मन विचार आया कि कुछ भी हो जाए, मैं सदा ही उनकी पुत्री, उनकी संतान बनी रहूँगी। चाहे अब मैं अपने अधेड़ आयु काल में ही क्यों न पहुँच गई हूँ, लेकिन मुझे सदा ही ‘लियो और फिलीस की बेटी कहा जा सकता है। साथ ही यह बात भी ध्यान में आई कि उसी प्रकार से मैं  सदा ही परमेश्वर की संतान भी रहूँगी।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस चाहता था कि रोम के चर्च के लोग इस बात को समझें कि मसीही विश्वास में आ जाने के द्वारा अब उनकी पहचान परमेश्वर के परिवार में गोद ले लिए गए सदस्यों की है (रोमियों 8:15)। क्योंकि उन्होंने आत्मा के द्वारा नया जन्म प्राप्त कर लिया था (पद 14), इसलिए अब उन्हें व्यर्थ बातों के दासत्व में बने रहने की कोई आवश्यकता नहीं थी। वरन, परमेश्वर के पवित्र आत्मा के वरदानों के द्वारा, वे अब “वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं” (पद 17)।

          जो प्रभु यीशु मसीह के पीछे चलने लगते हैं, उनके लिए यह तथ्य उनके जीवन में क्या परिवर्तन लाता है? सीधी सी बात है, सब कुछ बदल जाता है; वे एक नई सृष्टि हो जाते हैं! परमेश्वर की संतान होने की हमारी पहचान अब हमारे जीवन का आधार हो जाती है और हमें संसार तथा अपने आप को देखने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, इस बात का एहसास रखना कि हम परमेश्वर के परिवार के सदस्य हैं, हमें उसका अनुसरण करते समय, अपने आराम की स्थिति से बाहर निकलकर उसके लिए कार्य करने का साहस और सामर्थ्य प्रदान करता है। फिर हमें अन्य मनुष्यों की स्वीकृति और प्रशंसा के खोजी होने से भी मुक्ति मिल जाती है।

          आज क्यों न गंभीरता से इस बात पर मनन करें कि परमेश्वर की संतान होने का क्या अर्थ है? – एमी बाउचर पाई

 

जो परमेश्वर का अनुसरण करते हैं, वे ही परमेश्वर की संतान हैं।


सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17

बाइबल पाठ: रोमियों 8:9-17

रोमियों 8:9 परन्तु जब कि परमेश्वर का आत्मा तुम में बसता है, तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्तु आत्मिक दशा में हो। यदि किसी में मसीह का आत्मा नहीं तो वह उसका जन नहीं।

रोमियों 8:10 और यदि मसीह तुम में है, तो देह पाप के कारण मरी हुई है; परन्तु आत्मा धर्म के कारण जीवित है।

रोमियों 8:11 और यदि उसी का आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया तुम में बसा हुआ है; तो जिसने मसीह को मरे हुओं में से जिलाया, वह तुम्हारी मरनहार देहों को भी अपने आत्मा के द्वारा जो तुम में बसा हुआ है जिलाएगा।

रोमियों 8:12 सो हे भाइयों, हम शरीर के कर्जदार नहीं, ताकि शरीर के अनुसार दिन काटें।

रोमियों 8:13 क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रियाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे।

रोमियों 8:14 इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं।

रोमियों 8:15 क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारते हैं।

रोमियों 8:16 आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं।

रोमियों 8:17 और यदि सन्तान हैं, तो वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं।

 

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 4-6
  • मत्ती 14:22-36