स्पेन के बार्सिलोना शहर से दो घंटे उत्तर दिशा की यात्रा करके एक रेस्टोरां आता है, ’एल बुल्ल”। यह रेस्टोरां अपने ग्राहकों में इतना लोकप्रीय है कि लोगों को यहाँ भोजन करने के लिए 6 महीने पूर्व अपने लिए एक मेज़ आरक्षित करवानी पड़ती है। अपनी उत्कृष्ट सेवा के लिए यह रेस्टोरां कई पुरुस्कार और सम्मान भी जीत चुका है। लेकिन सुप्रसिद्ध स्पैनिश शेफ फेरान एद्रिया ने इस रेस्तोरां को दो वर्ष तक बन्द कर देने का निर्णय लिया जिससे उसे और उसके सहकार्यकर्ताओं को सोचने तथा कुछ नया कर पाने की योजना बनाने का समय मिल सके। एक साक्षात्कार में एद्रिया ने Hemispheres Magazine नामक पत्रिका से कहा, "जब आप सभी पुरुस्कार जीत रहे हों, तो बदलें क्यों? प्रतिदिन 15 घंटे कार्य कर के हमारे पास कुछ भी नया करने के बारे में सोच पाने के लिए समय नहीं रह पाता।" इसलिए उन्होंने अपनी बड़ी सफलता के मध्य समय निकाला जिससे वे वह कर सकें जो उन के लिए सबसे अधिक आवश्यक है।
पहली शताबदी में अंताकिया की मसीही मण्डली ने भी अच्छी उन्नति देखी क्योंकि "प्रभु का हाथ उन पर था, और बहुत लोग विश्वास कर के प्रभु की ओर फिरे" (प्रेरितों 11:21)। परिणामस्वरूप, बरनाबास और शाऊल उन नए मसीही विश्वासियों को सिखाने के लिए वहाँ गए (पद 25-26)। लेकिन उन नए विश्वासियों को सिखाने की कड़ी मेहनत के समय में उन्होंने प्रार्थना और उपवास द्वारा प्रभु की इच्छा जानने के लिए भी समय निकाला (प्रेरितों 13:2-3), जिसके फलस्वरूप प्रभु ने उन्हें सुसमाचार को एशिया में पहुँचाने की योजना बताई।
विचार करने और योजना बना सकने के लिए दो वर्ष का समय निकाल पाना बहुत ही कम लोग कर पाते हैं, लेकिन हम सभी अपनी दिनचर्या में प्रभु के पास सच्चे मन से प्रार्थना में आ सकने के लिए कुछ समय अवश्य निर्धारित कर सकते हैं। जब हम परमेश्वर के सम्मुख अपने मन और मस्तिष्क खोल देते हैं, उसके लिए अपने आप को उपलब्ध करवा देते हैं तो वह हमारे जीवन और सेवकाई द्वारा उसे महिमा दे पाने के तरीके हम पर प्रगट कर देने में विश्वासयोगय है। - डेविड मैक्कैसलैंड
प्रार्थना करना श्वास लेने के समान ही महत्वपूर्ण है।
और वहां से जहाज से अन्ताकिया में आए, जहां से वे उस काम के लिये जो उन्होंने पूरा किया था परमेश्वर के अनुग्रह पर सौंपे गए थे। वहां पहुंचकर, उन्होंने कलीसिया इकट्ठी की और बताया, कि परमेश्वर ने हमारे साथ हो कर कैसे बड़े बड़े काम किए! और अन्यजातियों के लिये विश्वास का द्वार खोल दिया। - प्रेरितों 14:26-27
बाइबल पाठ: प्रेरितों 11:19-26; 13:1-3
Acts 11:19 सो जो लोग उस क्लेश के मारे जो स्तिफनुस के कारण पड़ा था, तित्तर बित्तर हो गए थे, वे फिरते फिरते फीनीके और कुप्रुस और अन्ताकिया में पहुंचे; परन्तु यहूदियों को छोड़ किसी और को वचन न सुनाते थे।
Acts 11:20 परन्तु उन में से कितने कुप्रुसी और कुरेनी थे, जो अन्ताकिया में आकर युनानियों को भी प्रभु यीशु का सुसमचार की बातें सुनाने लगे।
Acts 11:21 और प्रभु का हाथ उन पर था, और बहुत लोग विश्वास कर के प्रभु की ओर फिरे।
Acts 11:22 तब उन की चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, और उन्होंने बरनबास को अन्ताकिया भेजा।
Acts 11:23 वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो।
Acts 11:24 क्योंकि वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था: और और बहुत से लोग प्रभु में आ मिले।
Acts 11:25 तब वह शाऊल को ढूंढने के लिये तरसुस को चला गया।
Acts 11:26 और जब उन से मिला तो उसे अन्ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्ताकिया ही में मसीही कहलाए।
Acts 13:1 अन्ताकिया की कलीसिया में कितने भविष्यद्वक्ता और उपदेशक थे; अर्थात बरनबास और शमौन जो नीगर कहलाता है; और लूकियुस कुरेनी, और देश की चौथाई के राजा हेरोदेस का दूध-भाई मनाहेम और शाऊल।
Acts 13:2 जब वे उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे था, तो पवित्र आत्मा ने कहा; मेरे निमित्त बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिस के लिये मैं ने उन्हें बुलाया है।
Acts 13:3 तब उन्होंने उपवास और प्रार्थना कर के और उन पर हाथ रखकर उन्हें विदा किया।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 13-15
- मत्ती 5:1-26