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बुधवार, 18 मार्च 2020

वचन



      द्वितीय विश्व-युद्ध के समय, घर से दूर, अमेरिकी सेना में प्रशिक्षण के लिए भरती हुए कुछ रंगरूटों ने अपनी चुनौतियों का सामना करने के लिए मज़ाक और पत्राचार का सहारा लिया। एक नौजवान ने, अपने एक पत्र में, उन्हें बिमारियों से बचने के टीके लगाए जाने की प्रक्रिया को हास्यास्पद रीति से बढ़ा-चढ़ा कर बताया, उसने लिखा, “दो चिकित्सा अधिकारी हमारे पीछे भाले लेकर भागे। उन्होंने हमें पकड़ कर जबरन ज़मीन पर लेटा दिया, और हमारी दोनों बाहों में एक-एक भाला चुभो दिया।”

      परन्तु एक रंगरूट को समझ में आने लगा कि मज़ाक करने के द्वारा वे कुछ सीमा तक ही शान्ति पा सकेंगे। फिर किसी ने उसे परमेश्वर के वचन बाइबल की एक प्रति पढ़ने के लिए दी। कुछ समय बाद उसने पत्र में लिखा, “मैं उसे प्रतिदिन पढ़ता हूँ और मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि बाइबल से इतना कुछ सीखा जा सकता है।”

      कई सदियों पहले जब दास बनाकर बेबीलोन को निर्वासित किए गए यहूदी दासत्व से छूट कर लौट कर अपने देश में आए, तो उन्होंने पाया कि उनकी समस्याएँ भी उन के साथ ही आईं हैं। जब वे यरूशलेम की शहरपनाह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे तो उन्हें शत्रुओं, भुखमरी, और स्वयं के पापों का सामना करना पड़ा। अपनी इन कठिनाइयों और समस्याओं के मध्य, वे परमेश्वर के वचन की ओर मुड़े। जब याजकों ने उन्हें परमेश्वर की व्यवस्था से पढ़कर सुनाना आरंभ किया, तो उसे सुन कर जो उन्होंने सीखा, उस वचन ने उनके मन और जीवन में जो कार्य किया, उस से वे चकित हो गए; परमेश्वर के वचन की बातों के प्रभाव से वे रोने लगे (नहेम्याह 8:9)। साथ ही, वचन के द्वारा उन्हें शान्ति भी मिली, और उनके अधिपति नहेम्याह ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा, “...उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है” (पद 10)।

      हमें परमेश्वर के वचन को सुनने के लिए किसी समस्या या विकट परिस्थितियों में पड़ने की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। बाइबल में होकर हम परमेश्वर के चरित्र, उसकी क्षमा, और उसकी शान्ति के बारे में जान सकते हैं। जब हम उसके वचन के साथ समय बिताना आरंभ करेंगे, तो परमेश्वर का पवित्र आत्मा जो हमें वचन में से सिखाएगा, वह हमें दंग कर देगा। - टिम गुस्ताफसन

बाइबल हमें दिखाती है कि हम वास्तविकता में क्या हैं; 
और यह भी दिखाती है कि परमेश्वर हम से कितना प्रेम करता है।

परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:26-27

बाइबल पाठ: नहेम्याह 8: 5-12
नहेम्याह 8:5 तब एज्रा ने जो सब लोगों से ऊंचे पर था, सभों के देखते उस पुस्तक को खोल दिया; और जब उसने उसको खोला, तब सब लोग उठ खड़े हुए।
नहेम्याह 8:6 तब एज्रा ने महान परमेश्वर यहोवा को धन्य कहा; और सब लोगों ने अपने अपने हाथ उठा कर आमेन, आमेन, कहा; और सिर झुका कर अपना अपना माथा भूमि पर टेक कर यहोवा को दण्डवत किया।
नहेम्याह 8:7 और येशू, बानी, शेरेब्याह, यामीन, अक्कूब, शब्बतै, होदिय्याह, मासेयाह, कलीता, अजर्याह, योजाबाद, हानान और पलायाह नाम लेवीय, लोगों को व्यवस्था समझाते गए, और लोग अपने अपने स्थान पर खड़े रहे।
नहेम्याह 8:8 और उन्होंने परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक से पढ़कर अर्थ समझा दिया; और लोगों ने पाठ को समझ लिया।
नहेम्याह 8:9 तब नहेम्याह जो अधिपति था, और एज्रा जो याजक और शास्त्री था, और जो लेवीय लोगों को समझा रहे थे, उन्होंने सब लोगों से कहा, आज का दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्र है; इसलिये विलाप न करो और न रोओ। क्योंकि सब लोग व्यवस्था के वचन सुनकर रोते रहे।
नहेम्याह 8:10 फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है।
नहेम्याह 8:11 यों लेवियों ने सब लोगों को यह कहकर चुप करा दिया, कि चुप रहो क्योंकि आज का दिन पवित्र है; और उदास मत रहो।
नहेम्याह 8:12 तब सब लोग खाने, पीने, बैना भेजने और बड़ा आनन्द मनाने को चले गए, क्योंकि जो वचन उन को समझाए गए थे, उन्हें वे समझ गए थे।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 32-34
  • मरकुस 15:26-47