ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 1 मार्च 2018

ज्योति



   एक दिन मुझे ट्यूलिप फूलों का एक गुलदस्ता भेंट में दिया गया। मैंने घर लाकर उन्हें एक फूलदान में सजाया और रसोई की मेज़ के मध्य में रख दिया। अगले दिन मैंने देखा के उन फूलों का रुख उससे भिन्न था जैसा मैंने रखा था; अपनी अपनी डंडियों पर बजाए सीधे ऊपर की ओर होने के, अब वे निकट की एक खिड़की से आने वाले सूर्य के प्रकाश की ओर झुके हुए थे।

   एक रीति से हम सभी उन फूलों के समान बने हुए हैं – परमेश्वर के प्रेम की ज्योति की ओर मुड़ने के लिए। परमेश्वर के वचन, बाइबल, में प्रेरित पतरस लिखता है कि परमेश्वर ने हमें अन्धकार से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है (1 पतरस 2:9)। प्रभु परमेश्वर को जानने से पहले हम पाप और मृत्यु के अन्धकार में जीवन व्यतीत कर रहे थे, और इसके कारण परमेश्वर से पृथक थे (इफिसियों 2:1-7)। परन्तु अपनी करुणा और प्रेम के कारण, परमेश्वर ने प्रभु यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा हमारे लिए मार्ग बना कर दिया कि हम उस आत्मिक अन्धकार से बच कर निकल सकें (कुलुस्सियों 1:13-14)।

   प्रभु यीशु मसीह ही सँसार की ज्योति हैं, और वह प्रत्येक जन जो पापों की क्षमा के लिए उनपर विश्वास करता है, उनके अनुग्रह से उनसे अनन्त जीवन का दान प्राप्त करता है। हम जितना अधिक प्रभु की ओर झुकते हैं, हम उसकी भलाई और सत्य को उतना अधिक सँसार के सामने प्रतिबिंबित करते हैं (इफिसियों 5:8-9)।

   हम सदा प्रभु के प्रेम और क्षमा की ज्योति की ओर झुकते रहें, लोगों को उसकी ओर संकेत करते रहें। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


पाप से उद्धार पाने का अर्थ है आत्मिक अन्धकार से परमेश्वर की ज्योति में आ जाना।

उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है। - कुलुस्सियों 1:13-14

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2: 1-10
1 Peter 2:1 इसलिये सब प्रकार का बैर भाव और छल और कपट और डाह और बदनामी को दूर करके।
1 Peter 2:2 नये जन्मे हुए बच्‍चों के समान निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ।
1 Peter 2:3 यदि तुम ने प्रभु की कृपा का स्‍वाद चख लिया है।
1 Peter 2:4 उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीवता पत्थर है।
1 Peter 2:5 तुम भी आप जीवते पत्थरों के समान आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।
1 Peter 2:6 इस कारण पवित्र शास्त्र में भी आया है, कि देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूं: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्ज़ित नहीं होगा।
1 Peter 2:7 सो तुम्हारे लिये जो विश्वास करते हो, वह तो बहुमूल्य है, पर जो विश्वास नहीं करते उन के लिये जिस पत्थर को राजमिस्त्रीयों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया।
1 Peter 2:8 और ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है: क्योंकि वे तो वचन को न मान कर ठोकर खाते हैं और इसी के लिये वे ठहराए भी गए थे।
1 Peter 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
1 Peter 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।


एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 23-25
  • मरकुस 7:14-37