ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 24 जुलाई 2016

आशा


   दक्षिणी अमेरिका के चिली देश के एटाकामा रेगिस्तान में एक ऊँचे पठार पर संसार के सबसे विशाल रेडियो टेलिस्कोपों में से एक स्थित है। इस रेडियो टेलिस्कोप के द्वारा खगोलशास्त्री सृष्टि के ऐसे दश्य देखने पाते हैं जो अन्य किसी दूरबीन द्वारा पहले कभी नहीं देखे गए। एक समाचार संवाददाता, लुइस अन्द्रेस हेनाओ ने इस रेडियो टेलिस्कोप से हो रहे कार्य पर अपने एक लेख में लिखा, अनेकों देशों से आने वाले वैज्ञानिक इसके द्वारा सृष्टि के आरंभ समय को बताने वाले संकेत ढूँढ़ रहे हैं, सबसे ठंडे और दूरस्त गैस तथा धूल पिंडों से लेकर, जहाँ नक्षत्र समूहों तथा सितारों का जन्म होता है, बिग बैंग के समय उत्पन्न ऊर्जा के विशलेषण तक।

   परमेश्वर का वचन बाइबल इस समस्त सृष्टि के रचियता परमेश्वर की महान सामर्थ और समझ-बूझ के बारे में बताती है; बाइबल का भजन 147 इसी विषय पर लिखा गया है। इस भजन में हम देखते हैं कि परमेश्वर उन सितारों को भी जो हमें अनगिनित लगते हैं, गिनकर रखता है, उन्हें नाम लेकर बुलाता है (पद 4)। लेकिन परमेश्वर कहीं दूर रहने वाला बेपरवाह बल नहीं है, वह प्रेमी पिता है जो "खेदित मन वालों को चंगा करता है, और उनके शोक पर मरहम- पट्टी बान्धता है" (पद 3) तथा "नम्र लोगों को सम्भलता है" (पद 6)। वह तो "अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात उन से जो उसकी करूणा की आशा लगाए रहते हैं" (पद 11)।

   परमेश्वर ने तो "...जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। ब्रिटिश लेखक जे. बी. फिलिप्स ने पृथ्वी को ऐसा ग्रह बताया है जहाँ महिमा का राजकुमार अर्थात प्रभु यीशु आया है और अपनी योजनाएं पूरी कर रहा है।

   हमारी आज तथा अनन्तकाल की आशा उसी महान, प्रेमी, अनुग्रहकारी प्रभु परमेश्वर से है जो सृष्टिकर्ता तथा हमारा सृजनहार है, जो सितारों को भी नाम से बुलाता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


वह प्रभु परमेश्वर जो सृष्टि के सभी सितारों के नाम जानता है, वह हमारे नाम भी जानता है।

क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा से प्रसन्न रहता है; वह नम्र लोगों का उद्धार कर के उन्हें शोभायमान करेगा। - भजन 149:4

बाइबल पाठ: भजन 147:1-11
Psalms 147:1 याह की स्तुति करो! क्योंकि अपने परमेश्वर का भजन गाना अच्छा है; क्योंकि वह मन भावना है, उसकी स्तुति करनी मन भावनी है। 
Psalms 147:2 यहोवा यरूशलेम को बसा रहा है; वह निकाले हुए इस्राएलियों को इकट्ठा कर रहा है। 
Psalms 147:3 वह खेदित मन वालों को चंगा करता है, और उनके शोक पर मरहम- पट्टी बान्धता है। 
Psalms 147:4 वह तारों को गिनता, और उन में से एक एक का नाम रखता है। 
Psalms 147:5 हमारा प्रभु महान और अति सामर्थी है; उसकी बुद्धि अपरम्पार है। 
Psalms 147:6 यहोवा नम्र लोगों को सम्भलता है, और दुष्टों को भूमि पर गिरा देता है।
Psalms 147:7 धन्यवाद करते हुए यहोवा का गीत गाओ; वीणा बजाते हुए हमारे परमेश्वर का भजन गाओ। 
Psalms 147:8 वह आकाश को मेघों से छा देता है, और पृथ्वी के लिये मेंह की तैयारी करता है, और पहाड़ों पर घास उगाता है। 
Psalms 147:9 वह पशुओं को और कौवे के बच्चों को जो पुकारते हैं, आहार देता है।
Psalms 147:10 न तो वह घोड़े के बल को चाहता है, और न पुरूष के पैरों से प्रसन्न होता है; 
Psalms 147:11 यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात उन से जो उसकी करूणा की आशा लगाए रहते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 35-36
  • प्रेरितों 25