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सोमवार, 11 अप्रैल 2016

सामर्थ


   मेरी तीन वर्षीय पोती, केटी, ने एक दिन अपने माता-पिता को परमेश्वर से सम्बंधित अपनी समझ से चकित कर दिया। केटी ने उन से कहा, "आप दोनों की ही बहने थीं जिन का देहान्त हो गया। लेकिन परमेश्वर ने उन्हें अपने साथ स्वर्ग में रहने के लिए बुला लिया; परमेश्वर कितना सामर्थी है!"

   परमेश्वर की असीम सामर्थ रहस्यमय है, लेकिन फिर भी ऐसी सरल है कि एक छोटा बच्चा भी उसे समझ सकता है। उस छोटी बच्ची केटी की विचार क्षमता भी उसे बता रही थी कि ऐसा अद्भुत आश्चर्यकर्म कर पाने का अर्थ है कि परमेश्वर अति सामर्थी है। बिना इस बात की बारीकियां जाने या समझे, केटी इतना समझती थी कि उसकी फूफी और मौसी को अपने पास स्वर्ग ले लेने के द्वारा परमेश्वर ने अपनी अद्भुत सामर्थ का परिचय दिया है।

   आज के अपने इस आधुनिक और जटिल संसार में हम कितनी बार थोड़ा रुक कर परमेश्वर के सामर्थी होने और हमारे आस-पास के उसकी सामर्थ के प्रमाणों पर विचार करते हैं? शायद जितना करना चाहिए उतना तो नहीं करते। हम यह नहीं समझ पाते कि परमेश्वर ने अपने वचन द्वारा कैसे सृष्टि की रचना करी (अय्युब 38-39; भजन 33:9; इब्रानियों 11:3); ना ही हम यह जानने पाते हैं कि कैसे वह सृष्टि को नियंत्रित करता है (नहेमयाह 9:6)। हमें यह भी नहीं पता कि परमेश्वर ने कब प्रभु यीशु के देहधारी होने की योजना बनाई और कार्यान्वित करी; और ना ही यह समझ पाते हैं कि हमारे उद्धार के लिए प्रभु यीशु द्वारा दिया गया बलिदान कैसे पर्याप्त है। लेकिन हम इतना जानते हैं कि यह सब सत्य है और परमेश्वर के द्वारा हुआ है।

   परमेश्वर की सामर्थ: अपनी विलक्षणता में असीम और अगाध, परन्तु फिर भी इतनी सरल कि बच्चा भी उसे पहचान ले, उसे जान ले। ऐसा परमेश्वर के प्रति समर्पण, आज्ञाकारिता और उसकी आराधना हमारा सौभाग्य है। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर का प्रत्येक कार्य सरलता और सामर्थ से चिन्हित होता है।

तू ही अकेला यहोवा है; स्वर्ग वरन सब से ऊंचे स्वर्ग और उसके सब गण, और पृथ्वी और जो कुछ उस में है, और समुद्र और जो कुछ उस में है, सभों को तू ही ने बनाया, और सभों की रक्षा तू ही करता है; और स्वर्ग की समस्त सेना तुझी को दण्डवत करती हैं। - नहेमयाह 9:6 

बाइबल पाठ: भजन 29
Psalms 29:1 हे परमेश्वर के पुत्रों यहोवा का, हां यहोवा ही का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ को सराहो। 
Psalms 29:2 यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान हो कर यहोवा को दण्डवत करो। 
Psalms 29:3 यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुन पड़ती है; प्रतापी ईश्वर गरजता है, यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है। 
Psalms 29:4 यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है। 
Psalms 29:5 यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है; यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है। 
Psalms 29:6 वह उन्हें बछड़े की नाईं और लबानोन और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है।
Psalms 29:7 यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है। 
Psalms 29:8 यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, यहोवा कादेश के वन को भी कंपाता है।
Psalms 29:9 यहोवा की वाणी से हरिणियों का गर्भपात हो जाता है। और अरण्य में पतझड़ होती है; और उसके मन्दिर में सब कोई महिमा ही महिमा बोलता रहता है।
Psalms 29:10 जलप्रलय के समय यहोवा विराजमान था; और यहोवा सर्वदा के लिये राजा हो कर विराजमान रहता है। 
Psalms 29:11 यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 17-18
  • लूका 11:1-28