मैं जिन डॉक्टरों को जानती हूँ वे चतुर, परिश्रमी और अनुकंपा रखने वाले हैं। उन्होंने अनेकों अवसरों पर मेरी तकलीफ में मुझे आराम दिलाया है; मैं धन्यवादी हूँ उनके रोगों का निदान करने, उचित दवाएं लिखने, टूटी हड्डियों को बैठाने और घावों को भरने के कौशल के लिए। परन्तु इसका यह अर्थ नहीं है कि मैं परमेश्वर के स्थान पर अपना विश्वास डॉक्टरों पर ही रखती हूँ।
यह तो परमेश्वर ही जानता है कि अपनी सृष्टि की देख-भाल और रख-रखाव के लिए उसने हम मनुष्यों को अपने सहयोगी क्यों बनाया है (उत्पत्ति 2:15), और उन सहयोगियों में डॉक्टर भी हैं। डॉक्टर चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन करते हैं और परमेश्वर द्वारा की गई शरीर की रचना के संबंध में सीखते हैं। अपने इस ज्ञान के सहारे वे हमें पुनः स्वस्थ करने के तरीके बनाते हैं। परन्तु वह एकमात्र कारण जिसके कारण डॉक्टर ऐसा कर पाते हैं, परमेश्वर द्वारा हमारे शरीरों में रची गई चंगा होने की क्षमता है। यदि यह क्षमता नहीं होती किसी ऑपरेशन का कोई घाव नहीं भरता, कोई दवा कुछ भी नहीं कर पाती और डॉक्टरों का सारा ज्ञान धरा का धरा रह जाता।
वैज्ञानिक यह सीख सकते हैं कि हमारे शरीरों की रचना कैसी है और इस ज्ञान के आधार पर हमें स्वस्थ करने में सहायक होने की विधियाँ बना सकते हैं; परन्तु अन्ततः चँगाई देने वाले वे नहीं, वरन परमेश्वर है (निर्गमन 15:26)। चिकित्सक तो परमेश्वर की रचना और कारीगिरी के साथ सहयोग करते हैं।
इसलिए मैं विज्ञान और डॉक्टरों की कृतज्ञ हूँ, परन्तु मेरी प्रशंसा और स्तुति परमेश्वर के लिए है, जिसने इस सृष्टि की अद्भुत अभिकल्पना तथा रचना की और हम मनुष्यों को ऐसी बुध्दि दी जिससे वे उसकी इस रचना की जानकारी ले सकें, उसकी कार्यविधि को समझ सकें। इसलिए मेरा मानना है कि सारी चँगाई परमेश्वर की ओर से है, क्योंकि उसके बगैर कोई चँगाई सम्भव नहीं है। - जूली ऐकैरमैन लिंक
जब आप सृष्टि की अद्भुत बातें देखें, तो उसके रचियता परमेश्वर का धन्यवाद करें।
कि यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी दृष्टि में ठीक है वही करे, और उसकी आज्ञाओं पर कान लगाए, और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैं ने मिस्रियों पर भेजा है उन में से एक भी तुझ पर न भेजूंगा; क्योंकि मैं तुम्हारा चँगा करने वाला यहोवा हूं। - निर्गमन 15:26
बाइबल पाठ: उत्पत्ति 2:7-15
Genesis 2:7 और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।
Genesis 2:8 और यहोवा परमेश्वर ने पूर्व की ओर अदन देश में एक वाटिका लगाई; और वहां आदम को जिसे उसने रचा था, रख दिया।
Genesis 2:9 और यहोवा परमेश्वर ने भूमि से सब भांति के वृक्ष, जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं उगाए, और वाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया।
Genesis 2:10 और उस वाटिका को सींचने के लिये एक महानदी अदन से निकली और वहां से आगे बहकर चार धारा में हो गई।
Genesis 2:11 पहिली धारा का नाम पीशोन है, यह वही है जो हवीला नाम के सारे देश को जहां सोना मिलता है घेरे हुए है।
Genesis 2:12 उस देश का सोना चोखा होता है, वहां मोती और सुलैमानी पत्थर भी मिलते हैं।
Genesis 2:13 और दूसरी नदी का नाम गीहोन है, यह वही है जो कूश के सारे देश को घेरे हुए है।
Genesis 2:14 और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है, यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है।
Genesis 2:15 तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को ले कर अदन की वाटिका में रख दिया, कि वह उस में काम करे और उसकी रक्षा करे,
एक साल में बाइबल:
- 1 इतिहास 7-9
- यूहन्ना 6:22-44