मेरे
बेटे को पुस्तकें पढ़ने का बहुत शौक है। स्कूल में यदि वह जितनी आवश्यक हैं, उनसे
अधिक पुस्तकें पढ़ लेता है, तो उसे पुरुस्कार में इसका एक प्रमाण पत्र मिलता है। यह
प्रोत्साहन उसे इस भले कार्य को करते रहने के लिए प्रेरित करता रहता है।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में जब पौलुस ने थिस्सलुनीकिया की मसीही विश्वासियों की मण्डली को पत्र
लिखा, तो उसने उन्हें किसी पुरुस्कार के द्वारा नहीं वरन प्रोत्साहन के शब्दों के
द्वारा प्रेरित किया। उसने उन्हें लिखा, “निदान, हे
भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, और
तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से
योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है,
और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते
जाओ” (1 थिस्सलुनीकियों 4:1)। ये मसीही विश्वासी अपने
जीवनों के द्वारा परमेश्वर को प्रसन्न कर रहे थे; और पौलुस ने उन्हें प्रेरित किया
कि वे ऐसा और भी अधिक करते रहें।
संभव
है कि आप और मैं आज अपने प्रेमी परमेश्वर पिता को निकटता से जानने, उससे प्रेम
करने, और उसे प्रसन्न करने में संलग्न हों। हम पौलुस के इस प्रोत्साहन को अपने लिए
लें और अपने विश्वास में बने तथा बढ़ते रहें। क्यों न इससे एक कदम और आगे बढ़ें, तथा
किसी और को भी प्रोत्साहित करें कि वह भी अपने विश्वास में बना रहे तथा बढ़ता रहे?
पौलुस
के उपरोक्त शब्दों के द्वारा आज आप किसे प्रोत्साहित कर सकते हैं? क्या आपके ध्यान
में ऐसा कोई आता है जो प्रभु परमेश्वर का अनुसरण तथा उसे प्रसन्न करने में लगा
रहता है? उसे प्रोत्साहन का एक छोटा पत्र लिखें, अथवा फोन करके प्रोत्साहित करें,
कि वह मसीही विश्वास की अपनी यात्रा में स्वयँ भी अग्रसर होता रहे, तथा औरों को भी
करता रहे।
आज
आप जो कहेंगे, हो सकता है कि उसे अपनी मसीही विश्वास में बढ़ते रहने के लिए उस
प्रोत्साहन की आवश्यकता हो! – कीला ओकोआ
आज किसी को प्रोत्साहित करें कि वह
परमेश्वर के लिए जीवन व्यतीत करता रहे।
इसलिये हे भाइयों, मैं
तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि
अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और
परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। और इस
संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने
से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की
भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव
से मालूम करते रहो। - रोमियों 12:1-2
बाइबल पाठ: 1 थिस्सलुनीकियों 4:1-12
1 Thessalonians 4:1
निदान, हे भाइयों, हम तुम से बिनती
करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर
को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ।
1 Thessalonians 4:2
क्योंकि तुम जानते हो, कि हम ने प्रभु यीशु की ओर से तुम्हें
कौन कौन सी आज्ञा पहुंचाई।
1 Thessalonians 4:3
क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात
व्यभिचार से बचे रहो।
1 Thessalonians 4:4
और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र को प्राप्त करना जाने।
1 Thessalonians 4:5
और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न उन जातियों के समान,
जो परमेश्वर को नहीं जानतीं।
1 Thessalonians 4:6
कि इस बात में कोई अपने भाई को न ठगे, और न उस पर दांव चलाए,
क्योंकि प्रभु इन सब बातों का पलटा लेने वाला है; जैसा कि हम ने पहिले तुम से कहा, और चिताया भी था।
1 Thessalonians 4:7
क्योंकि परमेश्वर ने हमें अशुद्ध होने के लिये नहीं, परन्तु
पवित्र होने के लिये बुलाया है।
1 Thessalonians 4:8
इस कारण जो तुच्छ जानता है, वह मनुष्य को नहीं, परन्तु परमेश्वर को तुच्छ जानता है, जो अपना पवित्र
आत्मा तुम्हें देता है।
1 Thessalonians 4:9
किन्तु भाईचारे की प्रीति के विषय में यह अवश्य नहीं, कि
मैं तुम्हारे पास कुछ लिखूं; क्योंकि आपस में प्रेम रखना तुम
ने आप ही परमेश्वर से सीखा है।
1 Thessalonians 4:10
और सारे मकिदुनिया के सब भाइयों के साथ ऐसा करते भी हो, पर
हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि
और भी बढ़ते जाओ।
1 Thessalonians 4:11
और जैसी हम ने तुम्हें आज्ञा दी, वैसे ही चुपचाप रहने और
अपना अपना काम काज करने, और अपने अपने हाथों से कमाने का
प्रयत्न करो।
1 Thessalonians 4:12
कि बाहर वालों के साथ सभ्यता से बर्ताव करो, और तुम्हें किसी
वस्तु की घटी न हो।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 47-49
- 1 थिस्सलुनीकियों 4