ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

स्तुति

 

          मैं इस्राएल के ऐइन करेम में स्थित चर्च ‘ऑफ़ द विज़िटेशन’ के आँगन में बैठी थी, और वहाँ सड़सठ भाषाओं में सड़सठ मोज़ाएक (पच्चीकारी) पट्टियों पर प्रदर्शित की गई लूका 1:46-55 की सुन्दरता को देख कर अभिभूत हो गई थी। परमेश्वर के वचन बाइबल के इस खण्ड को पारंपरिक रूप में उसके लातीनी भाषा के नाम ‘मैग्निफिकेट’ अर्थात स्तुतिगान से जाना जाता है। ये पद मरियम का आनंदमय प्रत्युत्तर हैं, स्वर्गदूत द्वारा उसे बताए जाने पर कि परमेश्वर ने उसे चुना है कि वह जगत के उद्धारकर्ता मसीहा की माँ बनेगी।

          वहाँ लगी प्रत्येक मोज़ाएक (पच्चीकारी) पट्टियों पर मरियम के स्तुतिगान के शब्द लिखे हुए थे, जिनमें “मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है। और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर से आनन्दित हुई।...क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े बड़े काम किए हैं, और उसका नाम पवित्र है” (46-49) भी सम्मिलित हैं। उन टाइल्स में लिखे गए स्तुतिगान के वे शब्द मरियम द्वारा परमेश्वर की उसके प्रति तथा इस्राएल के प्रति विश्वासयोग्यता को स्मरण करते हैं और बयान करते हैं।

          मरियम परमेश्वर के अनुग्रह की कृतज्ञ पात्र थी, और अपने उद्धार में आनन्दित हुई (पद 47)। उसने बयान किया कि परमेश्वर का इस्राएल के प्रति अनुग्रह सदियों और पीढ़ियों से चलता चला आ रहा है (पद 50)। इस्राएलियों के प्रति परमेश्वर की देखभाल का ध्यान कर के मरियम परमेश्वर के द्वारा उनके लिए किए गए सामर्थी कार्यों के लिए उसकी स्तुति करती है (पद 51)। वह परमेश्वर का धन्यवाद और स्तुति उसकी दैनिक आवश्यकताओं के उपलब्ध करवाते रहने के लिए भी करती है (पद 53)।

          यहाँ से मरियम से हम सीखते हैं कि परमेश्वर द्वारा हमारे लिए किए गए महान कार्यों को स्मरण करने से हम आनन्दित होने और उसकी स्तुतिगान करने के लिए उभारे जा सकते हैं। इस क्रिसमस के समय में, इस वर्ष का  पुनःअवलोकन करते समय परमेश्वर की भलाइयों को स्मरण करें, और आप स्वतः ही अपने आप को परमेश्वर की स्तुति करते हुए पाएँगे। - लीसा सामरा

 

परमेश्वर की भलाइयों को स्मरण करें, उन्हें औरों को बताएँ, 

और उनके लिए उसकी स्तुति-आराधना करें।


और हन्ना ने प्रार्थना कर के कहा, “मेरा मन यहोवा के कारण मगन है; मेरा सींग यहोवा के कारण ऊंचा, हुआ है। मेरा मुंह मेरे शत्रुओं के विरुद्ध खुल गया, क्योंकि मैं तेरे किए हुए उद्धार से आनन्दित हूँ।” - 1 शमूएल 2:1

बाइबल पाठ: लूका 1:46-55

लूका 1:46 तब मरियम ने कहा, मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है।

लूका 1:47 और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर से आनन्दित हुई।

लूका 1:48 क्योंकि उसने अपनी दासी की दीनता पर दृष्टि की है, इसलिये देखो, अब से सब युग युग के लोग मुझे धन्य कहेंगे।

लूका 1:49 क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े बड़े काम किए हैं, और उसका नाम पवित्र है।

लूका 1:50 और उस की दया उन पर, जो उस से डरते हैं, पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।

लूका 1:51 उसने अपना भुजबल दिखाया, और जो अपने आप को बड़ा समझते थे, उन्हें तित्तर-बित्तर किया।

लूका 1:52 उसने बलवानों को सिंहासनों से गिरा दिया; और दीनों को ऊंचा किया।

लूका 1:53 उसने भूखों को अच्छी वस्तुओं से तृप्त किया, और धनवानों को छूछे हाथ निकाल दिया।

लूका 1:54 उसने अपने सेवक इस्राएल को सम्हाल लिया।

लूका 1:55 कि अपनी उस दया को स्मरण करे, जो इब्राहीम और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उसने हमारे बाप-दादों से कहा था।

 

एक साल में बाइबल: 

  • आमोस 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 6