हमारे विमान के शिकागो पहुँचने के पश्चात,
एक-दूसरे से विदा लेते समय, उस महिला में मुझ से कहा, “आज परमेश्वर ने आप को मेरे
पास भेजा है।” विमान में वह मेरे निकट की सीट पर बैठी थी, और वार्तालाप के दौरान
मैंने जाना कि वह दिन भर में कई उड़ानें पूरी कर के अब वापस लौट रही थी। मैंने
पूछा, “यदि आप बुरा न मानें तो क्या मुझे बता सकती हैं कि आपको दिन भर में एक के
बाद एक इतनी उड़ानें भरने की आवश्यकता क्यों पड़ी?” उसने नीचे देखते हुए कहा, “मैं
अपनी बेटी को नशे की आदत से छुड़ाने के लिए एक नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल करवा के
आ रही हूँ।”
इसके बाद के समय में, मैंने विनम्रता के साथ
उसे अपने बेटे की हिरोइन के नशे की लत से छुटकारे की कहानी सुनाई, और बताया की
कैसे प्रभु यीशु ने उसे इस लत से मुक्त किया था। मेरी बात सुनते हुए, उसके आँखों
में आए आँसुओं के साथ चेहरे पर एक मुस्कान भी आ गई। विमान के उतर जाने के बाद,
विदा होने से पहले, हमने साथ मिलकर प्रार्थना करी, और परमेश्वर से माँगा कि वह
उसकी बेटी को भी नशे के बन्धनों से मुक्त कर दे।
उस संध्या, मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में
प्रेरित पौलुस द्वारा लिखी बात को स्मरण कर रहा था, “हमारे प्रभु यीशु मसीह के
परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्ति का
परमेश्वर है। वह हमारे सब क्लेशों में शान्ति देता है; ताकि
हम उस शान्ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी
शान्ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्लेश में हों” (2 कुरिन्थियों 1:3-4)।
हमारे चारों और लोग हैं जिन्हें शान्ति की
आवश्यकता है, उस शान्ति की जो केवल प्रभु परमेश्वर ही प्रदान कर सकता है। परमेश्वर
चाहता है कि हम उन लोगों की ओर, विनम्रता के साथ, कृपा और करुणा के हाथ बढ़ाएं, और
उनके साथ उस प्रेम को बाँटें जो परमेश्वर ने हमारे साथ किया है। परमेश्वर से
प्रार्थना करें कि वह हमें उन के पास भेजे जिन्हें आज उसकी शान्ति और प्रेम की
आवश्यकता है। - जेम्स बैंक्स
परमेश्वर की
कृपा और करुणा हमारी गहनतम आवश्यकता की पूर्ति करती है।
मैं तुम्हें
शान्ति दिए जाता हूं, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूं;
जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता:
तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:27
बाइबल पाठ: 2
कुरिन्थियों 1:1-10
2 कुरिन्थियों
1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है, और भाई तीमुथियुस की ओर से परमेश्वर की उस कलीसिया के नाम जो कुरिन्थुस
में है; और सारे अखया के सब पवित्र लोगों के नाम।
2 कुरिन्थियों
1:2 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति
मिलती रहे।
2 कुरिन्थियों
1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद
हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की
शान्ति का परमेश्वर है।
2 कुरिन्थियों
1:4 वह हमारे सब क्लेशों में शान्ति देता है; ताकि हम उस
शान्ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्ति
दे सकें, जो किसी प्रकार के क्लेश में हों।
2 कुरिन्थियों
1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही
हमारी शान्ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है।
2 कुरिन्थियों
1:6 यदि हम क्लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्ति और
उद्धार के लिये है और यदि शान्ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी
शान्ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्लेशों
को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं।
2 कुरिन्थियों
1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम
जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्ति के भी
सहभागी हो।
2 कुरिन्थियों
1:8 हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से
अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि
ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ्य से बाहर था,
यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे।
2 कुरिन्थियों
1:9 वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की
आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का
जो मरे हुओं को जिलाता है।
2 कुरिन्थियों
1:10 उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा;
और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी
बचाता रहेगा।
एक साल में
बाइबल:
- 1 शमुएल 4-6
- लूका 9:1-17