प्रत्येक वर्ष स्कूलों एवं कॉलेजों में दीक्षान्त समारोह आयोजित होते हैं, उन छात्रों के उपलक्ष में जिन्होंने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर के उससे संबंधित उपाधियों को प्राप्त करने की योग्यता प्राप्त की है। उस दीक्षान्त समारोह के उपरान्त वे छात्र संसार में जाकर चुनौतियों का सामना करते हैं। संसार में चुनौतियों का सामना करने के लिए केवल शैक्षिक ज्ञान होना ही काफी नहीं होता है। सफलता की कुंजी है, जो उन्होंने सीखा है उसे बुध्दिमानी के साथ व्यावाहरिक जीवन में लागू करना।
परमेश्वर के वचन बाइबल में बुध्दि को एक ऐसे खज़ाने के समान दर्शाया गया है जो खोजे जाने के सर्वथा योग्य है। वह धन-संपत्ति से बढ़कर है (नीतिवचन 3:13-18); उसका स्त्रोत एकमात्र सिध्द तथा बुध्दिमान परमेश्वर है (रोमियों 16:27); और यह प्रभु यीशु के कार्यों तथा व्यवहार में, जिसमें "बुध्दि और ज्ञान के सारे भण्डार छिपे हुए हैं" (कुलुस्सियों 2:3) मिलती है। बुध्दि परमेश्वर के वचन के अध्ययन और उसे व्यवहार में लाने से आती है। इसका एक उदाहरण है प्रभु यीशु का पवित्र-शास्त्र के अपने ज्ञान द्वारा शैतान द्वारा लाई गई परीक्षाओं पर जयवन्त होना (लूका 4:1-13)। कहने का तात्पर्य है कि वास्तव में बुध्दिमान व्यक्ति जीवन को परमेश्वर के दृष्टिकोण से देखने का प्रयास करता है और परमेश्वर की बुध्दि के अनुसार जीवन जीने का प्रयास करता है।
इस प्रकार जीवन जीने का प्रतिफल क्या है? बाइबल में नीतिवचन हमें बताते हैं कि बुध्दि मधु के समान के मीठी (नीतिवचन 24:13-14) है, और धन्य हैं वे जो इसे पाते हैं (नीतिवचन 3:13)। इसलिए, परमेश्वर की सम्मति के अनुसार बुध्दि की खोज में रहिए, क्योंकि इसका मोल सोने और चान्दी से भी कहीं अधिक बढ़कर है। - जो स्टोवैल
बुध्दि को खोजने और उसके अनुसार जीवन जीने से ही आशीषें प्राप्त होती हैं।
तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं। तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन 119:104-105
बाइबल पाठ: नीतिवचन 3:1-13
Proverbs 3:1 हे मेरे पुत्र, मेरी शिक्षा को न भूलना; अपने हृदय में मेरी आज्ञाओं को रखे रहना;
Proverbs 3:2 क्योंकि ऐसा करने से तेरी आयु बढ़ेगी, और तू अधिक कुशल से रहेगा।
Proverbs 3:3 कृपा और सच्चाई तुझ से अलग न होने पाएं; वरन उन को अपने गले का हार बनाना, और अपनी हृदय रूपी पटिया पर लिखना।
Proverbs 3:4 और तू परमेश्वर और मनुष्य दोनों का अनुग्रह पाएगा, तू अति बुद्धिमान होगा।
Proverbs 3:5 तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना।
Proverbs 3:6 उसी को स्मरण कर के सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा।
Proverbs 3:7 अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न होना; यहोवा का भय मानना, और बुराई से अलग रहना।
Proverbs 3:8 ऐसा करने से तेरा शरीर भला चंगा, और तेरी हड्डियां पुष्ट रहेंगी।
Proverbs 3:9 अपनी संपत्ति के द्वारा और अपनी भूमि की पहिली उपज दे देकर यहोवा की प्रतिष्ठा करना;
Proverbs 3:10 इस प्रकार तेरे खत्ते भरे और पूरे रहेंगे, और तेरे रसकुण्डों से नया दाखमधु उमण्डता रहेगा।
Proverbs 3:11 हे मेरे पुत्र, यहोवा की शिक्षा से मुंह न मोड़ना, और जब वह तुझे डांटे, तब तू बुरा न मानना,
Proverbs 3:12 क्योंकि यहोवा जिस से प्रेम रखता है उसको डांटता है, जैसे कि बाप उस बेटे को जिसे वह अधिक चाहता है।
Proverbs 3:13 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो बुद्धि पाए, और वह मनुष्य जो समझ प्राप्त करे
एक साल में बाइबल:
- 1 इतिहास 16-18
- यूहन्ना 7:28-53